मुझे ओलंपिक जाने से रोकना चाहते हैं डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष, डोपिंग की साजिश का डर: विनेश फोगाट का आरोप
विश्व चैम्पियनशिप पदक विजेता विनेश फोगाट ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष संजय सिंह उन्हें हर हालत में ओलंपिक खेलने से रोकना चाहते हैं और उन्हें अपने खिलाफ डोपिंग की साजिश रचे जाने का भी डर है ।
29 वर्ष की विनेश ने 2019 और 2022 विश्व चैम्पियनशिप में 53 किलो में कांस्य और 2018 एशियाई खेलों में 50 किलो में स्वर्ण पदक जीता था । वह अगले सप्ताह किर्गिस्तान के बिश्केक में होने वाले एशियाई क्वालीफाइंग टूर्नामेंट के जरिये 50 किलो में ओलंपिक कोटा हासिल करना चाहती है। पटियाला में चयन ट्रायल में उन्होंने 53 किलो में भी भाग लिया था लेकिन सेमीफाइनल में हार गई थी ।
विनेश ने एक्स पर लंबी पोस्ट में लिखा ,‘‘बृजभूषण और उसके द्वारा बिठाया गया डमी संजय सिंह हर तरीके से प्रयास कर रहे हैं कि कैसे मुझे ओलंपिक में खेलने से रोका जा सके । जो टीम के साथ कोच लगाये गए हैं, वे सभी बृजभूषण और उसकी टीम के चहेते हैं तो इस बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता कि वो मेरे मैच के दौरान मेरे पानी में कुछ मिला कर पिला दें ।’’
विनेश ने कहा ,‘‘ 19 अप्रैल को एशियाई ओलंपिक क्वालीफायर शुरू हो रहा है । मैं लगातार एक महीने से भारत सरकार ( साइ , टॉप्स) सभी से मेरे कोच और फिजियो की मान्यता के लिये अनुरोध कर रही हूं । मान्यता पत्र के बिना मेरे कोच और फिजियो प्रतिस्पर्धा परिसर में मेरे साथ नहीं जा सकते लेकिन बारंबार अनुरोध के बावजूद ठोस जवाब नहीं मिल रहा है । कोई भी मदद को तैयार नहीं है । क्या हमेशा ऐसे ही खिलाड़ियों के भविष्य के साथ खेला जाता रहेगा ।’’
उन्होंने लिखा ,‘‘ क्या अब देश के लिये खेलने जाने से पहले भी हमारे साथ राजनीति क्योंकि क्योकि हमने यौन उत्पीड़न के खिलाफ आवाज उठाई । क्या हमारे देश में गलत के खिलाफ आवाज उठाने की यही सजा है । उम्मीद है कि देश के लिये खेलने जाने से पहले तो हमें न्याय मिलेगा ।’’
विनेश देश के उन तीन शीर्ष पहलवानों में से है जिन्होंने डब्ल्यूएफआई के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न के आरोप लगाकर प्रदर्शन की अगुवाई की थी । दिल्ली पुलिस ने बृजभूषण के खिलाफ मामला दर्ज की लेकिन जुलाई में स्थानीय अदालत से उन्हें जमानत मिल गई ।
उन्होंने कहा ,‘‘ अगर मैं ऐसा कहूं कि मुझे डोप में फंसाने की साजिश हो सकती है तो गलत नहीं होगा । हमें मानसिक रूप से प्रताड़ित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही । इतनी महत्वपूर्ण स्पर्धा से पहले हमारे साथ ऐसे मानसिक उत्पीड़न कहां तक जायज है ।’’