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23 July 2021

ओलंपिक: भारत की उम्मीदें, जानें कौन-कौन हैं पदक के दावेदार

भारत ओलंपिक को लेकर पहले कभी इतना उत्साहित नहीं रहा है। 23 जुलाई से देश के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी दुनिया की चोटी की प्रतिभाओं से टोक्यो में मुकाबला कर रहे हैं। टोक्यो ऐसा महानगर है जो महामारी की भारी तबाही के बाद उबर रही दुनिया के साथ तालमेल बिठाने की कोशिश कर रहा है। यह डर वाजिब है, क्योंकि हमारी सबसे अच्छी तैयारियां भी एक महामारी के आगे बेबस हो गई हैं। महामारी हमारे दिलोदिमाग को मथ रही है। ऐसे में केवल खेल ही उसे शांत कर सकते हैं। हमें ओलंपिक के आदर्श वाक्य सिटियस, अल्टियस, फोर्टियस! (तेज, ऊंचा, शक्तिवान) को नहीं भूलना चाहिए। दुनिया भर से खिलाड़ी टोक्यो में डेरा डाल रहे हैं। बेशक, उनमें सभी पदक नहीं जीतेंगे, लेकिन अधिकांश ने अपनी मेहनत और उत्कृष्टता से न केवल प्रशंसा हासिल की है बल्कि सबसे बड़े खेल आयोजन में अपनी क्षमता को दुनिया को दिखाने का मौका भी पाया है। दुनिया की दूसरी सबसे अधिक आबादी वाले देश भारत से 100 से अधिक एथलीट ओलंपिक पहुंचे हैं। उनमें कुछ खिलाड़ी पदक के बेहद मजबूत दावेदार हैं और उम्मीद है कि पदक मंच पर बेहद जोरदार तरीके से अपनी जीत की कहानी लिखेंगे। और जो खिलाड़ी पदक नहीं जीत पाएंगे वे ओलंपिक भावना को जीवित रखेंगे। यहां हम 10 पदक दावेदारों और उनके खेलों से संबंधित कार्यक्रमों पर एक नजर डाल रहे हैं। उम्मीद है कि हम उनके प्रदर्शन पर बेहद उत्सुकता से नजर बनाए रखेंगे।

सौरभ चौधरी और मनु भाकेर

स्पर्धा: निशानेबाजी, मिक्स्ड 10 मीटर एयर पिस्टल टीम

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कब: 27 जुलाई

स्थान: असाका शूटिंग रेंज, नेरिमा, टोक्यो

टोक्यो ओलंपिक में निशानेबाजी (शूटिंग) में तीन मिश्रित स्पर्धाएं जोड़ी गई हैं, जिसे भारत के लिए वरदान की तरह देखा जा सकता है। भारत की चार टीमें स्पर्धा में हिस्सा लेंगी- 10 मीटर एयर राइफल में दो और 10 मीटर एयर पिस्टल टीम की दो स्पर्धाएं होंगी। इनमें पदक जीतने की संभावना सबसे अधिक है। हालांकि, सबसे ज्यादा उम्मीदें सौरभ चौधरी और मनु भाकर की 10 मीटर एयर पिस्टल जोड़ी पर है। दोनों की उम्र 19 साल है और जोड़ी जबरदस्त है। खेलों से पहले इस आयोजन में उनका दबदबा रहा है। दोनों खिलाड़ी विश्व रैकिंग में अपनी-अपनी श्रेणी में दूसरे स्थान पर हैं। स्पर्धा में उन्हें भारतीय यशस्विनी देसवाल और अभिषेक वर्मा से चुनौती मिलेगी। इसके अलावा हमेशा की तरह रूस, चीन, दक्षिण कोरिया और यूक्रेन के निशानेबाज कड़ी चुनौती पेश करेंगे। व्यक्तिगत स्पर्धा में भी सौरभ और मनु की दावेदारी प्रबल मानी जा रही है।

