बजरंग, विनेश को एशियाई खेलों में सीधा प्रवेश दिए जाने से नाखुश पहलवान, अंतिम पंघाल ने की निष्पक्ष जांच की मांग
भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) की तदर्थ समिति द्वारा ओलंपिक पदक विजेता बजरंग पूनिया और विश्व चैम्पियनशिप पदक विजेता विनेश फोगाट को एशियाई खेलों में सीधे प्रवेश दिए जाने पर पहलवान अंतिम पंघाल ने आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि पिछले एक साल में विनेश फोगाट ने कोई उपलब्धि हासिल नहीं की है और इसकी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।
बता दें कि तदार्थ समिति द्वारा यह निर्णय हालांकि राष्ट्रीय मुख्य कोच की सहमति के बिना लिया गया है। पहलवान अंतिम पंघाल ने कहा, "विनेश (फोगाट) को सीधे प्रवेश मिल गया। पिछले एक साल में उनके नाम कोई उपलब्धि नहीं है, लेकिन इसके बावजूद उन्हें सीधे प्रवेश दिया जा रहा है। मैंने 2022 जूनियर विश्व चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक जीता।"
<blockquote class="twitter-tweet"><p lang="en" dir="ltr"><a href="https://twitter.com/hashtag/WATCH?src=hash&ref_src=twsrc%5Etfw">#WATCH</a> | Wrestler Antim Panghal says, "Vinesh (Phogat) is being sent directly, she doesn't have any achievements in the last one year but despite that, she is being sent directly. Even in the Commonwealth Games trial, I had a 3-3 bout with her. Then too, I was cheated...A fair… <a href="https://t.co/X6b5LzOuyd">https://t.co/X6b5LzOuyd</a> <a href="https://t.co/gdVKPdd0Bq">pic.twitter.com/gdVKPdd0Bq</a></p>— ANI (@ANI) <a href="https://twitter.com/ANI/status/1681548145023676416?ref_src=twsrc%5Etfw">July 19, 2023</a></blockquote> <script async src="https://platform.twitter.com/widgets.js" charset="utf-8"></script>
पहलवान ने कहा, "उन्होंने (विनेश) एक साल से कोई प्रैक्टिस नहीं की है। कॉमनवेल्थ खेलों के ट्रायल्स में भी, उनके साथ मेरी 3-3 की बाउट हुई। फिर भी, मुझे धोखा दिया गया। इस मामले में निष्पक्ष सुनवाई होनी चाहिए। जो एशियन खेलों में जाएगा, उसे विश्व चैंपियनशिप में भी भेज देंगे, फिर वही ओलंपिक में जाएगा। मेरे माता पिता ने इतना त्याग किया है, ऐसा थोड़े ही होता है। क्या मुझे कुश्ती छोड़ देनी चाहिए?"
अंतिम पंघाल ने कहा, " मैं बस एक निष्पक्ष सुनवाई चाहती हूं। मैं यह नहीं कह रही हूं कि केवल मैं ही उन्हें हरा सकती हूं, वहां कई महिला पहलवान हैं जो ऐसा कर सकती हैं।" गौरतलब है कि भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) द्वारा नियुक्त तदर्थ समिति ने एक परिपत्र में कहा कि उसने पहले ही पुरुषों की फ्रीस्टाइल 65 किग्रा और महिलाओं की 53 किग्रा में पहलवानों का चयन कर लिया है।
इसके बावजूद तीनों शैलियों में से सभी छह वजन श्रेणियों में ट्रायल आयोजित किए जाएंगे। तदर्थ समिति ने परिपत्र में बजरंग और विनेश का नाम नहीं लिया, लेकिन पैनल के सदस्य अशोक गर्ग ने ‘पीटीआई-भाषा’ से पुष्टि की कि दोनों पहलवानों को ट्रायल से छूट दी गई है। इसके अलावा, तदर्थ समिति ने 23 सितंबर को चीन के हांगझोउ में होने वाले एशियाई खेलों के लिए कुश्ती टीम का चयन करने के लिए ट्रायल से चार दिन पहले यह निर्णय लिया।
आपको बता दें कि ग्रीको-रोमन और महिलाओं के फ्रीस्टाइल ट्रायल 22 जुलाई को होने हैं और पुरुषों के फ्रीस्टाइल ट्रायल 23 जुलाई को नई दिल्ली के इंदिरा गांधी स्टेडियम में होंगे। बजरंग की बात करें तो वह, 65 किग्रा वर्ग में चुनौती पेश करते हैं। वह डब्ल्यूएफआई के निवर्तमान अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी की मांग को लेकर जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करने वाले छह पहलवानों में से एक हैं। वह इस समय किर्गिस्तान के इस्सिक-कुल में प्रशिक्षण ले रहे हैं।
इधर, जकार्ता एशियाई खेलों (2018) में स्वर्ण पदक जीतने वाली 53 किग्रा पहलवान विनेश हंगरी के बुडापेस्ट में प्रशिक्षण ले रही हैं। कुश्ती से जुड़े सूत्र के मुताबिक बजरंग और विनेश को छूट देने का कदम उनके साथी प्रतिस्पर्धियों को पसंद नहीं आया। इन पहलवानों ने अदालत का दरवाजा खटखटाने की चुनौती दी है। अंतिम पंघाल का वीडियो सामने आने के बाद हंगामे की स्थिति बन गई है।