नो मोर चोकर्स: दक्षिण अफ्रीका ने जीता वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप, ऑस्ट्रेलिया को 5 विकेट से हराया
दक्षिण अफ्रीका ने 14 जून, 2025 को लॉर्ड्स क्रिकेट ग्राउंड पर खेले गए विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) 2025 के फाइनल में ऑस्ट्रेलिया को पांच विकेट से हराकर ऐतिहासिक जीत हासिल की। यह दक्षिण अफ्रीका की 27 साल की आईसीसी ट्रॉफी की सूखे को खत्म करने वाली जीत थी, जिसने उन्हें पहली बार WTC का खिताब दिलाया। एडन मार्करम की नाबाद 136 रन की शतकीय पारी और कप्तान टेंबा बवुमा की 66 रन की साहसी पारी ने 282 रनों के लक्ष्य को हासिल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
मैच के तीसरे दिन दक्षिण अफ्रीका 213/2 पर था, लेकिन चौथे दिन बवुमा जल्दी आउट हो गए, जिससे थोड़ा दबाव बढ़ा। इसके बावजूद, मार्करम ने शानदार बल्लेबाजी जारी रखी और केवल छह रन शेष रहते आउट हुए। ट्रिस्टन स्टब्स (8) भी मिशेल स्टार्क की गेंद पर जल्दी आउट हुए, लेकिन डेविड बेडिंगहम और काइल वेरिन ने अंतिम रन बनाकर दक्षिण अफ्रीका को जीत दिलाई। इस जीत ने दक्षिण अफ्रीका के क्रिकेट इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ा, जो पहले केवल 1998 में चैंपियंस ट्रॉफी जीत सका था।
मैच की शुरुआत में दक्षिण अफ्रीका ने टॉस जीतकर गेंदबाजी चुनी। कगिसो रबाडा (5/51) और मार्को यानसन (3/49) ने ऑस्ट्रेलिया को पहली पारी में 212 रनों पर समेट दिया। स्टीव स्मिथ (66) और ब्यू वेबस्टर (72) ने कुछ हद तक ऑस्ट्रेलिया को संभाला, लेकिन रबाडा की शानदार गेंदबाजी ने उन्हें बढ़त नहीं लेने दी। जवाब में, दक्षिण अफ्रीका की पहली पारी 138 रनों पर सिमट गई, जिसमें पैट कमिंस ने 6/28 के शानदार आंकड़े हासिल किए। ऑस्ट्रेलिया की दूसरी पारी में रबाडा (4/59) और लुंगी नगीदी (3/38) ने फिर कमाल दिखाया, लेकिन मिशेल स्टार्क (58) और जोश हेजलवुड ने अंतिम विकेट के लिए 59 रन जोड़कर ऑस्ट्रेलिया को 207 तक पहुंचाया, जिससे लक्ष्य 282 रन का हुआ।
तीसरे दिन मार्करम और बवुमा ने 143 रनों की साझेदारी की, जिसमें बवुमा ने हैमस्ट्रिंग चोट के बावजूद बल्लेबाजी की। स्मिथ द्वारा बवुमा का कैच छूटना ऑस्ट्रेलिया के लिए महंगा साबित हुआ। चौथे दिन केवल 69 रन चाहिए थे, और मार्करम की शानदार बल्लेबाजी ने जीत को आसान बना दिया। रबाडा ने मैच में नौ विकेट लिए, जिससे वह दक्षिण अफ्रीका के चौथे सबसे सफल टेस्ट गेंदबाज बन गए। इस जीत ने दक्षिण अफ्रीका की सात टेस्ट जीत की स्ट्रीक को बरकरार रखा, जो उनकी 2002-2003 की नौ जीत के बाद दूसरी सबसे बड़ी है। ऑस्ट्रेलिया के लिए यह हार उनके डब्ल्यूटीसी खिताब को डिफेंड करने की उम्मीदों पर झटका थी।