दिव्यांश सिंह पंवार और इलावेनिल वलारिवन

दिव्यांश सिंह पंवार और इलावेनिल वलारिवन

स्पर्धा: निशानेबाजी,

मिश्रित 10 मीटर एयर राइफल टीम

कब: 27 जुलाई, 2021

स्थान: असाका शूटिंग रेंज, नेरिमा, टोक्यो

उम्मीद है कि असाका में प्रतियोगिता के चौथे दिन तक भारत निशानेबाजी में अपने अब तक के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन को पार कर चुका होगा, या कम से कम चार पदक जीत कर उसकी बराबरी कर चुका होगा। एक अरब आबादी वाले देश में निशानेबाजों की नई पीढ़ी ने बड़ी उम्मीदें जगा दी हैं। निशानेबाजी के चारों भारतीय दलों के लिए 27 जुलाई एक बड़ा दिन होगा, जिसमें कुछ सबसे प्रतिभाशाली खिलाड़ी शामिल होंगे। वे दो मिश्रित स्पर्धाओं- 10 मीटर एयर राइफल टीम और 10 मीटर एयर पिस्टल टीम में भाग लेंग। ये वो प्रतिस्पर्धाएं हैं जिन पर पिछले कुछ साल में देश का दबदबा रहा है। एयर राइफल स्पर्धा में दिव्यांश सिंह पंवार और इलावेनिल वलारिवन की जोड़ी पर सबकी नजर है। टोक्यो ओलंपिक रैंकिंग में वलारिवन को पहली रैकिंग मिली है। वे लगातार अच्छा प्रदर्शन करती रही हैं और उनके साथी 18 वर्षीय दिव्यांश सिंह पंवार भी अच्छे नतीजे दे रहे हैं। उन्हें एक अन्य भारतीय जोड़ी, दीपक कुमार और अंजुम मुदगिल से चुनौती मिलेगी। साथ ही अमेरिका, चीन, रूस, दक्षिण कोरिया की टीमों की चुनौती को भी पार करना होगा।

 

राही सरनोबत

राही सरनोबत

स्पर्धा: निशानेबाजी, महिलाओं की 25 मीटर पिस्टल

कब: 29 जुलाई को क्वालीफायर,

30 जुलाई को फाइनल

स्थान: असाका शूटिंग रेंज, नेरिमा, टोक्यो

सितारों से भरी 15-सदस्यीय भारतीय निशानेबाजी दल में, राही सरनोबत भारत के उन निशानेबाजों में से एक हैं, जिन्हें बेहतर तरीके से न केवल तैयार किया गया है बल्कि वे भारत की अब तक की बेहतरीन निशानेबाजों में एक हैं। हालांकि उन पर इस बार ज्यादा उम्मीदें नहीं लगाई गई हैं। लेकिन वे छुपा रुस्तम साबित हो सकती हैं और भारत के लिए एक बड़ा पदक जीत सकती हैं। लंदन 2012 के बाद यह उनका दूसरा ओलंपिक होगा। उन्होंने रियो 2016 के लिए भी क्वालीफाई किया था, लेकिन एक चोट ने उनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया।  अब, वह पहले की तरह निशानेबाजी कर रही हैं। उनकी रैकिंग हम वतन चिंकी यादव के बाद दूसरे स्थान पर है। चिंकी को ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने के बावजूद भारतीय राष्ट्रीय राइफल संघ ने टीम में जगह नहीं दी है। ऐसे में सरनोबत की मुख्य प्रतिद्वंद्वी हमवतन मनु भाकर, जर्मनी की मोनिका कार्श, चीनी और अन्य यूरोपीय निशानेबाज होंगी।

 

विनेश फोगाट

विनेश फोगाट

स्पर्धा: महिला कुश्ती, 53 किग्रा

कब: 6 अगस्त (राउंड-16, क्वार्टर फाइनल, सेमी फाइनल), 7 अगस्त (रेपेचेज, फाइनल)

