एशियन गेम्सः सिंधु के हाथ से फिसला सोना, हार कर भी रचा इतिहास
एशियन गेम्स के 10वें दिन भारतीय खिलाड़ियों का बेहतरीन प्रदर्शन जारी है। मंगलवार को सबकी निगाहें बैंडमिंटन पर थी, जहां फाइनल में वर्ल्ड नंबर तीन पीवी सिंधु का मुकाबला नंबर एक खिलाड़ी ताइ जू यिंग से था। इस मुकाबले में यिंग ने सिंधु से सीधे सेट में 21-13, 21-16 से जीत हासिल की और सिंधु को सिल्वर मेडल से संतोष करना पड़ा। हालांकि, मैच हारने के बावजूद सिंधु एशियन गेम्स में बैडमिंटन में सिल्वर मेडल जीतने वाली पहली भारतीय खिलाड़ी बन गईं।
इससे पहले सिर्फ सैयद मोदी, साइना नेहवाल ही बैडमिंटन के सिंगल मुकाबले में कोई पदक जीत चुके हैं। साइना और मोदी के हिस्से ब्रॉन्ज मेडल आए थे, लेकिन सिंधु ने सिल्वर मेडल जीतकर नया कीर्तीमान बनाया है। सैयद मोदी ने 1982 के एशियन गेम्स में ब्रॉन्ज मेडल जीता था, जबकि साइना ने मौजूदा एशियन गेम्स में ही यह कारनामा दिखाया है।
झोली में अब तक 44 पदक
इससे पहले तीरंदाजी में भारतीय महिला और पुरुष टीम ने भी सिल्वर मेडल जीता। इसके साथ ही, भारत की झोली में कुल आठ गोल्ड, 16 सिल्वर और 20 ब्रॉन्ज सहित 44 पदक हो गए हैं।
बता दें कि एशियन गेम्स के नौवें दिन भारत के नीरज चोपड़ा ने जैवलीन थ्रो में गोल्ड जीता था। उनके अलावा, महिला लंबी कूद नीना वरकिल ने सिल्वर मेडल जीता था। धारुन अय्यासामी ने 400 मीटर बाधा दौड़ और सुधा सिंह ने 3000 मीटर स्टीपलचेज में भारत को सिल्वर मेडल दिलाया था।
सिंधु की “फाइनल बाधा”
ऐसा पहली बार नहीं है, जब पीवी सिंधु को किसी फाइनल मुकाबले में हार का सामना करना पड़ा है। इससे पहले 2016 के रियो ओलंपिक के फाइनल मुकाबले में कैरोलीना मरीन, तो 2017 के वर्ल्ड चैंपियनशिप फाइनल में नाओमी ओखुहारा से हार का सामना करना पड़ा था। 2018 के वर्ल्ड चैंपियनशिप के फाइनल में एक बार फिर कैरोलीना मरीन ने उन्हें हराया। जबकि इसी साल कॉमनवेल्थ गेम्स के फाइनल मुकाबले में सिंधु को हमवतन साइना नेहवाल से हार का सामना करना पड़ा था।
टेबल टेनिस में ब्रॉन्ज
एशियन गेम्स में टेबिल टेनिस में ब्रॉन्ज मेडल जीतकर भारतीय पुरुष टीम ने इतिहास रच दिया है। पुरुषों की टीम ने सेमीफाइनल में दक्षिण कोरिया से हार के बाद यह मुकाम हासिल किया है।