तोक्यो ओलंपिक के बाद पेरिस में कांस्य जीतने के बाद श्रीजेश ने हॉकी से विदा ली।
भारतीय हॉकी की दीवार कहे जाने वाले श्रीजेश एशियाई खेलों में दो स्वर्ण और चैम्पियंस ट्रॉफी में दो रजत भी जीत चुके हैं।
हॉकी इंडिया ने उन्हें जूनियर टीम का नया मुख्य कोच बनाया है।
प्रधानमंत्री मोदी ने पत्र में लिखा ,‘‘मुझे विश्वास है कि नयी भूमिका में भी आपका काम उतना ही प्रभावी और प्रेरणास्पद होगा ।’’
उन्होंने 16 अगस्त को लिखे पत्र में कहा ,‘‘आपने खेल से विदा लेने का फैसला किया है और मैं भारतीय हॉकी में आपके अपार योगदान की ह्रदय से सराहना करता हूं।’’
श्रीजेश ने प्रधानमंत्री मोदी का पत्र साझा करते हुए एक्स पर लिखा ,‘‘मेरे संन्यास पर नरेंद्र मोदी सर का पत्र मिला । हॉकी मेरा जीवन है और मैं खेल की सेवा करता रहूंगा। भारत को हॉकी की महाशक्ति बनाने के लिये काम करता रहूंगा जिसकी शुरूआत 2020 और 2024 ओलंपिक पदकों से हो गई है। मुझ पर विश्वास जताने के लिये धन्यवाद प्रधानमंत्री सर।’’
श्रीजेश के कैरियर के बारे में मोदी ने 2014 एशियाई खेलों में उनके प्रदर्शन को याद किया। इसके अलावा रियो , तोक्यो और पेरिस ओलंपिक में उनके प्रदर्शन का भी जिक्र किया।
उन्होंने लिखा ,‘‘ऐसी अनगिनत यादें हैं और इनके लिये एक पत्र पर्याप्त नहीं है।"
उन्होंने लिखा ,‘‘आपको मिले विभिन्न पुरस्कार, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पदक बताते हैं कि आपने किन ऊंचाइयों को छुआ है। लेकिन इसके बावजूद आपकी विनम्रता और गरिमा , मैदान से भीतर और बाहर , प्रशंसनीय है।’’
प्रधानमंत्री मोदी ने लिखा ,‘‘मुझे विश्वास है कि आपका जुनून, प्रतिबद्धता और समर्पण अगली पीढी के विश्व विजेताओं को तैयार करेगा ।मैं आपको आपके अथक समर्पण, शानदार कैरियर और भारत को गौरवान्वित करने के लिये धन्यवाद देता हूं । इन सभी यादों के लिये धन्यवाद और भविष्य के लिये शुभकामना।"