स्थान: मकुहारी मेस्से, चिबाओ

पहले से कहीं ज्यादा मजबूत, ताकतवर और समझदार विनेश फोगाट महिलाओं की 53 किग्रा कुश्ती स्पर्धा में पदक की प्रबल दावेदार के रूप में टोक्यो पहुंची हैं। पांच साल पहले रियो में, एक अन्य फोगाट बबीता कुमारी ने महिलाओं के 53 किग्रा में भारत का प्रतिनिधित्व किया था। तब विनेश ने 48 किग्रा की प्रतिस्पर्धा में भाग लिया था। हालांकि, वह क्वार्टर फाइनल मुकाबला हार गईं थी। इस बार विनेश ने पदक वापस घर लाने की ठान ली है। 26 वर्षीय विनेश को नंबर एक रैंकिंग प्राप्त है। लेकिन प्रतिस्पर्धा बेहद कठिन है। जापान की दूसरी वरीयता प्राप्त मयू मुकैदा को मात देना सबसे बड़ी चुनौती होगी। मुकैदा को प्रसिद्ध साओरी योशिदा के उत्तराधिकारी के रूप में जाना जाता है। फिर विनेश की महान प्रतिद्वंद्वी चीन की पांग कियान्यु (चौथी वरीयता) हैं। मंगोलिया की बैट-ओचिरिन बोलोर्टुया, रूस की ओल्गा खोरोशावतसेवा, इक्वाडोर की लुइसा वाल्वरडे, अनुभवी स्वेड सोफिया मैटसन और कजाख तात्याना अखमेतोवा अमानझोल भी हैं, जिन्होंने दिल्ली एशियाई चैम्पियनशिप में मुकैदा को हराया। हालांकि स्पर्धा के अंतिम चरणों से पहले शीर्ष चार खिलाड़ियों की आपसी टक्कर होने की उम्मीद नहीं है।

 

दीपक पूनिया

दीपक पुनिया

स्पर्धा: पुरुष कुश्ती, 86 किग्रा

कब: 4 अगस्त (राउंड-16, क्वार्टर फाइनल, सेमी फाइनल), 5 अगस्त (रेपेचेज, फाइनल)

स्थान: मकुहारी मेस्सी

भारतीय कुश्ती इस समय एक चौराहे पर है। स्वभाव से विनम्र पहलवानों ने ओलंपिक इतिहास में हॉकी के बाद भारत को सबसे ज्यादा पदक दिलाए हैं। लेकिन इस गौरवशाली परंपरा और इतिहास पर ओलंपियन सुशील कुमार से जुड़ी हालिया घटनाओं ने छाया डाल दी है। पहलवानों के लिए अब कहानी बदलने का समय आ गया है। इसके लिए ओलिंपिक पदक जीतने से बेहतर तरीका और क्या हो सकता है? और क्या होगा यदि बहुप्रतिक्षित छत्रसाल स्टेडियम का कोई पहलवान ऐसा करने में सफल हो जाए? 18 साल में जूनियर विश्व खिताब जीतने वाले पहले भारतीय पहलवान बने दीपक पुनिया अब बड़ी उम्मीदों के साथ टोक्यो जा रहे हैं। उनके पास शानदार बजरंग पुनिया, विनेश फोगाट और रवि दहिया का साथ होगा। उन्हें ईरान के महान हसन याजदानी के बाद दूसरी रैंकिंग प्राप्त है। हाल ही में उनके अच्छे प्रदर्शन और एक अनुकूल ड्रॉ ने उनकी संभावनाओं को मजबूत कर दिया है।

 

अमित पंघाली

अमित पंघाली

स्पर्धा: बॉक्सिंग, पुरुषों का फ्लाइवेट

कब: 31 जुलाई से 7 अगस्त

स्थान: रयोगोकू कोकुगिकन, टोक्यो

टोक्यो ओलंपिक में बॉक्सिंग स्पर्धा शुरू होगी तो सबकी निगाहें एम.सी. मैरी कॉम पर होंगी। किवदंती बन चुकी मैरी कॉम अपने दूसरे ओलंपिक पदक पर नजर लगाए हुए हैं। और उनसे बड़ी उम्मीदें भी है। लेकिन जैसे-जैसे उम्र बढ़ती जा रही है, पंच कमजोर होते जा रहे हैं, और युवा खिलाड़ी बेहतर होते जा रहे हैं। छह बार की विश्व चैंपियन के लिए रिंग में दबदबा बनाना बहुत मुश्किल होगा, जैसा कि वह करती आई हैं। अगर 38 वर्षीय खिलाड़ी खाली हाथ लौटती हैं, तो यह भारतीय मुक्केबाजी के बेहतरीन अध्याय का दुखद अंत होगा। लेकिन टोक्यो ओलंपिक भारत के सर्वश्रेष्ठ मुक्केबाज अमित पंघाल के लिए मुक्केबाजी का नया युग बना सकता है। 25 वर्षीय फ्लाइवेट (52 किग्रा) मुक्केबाज भारत की सर्वश्रेष्ठ ओलंपिक पदक उम्मीदों में से एक हैं। जिन लोगों ने दुबई में एशियाई मुक्केबाजी चैंपियनशिप के फाइनल में उज्बेकिस्तान के शाखोबिदीन जोइरोव से पंघाल की हार देखी, वे जानते होंगे कि भारतीय मुक्केबाज किसी भी खिलाड़ी पर हावी हो सकता है।

 

मीराबाई चानू

सैखोम मीराबाई चानू

स्पर्धा: महिला भारोत्तोलन, 49 किग्रा

कब: 24 जुलाई

स्थान: टोक्यो इंटरनेशनल फोरम, टोक्यो

यह सैखोम मीराबाई चानू के लिए सीधा संदेश होगा कि वह जो कुछ भी उठा रही है उसे उठाएं, कसकर बैठें और सब कुछ भूल जाएं। रजत पदक भारत के लिए बेहद संभव है। लेकिन प्रतियोगिता की प्रकृति को देखते हुए ओलंपिक पदक जीतना इतना आसान नहीं है। याद कीजिए पांच साल पहले रियो (48 किग्रा) में क्या हुआ था। इस बार टोक्यो में मीराबाई वास्तव में पदक जीतकर 'नो लिफ्ट' के उस भूत को भगा सकती हैं। महिलाओं की 49 किग्रा प्रतियोगिता के लिए प्रवेश सूची में 14 भारोत्तोलक हैं, और उनमें से केवल दो ने अब तक 200 किग्रा का आंकड़ा पार किया है। पहली चीन की होउ झिहुई (213 किग्रा) और मीराबाई (205 किग्र) हैं। इसके बाद यूएस की जॉर्डन डेलाक्रूज ने केवल 200 किलोग्राम को छुआ है। मीराबाई के मौजूदा स्कोर को मात देने के लिए डेलाक्रूज को काफी जोर लगाना पड़ेगा। इसके अलावा खिलाड़ी दबाव में कई चूक भी करते हैं। मीराबाई के लिए अपना लक्ष्य हासिल करने के लिए इससे आसान मौका नहीं हो सकता है।

 

दीपिका कुमारी

दीपिका कुमारी और अतनु दास/प्रवीण जाधव/तरुणदीप राय

स्पर्धाः तीरंदाजी

मिश्रित टीम

कब: 23 से 24 जुलाई

स्थान: युमेनोशिमा पार्क, टोक्यो

स्वर्ण पदक कैसे जीता जाता है यह दीपिका कुमारी को भली-भांति पता है । उन्होंने पेरिस विश्व कप में अपने पति अतनु दास के साथ मिलकर मिश्रित स्वर्ण जीता है। अब, उनका लक्ष्य तीरंदाजी में भारत का पहला ओलंपिक पदक जीतना है। ऐसा वह व्यक्तिगत और टीम स्पर्धा दोनों में कर सकती हैं। दीपिका शीर्ष रैकिंग के साथ ओलंपिक में पहुंची हैं। वह एकल स्पर्धा जीतने के लिए सबसे पसंदीदा हैं, जबकि अतनु दास पुरुष एकल में मजबूत दावेदार हैं। दीपिका ने अपने दमदार फॉर्म की झलक दिखाते हुए पेरिस में स्वर्ण पदकों की हैट्रिक की थी। लेकिन ओलंपिक अलग स्पर्धा है, जहां दुनिया की सबसे अच्छी टीम, दक्षिण कोरिया, चीन, चीनी ताइपे, इटली और मैक्सिको के दल हमेशा ज्यादा से ज्यादा पदक जीतते हैं। इसके अलावा, दीपिका के ऊपर एक ऐसे देश की उम्मीदों का भार है जिसे अपनी खेल क्षमता को साबित करना बाकी है। ऐसी उम्मीदें सबसे अच्छे खिलाड़ी को भी आहत कर सकती हैं। हालांकि, एक जोड़ी के रूप में, दीपिका वास्तव में अपने पति के साथ टोक्यो में बेहतरीन प्रदर्शन कर सकती हैं और 24 जुलाई को एक पदक के साथ भारत के लिए ओलंपिक का रुख तय कर सकती हैं।

 

