चौकों-छक्के के आधार पर इंग्लैंड की जीत पर चौतरफा आलोचना, कई दिग्गजो ने आईसीसी के इस नियम पर उठाए सवाल
इंग्लैंड द्वारा पहली बार क्रिकेट विश्व कप का खिताब जीतने के बाद मेजबान टीम का जोश हाई है लेकिन फाइनल के रिजल्ट के बाद न्यूजीलैंड की मीडिया समेत क्रिकेट के कई दिग्गज चौकों-छक्के के आधार पर मेजबान टीम की जीत की आलोचना कर रहे हैं। न्यूजीलैंड की मीडिया में इसे अपनी टीम के साथ 'छल' बताया है। कई पूर्व खिलाड़ियों ने भी आईसीसी के नियम को 'हास्यास्पद' करार दिया है।
दोनों को दिया जाना चाहिए था कप
न्यूजीलैंड के पूर्व कोच माइक हेसन ने कहा कि विश्व कप फाइनल का फैसला सुपर ओवर के आधार पर नहीं किया जाना चाहिए था। उन्होंने अपने कालम में लिखा कि केन विलियमसन और इयोन मॉर्गन दोनों को कप दिया जाना चाहिए था। इस तरह का फाइनल कोई भी टीम नहीं हारना चाहेगी। न्यूजीलैंड के कप्तान विलियमसन के हाथ में भी कप होना चाहिए था। हेसन ने कहा कि नॉकआउट चरण में फैसला सुपर ओवर पर हो सकता है लेकिन फाइनल में नहीं।
गंभीर ने बताया हास्यास्पद नियम
पूर्व भारतीय क्रिकेटर गौतम गंभीर समेत पूर्व दिग्गजों ने चौके, छक्के गिनकर विश्व कप विजेता का निर्धारण करने वाले आईसीसी के ‘हास्यास्पद’ नियम की जमकर आलोचना की। इंग्लैंड ने मैच में 22 चौके और दो छक्के लगाए थे जबकि न्यूजीलैंड ने 16 चौके लगाए थे। गंभीर ने ट्विटर पर लिखा कि समझ में नहीं आता कि विश्व कप फाइनल जैसे मैच के विजेता का निर्धारण चौकों, छक्कों के आधार पर कैसे हो सकता है। हास्यास्पद नियम। यह टाइ होना चाहिए था। मैं न्यूजीलैंड और इंग्लैंड दोनों को बधाई देता हूं।
न्यूजीलैंड के लिए दुखी हूं
विश्व कप 2011 के प्लेयर आफ द टूर्नामेंट रहे युवराज सिंह ने लिखा कि मैं नियम से सहमत नहीं हूं लेकिन नियम तो नियम है। इंग्लैंड को आखिरकार विश्व कप जीतने पर बधाई। मैं न्यूजीलैंड के लिए दुखी हूं, जो अंत तक जूझ रही थी। शानदार फाइनल।
स्कॉट स्टायिरस ने आईसीसी को एक मजाक
न्यूजीलैंड के पूर्व हरफनमौला स्कॉट स्टायिरस ने लिखा कि शानदार काम आईसीसी। आप एक मजाक हो। ऑस्ट्रेलिया के पूर्व बल्लेबाज डीन जोंस ने लिखा कि डकवर्थ लुईस प्रणाली रन और विकेट पर निर्भर है। इसके बावजूद फाइनल में सिर्फ चौकों, छक्कों को आधार माना गया। मेरी राय में यह गलत है।
डियोन नैश ने नियम को बताया बकवास
न्यूजीलैंड के पूर्व हरफनमौला डियोन नैश ने कहा कि मुझे लग रहा है कि हमारे साथ छल हुआ है। यह बकवास है। सिक्के की उछाल की तरह फैसला नहीं हो सकता। नियम हालांकि पहले से बने हुए हैं तो शिकायत का कोई फायदा नहीं। यह टूर्नामेंट की शुरुआत में किया गया था। लेकिन मुझे लगता है कि यह शायद इस बात का संकेत है कि खेल की मानसिकता कहां है। सबसे ज्यादा विकेट लेने वालों को श्रेय क्यों नहीं?