ओलंपिक विश्व कप से बाहर किये जाने से खफा रूस, राष्ट्रपति पुतिन ने बताया चार्टर का उल्लंघन
विश्व डोपिंग रोधी एजेंसी (वाडा) की ओर से रूस पर लगाए प्रतिबंध को लेकर राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि वाडा का फैसला ओलंपिक चार्टर का उल्लंघन है और रूस के पास इसके खिलाफ अदालत जाने के सभी कारण मौजूद हैं। दरअसल, वाडा ने रूस पर 4 साल का बैन लगा दिया है। इसका मतलब यह है कि अब रूस अगले चार साल तक किसी भी प्रकार के मुख्य खेल आयोजनों में हिस्सा नहीं ले पाएगा।
वाडा ने सोमवार को प्रयोगशाला के डाटा में हेरफेर कर आंकड़े सौंपने का आरोप लगाते हुये रूस पर चार साल के लंबे समय के लिये ओलंपिक और विश्व चैंपियपशिप जैसे सभी बड़े अंतरराष्ट्रीय खेलों में हिस्सा लेने और उनकी मेजबानी करने या उसकी मेजबानी प्रक्रिया में हिस्सा लेने से प्रतिबंधित करने का फैसला सुनाया है।
हमारे पास अदालत जाने के लिए सभी विकल्प मौजूद
पुतिन ने सोमवार को वाडा के फैसले की चुनौती देने के सवाल पर कहा, “सबसे पहले हमें वाडा के फैसले का विश्लेषण करने की जरूरत है।” उन्होंने कहा, “प्रतिबंध लगाने का आधार क्या है और मैं मेरे अनुसार वाडा को रूस ओलंपिक राष्ट्रीय समिति खिलाफ कोई शिकायत नहीं है और यदि नहीं है, तो रूस को राष्ट्रीय ध्वज के नीचे प्रतिस्पर्धा करने देना चाहिए। यह ओलंपिक चार्टर है और वाडा अपने निर्णय से ओलंपिक चार्टर का उल्लंघन करता है। हमारे पास अदालत जाने के लिए सभी विकल्प मौजूद हैं।”
‘कोई भी सजा व्यक्तिगत होनी चाहिए’
उन्होंने कहा,“कोई भी सजा व्यक्तिगत होनी चाहिए। दंड सामूहिक प्रकृति का नहीं हो सकता है और यह ऐसे लोगों पर भी लागू हो रहा है जिन्होंने कुछ गलत नहीं किया। हर कोई इसे समझता है। मुझे लगता है कि वाडा के विशेषज्ञ भी इसे समझते हैं।” रूस की डोपिंग रोधी एजेंसी हालांकि इस फैसले के 21 दिनों के भीतर खेलों की सबसे बड़ी अदालत खेल पंचाट में अपील कर सकती है।
क्या है मामला?
उल्लेखनीय है कि वाडा ने सोमवार को रूस पर एक डोपिंगरोधी प्रयोगशाला से गलत आंकड़े देने के आरोप लगाते हुए चार साल का प्रतिबंध लगा दिया, जिसकी वजह से रूस तोक्यो ओलिंपिक 2020 और बीजिंग शीतकालीन ओलिंपिक 2022 सहित वैश्विक खेल प्रतियोगिताओं में भाग नहीं ले पाएगा। वाडा ने इसी के तहत रूस से सभी बड़े खेल टूनार्मेंटों की मेजबानी का अधिकार भी वापस ले लिया है जिसमें मुख्य रूप से ओलंपिक और विश्व चैंपियनशिप शामिल है। इससे पहले रूस की मेजबानी में सोच्चि में शीतकालीन ओलंपिक खेलों का आयोजन किया गया था जिसमें उस पर डोपिंग के आरोप लगे थे।