आेलंपिक : अब टोक्यो में मिलेंगे, भारत 67 वें स्थान पर, अमेरिका को 121 पदक
अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) के अध्यक्ष थामस बाक ने टोक्यो में 2020 में मिलने के वादे के साथ इन खेलों का समापन किया। टोक्यो को 2020 ओलंपिक की मेजबानी दी गई है और इस अवसर पर जापान ने अपने प्रधानमंत्री शिंजो एबे के नेतृत्व में 32वें ओलंपिक खेलों की तैयारियों की अपनी झलक पेश की। बाक ने इस दौरान रियो के मेयर एडवडरे पेस से ओलंपिक झंडा लेकर टोक्यो की मेयर (गवर्नर) यूरीकी कोइके को सौंपा।
इस मौके पर ब्राजील का नेशनल एंथम 27 बच्चों ने गाया। इसके बाद ओलंपिक में हिस्सा लेने वाले 207 देशों के खिलाड़ियों ने स्टेडियम में मार्च पास्ट करना शुरू किया। इसमें सबसे पहले ओलंपिक खेलों की शुरुआत करने वाला देश ग्रीस था। ब्राजील और जापान का दल एक साथ स्टेडियम में दाखिल हुए, क्योंकि ब्राजील ने इस बार के ओलंपिक की मेजबानी की तो अगले ओलंपिक की मेजबानी जापान करेगा।
भारत की तरफ से रेसलिंग में कांस्य पदक जीतने वाली साक्षी मलिक भारतीय ध्वज लेकर स्टेडियम में दाखिल हुईं। पीवी सिंधू स्वदेश वापस लौट चुकी हैं और इसी वजह से वो इस इवेंट का हिस्सा नहीं बनीं।
रियो ओलंपिक में भारत का प्रदर्शन आशा के अनुरुप नहीं रहा। इस बार रियो में 119 खिलाड़ियों का दल भेजा गया था, जिसमें भारत को सिर्फ 2 पदक मिले। रियो में सिर्फ पीवी सिंधू (सिल्वर) और साक्षी मलिक (ब्रॉन्ज) ही मेडल जीत पाईं। इस साल किसी भी भारतीय पुरुष खिलाड़ी को मेडल नहीं मिला। दो मेडल के साथ भारत को ओलंपिक की मेडल लिस्ट में 67वां स्थान मिला।
रियो ओलंपिक की समाप्ति के साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ओलिंपिक की मेजबानी के लिए ब्राजील का आभार व्यक्त किया है। उन्होंने ट्विटर पर लिखा, 'पूरी दुनिया के लोगों का स्वागत करने और एक यादगार ओलंपिक आयोजित करने के लिए मेजबान ब्राजील के प्रति आभार।' पीएम ने इसके साथ ही रियो ओलंपिक में शामिल भारतीय दल को बधाई देते हुए कहा कि हर खिलाड़ी ने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया।