धोनी ने नहीं बताया सीक्रेट फॉर्मुला, फिर भी जानिए कप्तानों की खास स्ट्रैटेजी
इंडियन प्रीमियर लीग के 12वें सीजन में 44 यानी लीग के लगभग 75% मैच हो चुके हैं। ऐसे में हम बात कर रहे हैं कप्तानी की, एक तर्क यह भी दिया जाता है कि टी-20 क्रिकेट में खिलाड़ियों को 3 घंटे के खेल के लिए नेतृत्व की आवश्यकता नहीं होती है, जहां सभी को 20 ओवरों में दूसरी टीम को ताबडतोड़ खेल से हराना पड़ता है। लेकिन आज के खेल जगत में विश्व टी-20 टूर्नामेंट ओडीआई विश्व कप की तुलना में अधिक प्रचलित है क्योंकि रणनीति और योजनाएं और सोच 50-ओवर क्रिकेट के रूप के मुकाबले छोटे प्रारूप में ज्यादा प्रभावी होती हैं। ऐसा लगता जरूर है कि इस फटाफट खेल में सब कुछ बहुत आसानी से हो जाता है, लेकिन ऐसे तेज तर्रार खेल में कप्तान को भी काफी तेज और परिस्थिति के अनुसार फैसले लेने पड़ते हैं।
इंडियन प्रीमियर लीग ट्रॉफी जीतने का कोई निश्चित तरीका तो नहीं है, लेकिन एक ऐसा कारक है जरूर है, जो टीम के अभियान को बना या तोड़ सकता है और वह है कप्तान। यहां हम आईपीएल के कप्तानों की बात करेंगे जो 2019 के अभियान में शामिल हैं और उनका खुद का और टीम का उनके नेतृत्व में कैसा प्रदर्शन रहा है।
चैन्नई सुपर किंग्स(सीएसके) के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी
सीएसके को हमेशा से ही आईपीएल का सबसे मजबूत दावेदार माना जाता है, और इसके पिछे सबसे बड़ा हाथ उसके कप्तान धोनी को है। धोनी को अगर विश्व का सबसे बेहतरीन कप्तान कहा जाए तो गलत नही होगा। धोनी के पास अनुभव के साथ-साथ एक बेहतरीन टीम संयोजन भी है। धोनी की सबसे बड़ी खासियत है कि उन्हे पता होता है कि किस खिलाड़ी कि क्या कमजोरी है और उसे कैसे आउट करना है। फील्ड प्लेसिंग के साथ ही वे सही समय पर गेंदबाजी को बदलने में भी माहिर हैं। आईपीएल के 12वें सीजन में भी धोनी की टीम अंक तालिका में शीर्ष पर काबिज है। बता दें कि सीएसके अब तक आईपीएल के तीन(2010, 2011 और 2018) सीजन जीत चुकी है जबकि दो सीजन में उस पर बैन भी रहा था। टीम के पास नौ बार प्लेऑफ और सात बार फाइनल में पहुंचने का भी रिकॉर्ड है। इस सीजन में भी टीम का प्रदर्शन शानदार रहा है उसने 12 मैचों में से आठ जीतें हैं और चार हारे हैं। धोनी 10 मैचों में उनके शीर्ष स्कोरर भी रहे हैं, जिन्होंने 104.66 के औसत और 137.11 के स्ट्राइक रेट से 314 रन बनाए हैं।
मुंबई इंडियंस(एमआई) के कप्तान रोहित शर्मा
मुबंई का नाम जब भी आता है तो एक ऐसी टीम सामने आती है जो बहुत ही उमदा है, लेकिन दबाव की स्तिथि में वह बिखर सी जाती है। वहीं अगर बात करें कप्तान रोहित शर्मा की तो वे धोनी के बाद सबसे सफल कप्तान हैं उनकी कप्तानी में मुबंई ने 2013, 2015 और 2017 में खिताब जीते हैं। मुंबई की कप्तानी ने ही उन्हे भारतीय टीम की उप कप्तानी भी दिलवाई है। वे एक आक्रमक कप्तान हैं और शुरू से ही दूसरी टीम पर हावी होकर खेलते हैं। इस बार उनका बल्ला शांत रहा है, उन्होने 10 मैचों में 295 रन ही बनाए हैं। 11 में से सात मैच जीतकर और चार हारकर वे दूसरे स्थान पर काबिज हैं।
दिल्ली कैपिटल्स(डीसी) के कप्तान श्रेयस अय्यर
दिल्ली की टीम का प्रदर्शन हमेशा ही बहुत सामान्य सा रहा है, उसने 2008-09 में सेमीफाइनल में जगह बनाई थी लेकिन उसके बाद वे प्लेऑफ या लीग मैचो में ही बाहर हो गये थे। दिल्ली के कई कप्तान बदले हैं सबसे पहले विरेंद्र सहवाग टीम के कप्तान थे। हालांकि इस बार उनकी टीम पूरी तरह से बदली हुई है, इस बार उनके कप्तान श्रेयस अय्यर हैं और मुख्य कोच हैं रिकी पॉटिंग। टीम में सलाहकार की भूमिका में हैं सौरव गांगुली और यही कारण भी है कि इस बार टीम का प्रदर्शन बहुत सराहनीय रहा है, उन्होने 11 में से सात मैच जीते और चार हारें हैं और अंक तालिका पर तीसरे स्थान पर हैं। वहीं बात करें श्रेयस अय्यर की तो वे एक अच्छे खिलाड़ी हैं लेकिन कप्तानी में अभी उनके पास अनुभव की कमी है।
