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04 August 2021

किसान-पुत्र, आर्मी अफसर और अब ओलंपिक में भारत की आस, जानें कौन हैं नीरज चोपड़ा

पीटीआइ

जापान की राजधानी टोक्यो में खेलों के महाकुंभ ओलंपिक की जैवलिन थ्रो यानी भाला फेंक के क्वालिफिकेशन राउंड में भारत के नीरज चोपड़ा पहले नंबर पर रहे हैं। उन्होंने अपने पहले ही प्रयास में 88.65 मीटर का थ्रो किया। नीरज अब 7 अगस्त को फाइनल खेलेंगे। नीरज को शुरू से ही टोक्यो ओलंपिक में मेडल का दावेदार माना जा रहा था और अब फाइनल में पहुंचकर उन्होंने भारत के लिए मेडल की आस भी जगा दी है।

दरअसल, नीरज को टोक्यो में मेडल का दावेदार इसलिए माना जा रहा है क्योंकि 2016 के रियो ओलंपिक में त्रिनिदाद एंड टोबैगो के केशोरन वाल्कॉट ने 85.38 मीटर जैवलिन थ्रो के साथ ब्रॉन्ज जीता था। ऐसे में नीरज चोपड़ा अगर अपने वर्तमान बेस्ट थ्रो (88.07 मीटर) को ही दोहरा दें तो उनका मेडल पक्का है।

नीरज चोपड़ा का फाइनल में पहुंच जाना भारत के लिए इसलिए भी बड़ी जीत है, क्योंकि उन्होंने 2017 के वर्ल्ड चैम्पियन जोहानेस वेटर को भी पछाड़ दिया। जर्मनी के जोहानेस वेटर नीरज के बाद दूसरे नंबर पर रहे। जोहानेस ने पहले ही कहा था कि ओलंपिक में नीरज को हराना मुश्किल होगा।

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हरियाणा के पानीपत जिले के खांद्रा गांव में एक छोटे से किसान के घर पर 24 दिसंबर 1997 को नीरज का जन्म हुआ था। नीरज ने अपनी पढ़ाई चंडीगढ़ से की। नीरज ने 2016 में पोलैंड में हुए IAAF वर्ल्ड U-20 चैम्पियनशिप में 86.48 मीटर दूर भाला फेंककर गोल्ड जीता था, जिसके बाद उन्हें आर्मी में जूनियर कमिशन्ड ऑफिसर के तौर पर नियुक्ति मिली थी।

आजतक के मुताबिक, आर्मी से जॉब मिलने के बाद नीरज ने एक इंटरव्यू में कहा था, "मेरे पिता एक किसान हैं और मां हाउसवाइफ हैं और मैं एक ज्वॉइंट फैमिली में रहता हूं. मेरे परिवार में किसी की सरकारी नौकरी नहीं है। इसलिए सब मेरे लिए खुश हैं।" उन्होंने आगे कहा था, "अब मैं अपनी ट्रेनिंग जारी रखने के साथ-साथ अपने परिवार की आर्थिक मदद भी कर सकता हूं।"

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TAGS: Farmer-son, army officer, India's hope, Olympics 2020, Tokyo Olympics, Neeraj Chopra
OUTLOOK 04 August, 2021
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