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04 August 2021

टोक्यो ओलंपिक: जानें कौन हैं रेसलर रवि दहिया, जिनसे देश को है गोल्ड की उम्मीद

ट्वीटर

टोक्यो ओलंपिक 2020 के फ़्री स्टाइल कुश्ती के फाइनल में एंट्री के बाद रेसलर रवि दहिया से भारतीय फैंस की उम्मीदें बढ़ गई है। मंगलवार को उन्होंने पहले प्री-क्वार्टर फाइनल में कोलंबिया के रेसलर ऑस्कर टिगरेरोस उरबानो को हराया। उसके बाद आज 57 किलोग्राम कैटेगरी के क्वार्टर फाइनल मैच में बुल्गारिया के जॉर्डी वैंगेलोव को 14-4 से मात दी। जिसके बाद रवि कुमार अब सेमीफाइनल में एंट्री मार चुके हैं। फैंस को आशा है कि इस बार वह भारत को गोल्ड जीता कर रहेंगे।

5 फीट 7 इंट की लंबाई वाले रवि दहिया अपनी कैटेगरी में सबसे लंबे पहलवानों में से एक हैं। 2019 में वह कजाखिस्तान के नूर सुल्तान में हुई वर्ल्ड रेसलिंग चैंपियनशिप में बॉन्ज मेडल जीतकर ओलंपिक के लिए क्वालिफाई हुए थे।

रवि दहिया का जन्म 1997 में हरियाणा के सोनीपत जिले के नहरी गांव में हुआ था। उनका जन्म किसानों के परिवार में हुआ था। उनके पिता किसान थे, लेकिन उनके पास खुद की जमीन नहीं थी वह किराए की जमीन पर खेती कर अपना गुजारा करते थे। 10 साल की उम्र से ही रवि ने दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम में अपनी ट्रेनिंग शुरू कर दी थी। उन्होंने अपनी ट्रेनिंग 1982 के एशियन गेम्स में गोल्ड जीतने वाले सतपाल सिंह से ली है।

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रवि कुमार दहिया को पहलवान बनाने के पीछे की महनत किसी और की नहीं बल्कि उनके पिता की है। आर्थिक तंगी के बावजूद उन्होंने अपने बेटे की ट्रेनिंग में कोई कमी नहीं छोड़ी थी। रवि के पिता राकेश हर रोज गांव से करीब 40 किलोमीटर दूर स्थित छत्रसाल स्टेडियम दूध और फल पहुंचवाया करते थे।

उनके पिता ने अपने बेटे के सपने पूरे करने के लिए कड़ी महनत की है। यहां तक की जब रवि 2019 में वर्ल्ड चैंपियनशिप में ब्रॉन्ज जीत कर लाए थे, काम के कारण उन्होंने अपने बेटे का प्रदर्शन तक नहीं देख पाया था।

रवि की प्रतिभा 2015 में सामने आई थी जब उन्होंने जूनियर वर्ल्ड रेसलिंग चैंपियनशिप के 55 किलोग्राम कैटेगरी में सिल्वर मेडल जीता था। उस मुकाबले के सेमीफाइनल में रवि चोटिल हो गए थे। जिसके बाद सीनियर वर्ग में करियर बनाने के दौरान चोट के कारण उन्हें पीछे भी हटना पड़ा। उनकी पुरानी चोट ने 2017 में सीनियर नेशनल्स में उन्हें परेशान किया था। जिसकी वजह से उन्होंने मैट से कुछ वक्त कर दूरी बना ली थी।

रवि को उस चोट से ठीक होने में लगभग एक साल तक का समय लग गया था। हालांकि चोट ठीक होने के बाद उन्होंने अपने पहले वाले अंदाम में धमाकेदार वापसी की। 2018 में उन्होंने वर्ल्ड अंडर 23 रेसलिंग चैंपियनशिप में 57 किलोग्राम कैटेगरी में सिल्वर जीता था।

सन् 2019 में रवि दहिया ने वर्ल्ड चैंपियनशिप के सिलेक्शन में सीनियर रेसलर उत्कर्ष काले और ओलंपियन संदीप तोमर को मात दी थी। 2020 में भी रवि का प्रदर्शन काफी अच्छा रहा। देश में कोविड के पहले उन्होंने मार्च में दिल्ली में हुई एशियन रेसलिंग चैंपियनशिप में गोल्ड पर कब्जा जमाया था। 

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TAGS: टोक्यो ओलंपिक, रवि दहिया, फ़्री स्टाइल कुश्ती, कुश्ती का फाइनल, रवि कुमार, tokyo olympics, ravi dahiya, freestyle wrestling, wrestling final, ravi kumar
OUTLOOK 04 August, 2021
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