सनराइजर्स हैदराबाद(एसआरएच) के कप्तान केन विलियम्स
हैदराबाद की टीम इस बार पूरी तरह से डेविड वार्नर की तूफानी बल्लेबाजी पर निर्भर कर रही है। वार्नर ने आईपीएल में सबसे ज्यादा 574 रन बनाए हैं। इस टीम के कप्तान हैं केन विलियम्स हैं लेकिन उन्होने महज चार ही मैच खेले हैं। हैदराबाद अंक तालिका में चौथे स्थान पर है और उसने 10 में से पांच जीते और पांच हारे हैं। केन विलियम्स एक बेहतरीन कप्तान हैं उनके पास अनुभव है लेकिन इस आईपीएल में वे ज्यादा नही खेल पाएं है।
किंग्स इलेवन पंजाब के कप्तान आर अश्विन
किंग्स इलेवन पंजाब उन चुनिंदा टीमों में से एक है, जिसने उद्घाटन एडिशन में एंट्री जरूर की, लेकिन अब तक खिताब जीतने में सफल नहीं रही है। पंजाब ने 2014 में फाइनल में जरूर प्रवेश किया था, लेकिन कोलकाता नाइटराइडर्स से शिकस्त झेली थी। 2015 और 2016 में टीम का प्रदर्शन एक बार फिर फ्लॉप रहा और वह आठवें स्थान पर रही। पिछले साल पंजाब ने अपने प्रदर्शन में थोड़ा सुधार दिखाया और पांचवां स्थान हासिल किया। टीम के कप्तान हैं आर अश्विन जो इस बार विवादो के घेरे में रहे थे, पहले माकंडिग और फिर बैंगलुरू के खिलाफ आउट होने के बाद गुस्से में दस्ताने फेंकना। इस सीजन में वे पांचवे स्थान पर हैं। आर अश्विन एक आक्रमक खिलाड़ी हैं जो उन्हे एक आक्रमक कप्तान भी बनाता है। जिस वजह से वे कई बार गलत फैसले भी ले लेते हैं।
कोलकाता नाइट राइडर्स(केकेआर) के कप्तान दिनेश कार्तिक
कोलकाता नाइट राइडर्स यानी एक ऐसी टीम जिसने 2012 और फिर 2014 में आईपीएल की ट्रॉफी जीती है। गौतम गंभीर ने इस टीम को खड़ा किया और अब जबकि वो संन्यास ले चुके हैं तो कप्तानी की जिम्मेदारी दिनेश कार्तिक को सौंपी गई है, लेकिन इस आईपीएल में इस टीम का प्रदर्शन बहुत अच्छा नही रहा है। वे लगातार पिछले पांच मैच हार गये हैं, और उसकी हार का मुख्य कारण एक ही खिलाड़ी पर ज्यादा निर्भर होना जो हैं आंद्रे रसल। टीम अंक तालिका में छठे स्थान पर हैं। दिनेश कार्तिक ने पिछली पारी बहुत शानदार खेली थी लेकिन कप्तानी में उनसे बहुत गलतियां हुई हैं, फिल्डिंग को लगाने में और गेंदबाजी में सही समय पर बदलाव न कर पाना।
राजस्थान रॉयल्स(आरआर) के कप्तान अंजिक्या रहाणे
इंडियन प्रीमियर लीग के पहले सीजन का खिताब राजस्थान रॉयल्स ने जीता था, लेकिन उसके बाद उसका प्रदर्शन उस तरह क नहीं रहा। हालिया सीजनों की बात करें तो उसे दो सीजन (2016 और 2017) के लिए निलंबित कर दिया गया था। इस बार टीम की कप्तानी रहाणे को दी गई है, लेकिन उनकी कप्तानी में टीम कुछ खास प्रदर्शन नही कर पा रही है। टीम अंक तालिका में सातवें स्थान पर है, हालांकि रहाणे ने जरूर अच्छा खेल दिखाया है, लेकिन सवाल उनकी कप्तानी का है जो बहुत खराब रही है। उनकी टीम ने भी अच्छा प्रदर्शन नही किया है, स्टीव स्मिथ का फार्म से बाहर रहना और खराब फिल्डिंग भी एक बड़ा हार का कारण रहा है।
रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर(आरसीबी) के कप्तान विराट कोहली
रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के पास हमेशा अच्छी टीम रही है लेकिन वह अपेक्षित परिणाम हासिल नहीं कर पाई है। उसके कप्तान विराट कोहली को तो इस बार काफी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा है। टीम ने शुरूआती छह मैच लगातार हारे थे और चारो तरफ से आलोचना का शिकार होना पड़ा था। कोहली की फार्म भी बहुत ज्यादा अच्छी नही रही है, साथ ही टीम में विश्व के सबसे धमाकेदार बल्लेबाज एबी डिवीलियर्स भी फार्म में नही हैं। इस सीजन में तो उनको कप्तानी तक छोड़ने को कहा जा रहा था और हर बार की तरह इस बार भी उनकी गेंदबाजी एक कमजोर पहलू है। साथ ही ज्यादा आक्रमक होकर कई बार फैसले गलत हो जाते हैं, जो कोहली पर लागू होता है। टीम के एक साथ जोड़कर न चल पाना भी उनकी बड़ी विफलता है।