पुरुष हॉकी टीम

पुरुष हॉकी टीम

कब: 23 जुलाई से 5 अगस्त

स्थान: ओई हॉकी

स्टेडियम, टोक्यो

इतिहास हमेशा मदद करता है। लेकिन भारतीय हॉकी के लिए, पीछे मुड़कर देखना हमेशा मदद नहीं करता है। एक समय हॉकी का सुपर पावर भारत पिछले चार दशकों से अधिक समय से ओलंपिक पदक नहीं जीत पाया है। लेकिन कोच ग्राहम रीड के नेतृत्व वाली इस टीम ने एक बार फिर भारत को बड़े सपने देखने का मौका दिया है। टोक्यो ओलंपिक में उनकी क्षमता की परख होगी। कई लोगों का मानना है कि पदक के सूखे को समाप्त करने के लिए यह भारत का सबसे अच्छा मौका है। इस तरह की उम्मीद रखने की वजहें भी हैं। भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने पिछले कुछ वर्षों में कई शानदार प्रदर्शन किए हैं। इस दौरान मनप्रीत सिंह एंड कंपनी ने लगभग हर शीर्ष टीम को हराया है। हाल ही मौजूदा ओलंपिक चैंपियन अर्जेंटीना के खिलाफ जीत ने बड़े खेलों के लिए टीम की तैयारियों की झलक दिखा दी है। कोविड-19 महामारी आने से पहले इस टीम ने नीदरलैंड और बेल्जियम को हराया और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ड्रॉ भी खेला। कुछ करीबी हार भी हुई, लेकिन कुल मिलाकर, यह भारत के लिए एक अच्छा दौर रहा है। भारत पूल ए में अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, जापान, न्यूजीलैंड और स्पेन के साथ है। बेल्जियम, कनाडा, जर्मनी, ग्रेट ब्रिटेन, नीदरलैंड्स और दक्षिण अफ्रीका पूल बी में हैं। शीर्ष चार टीमें नॉक-आउट के लिए क्वालीफाई करेंगी।

 

 

पी.वी. सिंधु

पी.वी. सिंधु

स्पर्धा: बैडमिंटन, महिला एकल

कब: 24 जुलाई से 1 अगस्त

स्थान: मुसाशिनो फॉरेस्ट स्पोर्ट्स प्लाजा, टोक्यो

पी.वी. सिंधु लगातार दो ओलंपिक में पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला एथलीट बन सकती हैं। रियो में, 25 वर्षीय सिंधु स्वर्ण पदक जीतने के बेहद करीब पहुंच गई थीं। वह टोक्यो में इस लक्ष्य को हासिल कर सकती हैं। उन्हें छठवीं रैंकिंग प्राप्त है और महिला एकल बैडमिंटन प्रतियोगिता के लिए ड्रॉ के निचले भाग में रखा गया है। अपेक्षाकृत आसान ड्रॉ में, मौजूदा विश्व चैंपियन को पहले जे ग्रुप की बाधा को पार करनी होगा। जिसमें उनका सामना चेउंग नगन यी (34वें स्थान पर) और केन्सिया पोलिकारपोवा (58वें स्थान पर) से हो सकता है। इसके बाद, सिंधु संभवत: 16 के राउंड में ग्रुप-आई की डेनमार्क की मिया ब्लिचफेल्ड (13वीं वरीयता प्राप्त) से, फिर क्वार्टर फाइनल में अकाने यामागुची (चौथी वरीयता प्राप्त) से भिड़ सकती हैं। सेमीफाइनल में सिंधु का सामना चीनी ताइपे की ताई त्ज़ु-यिंग (दूसरी रैंकिंग) या थाई रत्चानोक इंतानोन (5वीं रैंकिंग) से हो सकता है। सिंधु की अंतिम प्रतिद्वंद्वी चीन की शीर्ष वरीयता प्राप्त चेन युफेई होनी चाहिए। सिंधु की ताकत मनोबल गिराने वाले स्मैश, तेजी से आक्रमण, और उनका आत्म-विश्वास है। ऐसे में उनसे पदक की बड़ी उम्मीद है और वह इतिहास रच सकती हैं।

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TAGS: भारत ओलंपिक, टोक्यो ओलंपिक, भारत की उम्मीदें, भारतीय प्रतिभागी, टोक्यो में भारतीय खिलाड़ी, दिव्यांश सिंह पंवार, इलावेनिल वलारिवन, India Olympics, Tokyo Olympics, India's hopes, Indian participants, Indian players in Tokyo, Divyansh Singh Panwar, Elavenil Valariva
OUTLOOK 23 July, 2021
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