फ्रेंच ओपन में 11 बार हार चुके जोकोविच क्या इस बार जीतेंगे
22 मई से 5 जून तक चलने वाले इस प्रतिष्ठित ग्रैंड स्लैम में स्पेन के राॅफेल नडाल का खूब डंका बजा है। उन्हाेंने यहां रिकार्ड नौ बार जीत हासिल की है। लेकिन आक्रमण टेनिस के सरताज नोवाक यहां एक बार भी कामयाब नहीं हुए। वह पिछले तीन सालों से लगातार यहां फायनल खेल रहे हैं। पिछली बार तो उन्होंने यहां रॉफेल नडाल को अपनी तेज तर्रार टेनिस से धूल चटाई लेकिन फायनल में स्विटजरलैंड के वावरिंका से मात खा गए। नडाल पर जीत दर्ज करने के बाद टेनिस प्रेमियों को लगा था कि अब जोकोविच इस टूर्नामेंट को जीतकर अपना कैरियर ग्रैंड स्लैम पूरा कर लेंगे ,पर ऐसा हो ना सका। जोकोविच ने अभी तक प्रतिष्ठित चार ग्रैंड स्लैम ऑस्ट्रेलियन ओपन, फ्रेंच ओपन, विंबलडन और अमेरिकी ओपन में से तीन ग्रैंड स्लैम में खिताबी जीत हासिल की है। उनके नाम 11 ग्रैंड स्लैम हैं। लेकिन लाल बजरी में अभी तक ट्राफी उठाकर उसे मुंह से दबाने का मौका उन्हें नहीं मिला है। फ्रेंच ओपन का खिताब उनकी झोली में नहीं होने से अभी उनके नाम के साथ कैरियर ग्रैंड स्लैम का तमगा भी नहीं जुड़ा है। चारो ग्रैंड स्लैम जीतने से ही कैरियर ग्रैंड स्लैम पूरा होता है। नोवाक इस मामले में अभी अधूरे हैं। हमेशा की तरह नडाल यहां भी अपनी मनपसंद सतह पर जोकोविच की राह में एक बड़ा रोड़ा साबित हो सकते हैं। दुनिया के नंबर दो खिलाड़ी एंडी मरे भी जोकोविच के करारे प्रतिद़वंदी हैं। मरे ने हाल ही में रोम मास्टर्स की लाल बजरी में उन्हें हराया है। पिछले साले की तरह वावरिंका भी जोकोविच के सामने कड़ी चुनौती पेश कर सकते हैं। जोकोविच ने हालांकि कहा है कि वह इस बार फ्रेंच ओपन को जीतने की पूरी कोशिश करेंगे। उनका मानना है कि महान रोजर फेडरर भी काफी लंबे अर्से के बाद यहां खिताबी जीत हासिल कर पाए थे। वह यह भी कहते हैं कि अगर वह यहां कामयाब नहीं हुए तो इसका यह मतलब नहीं कि उनके लिए दुनिया खतम हो गई है। वह अगली बार खिताब का इंतजार करेंगे।