इंडिया ओपन बैडमिंटन: विक्टर एक्सलसेन ने जीता खिताब, भारत के श्रीकांत दूसरे स्थान पर रहे
भारतीय शटलर किदांबी श्रीकांत ने रविवार को इंडिया ओपन बैडमिंटन टूर्नामेंट में पुरूष एकल का रजत पदक जीता। नई दिल्ली के केडी जाधव इंडोर हॉल में खेले गए फाइनल में डेनमार्क के विक्टर एक्सलसेन ने उन्हे हरा दिया। विक्टर ने उनके खिलाफ सीधे सेटों में 21-7, 22-20 से जीत हासिल की। इस मुकाबले के बाद किदांबी और विक्टर के बीच जीत-हार का रिकॉर्ड 3-5 हो गया। किदांबी ने विक्टर को आखिरी बार 20 अक्टूबर 2017 को डेनमार्क ओपन में 14-21, 22-20, 21-7 से हराया था। उसके बाद से दोनों के बीच अब तक दो मैच हुए। दोनों में ही भारतीय शटलर को हार झेलनी पड़ी। साथ ही राष्ट्रमंडल खेलों के पूर्व चैंपियन पारूपल्ली कश्यप को भी पुरुष एकल सेमीफाइनल में हार झेलनी पड़ी।
अक्टूबर 2017 से अंतरराष्ट्रीय स्तर का कोई खिताब नही जीत पाएं हैं
श्रीकांत इस टूर्नामेंट के किसी भी इवेंट के फाइनल में पहुंचने वाले इकलौते भारतीय थे। पुरूष एकल में दुनिया के 7वें नंबर के खिलाड़ी किदांबी ने सेमीफाइनल में चीन के हुआंग युझियांग को 16-21, 21-14, 21-19 से हराया था। किदांबी अक्टूबर 2017 के बाद से अंतरराष्ट्रीय स्तर का कोई भी टूर्नामेंट जीत नहीं पाए हैं। चौथी बार इंडिया ओपन के फाइनल में खेल रहे एक्सेलसन ने इसके साथ ही 2015 के फाइनल में श्रीकांत के खिलाफ मिली हार का बदला भी चुकता कर दिया। एक्सेलसन ने दूसरी बार इंडिया ओपन का खिताब जीता है। एक्सेलसन ने इससे पहले 2017 में भी इस टूर्नामेंट का खिताब जीता था।
थाईलैंड की राचानोक इंतानून ने जीता महिला एकल खिताब
महिला एकल में थाईलैंड की राचानोक इंतानून ने रिकॉर्ड तीसरी बार टूर्नामेंट का खिताब जीता। इसके पहले कोई भी खिलाड़ी ऐसा नहीं कर पाई थी। भारतीय शटलर साइना नेहवाल दो बार यह खिताब जीत चुकी हैं। दुनिया की आठवें नंबर की खिलाड़ी इंतानोन ने 46 मिनट चले फाइनल में दुनिया की 7वें नंबर की खिलाड़ी और तीसरी वरीयता प्राप्त चीन की ही बिंगजियाओ को 21-15, 21-14 से हराया। सेमीफाइनल में भारत की दूसरी वरीयता प्राप्त पीवी सिंधु को सीधे गेम में हराने वाली बिंगजियाओ के पास आज इंतानोन के तेजी भरे खेल का कोई जवाब नहीं था और वे शुरू से ही बेहतरीन लय में दिख रही थी।
मुझे कुछ अलग करना चाहिए था
मैच में प्रदर्शन के बारे में पूछने पर श्रीकांत ने कहा कि मुझे लगता है कि मैं कुछ अलग नहीं कर पाया और इसलिए मुझे हार का सामना करना पड़ा, मुझे कुछ अलग करना चाहिए था। वह मुझे आक्रामक होकर खेलने का मौका ही नहीं दे रहे थे। उन्होंने बताया कि मैंने मैच में काफी धीमी शुरुआत की और मेरी मूवमेंट भी धीमी थी। उन्होने काफी अच्छी शुरुआत की और पहले गेम में अधिकांश समय वे मुझ पर हावी रहे। दूसरे गेम में मैंने बेहतर प्रदर्शन किया और अगर मैच निर्णायक गेम में जाता तो शायद मेरे पास और बेहतर मौका होता। हालांकि पिछले एक हफ्ते में अपने प्रदर्शन से मैं काफी खुश हूं।