यूट्यूब से जैवलिन थ्रो सीखने वाले नीरज चोपड़ा, जिन्होंने भारत को गोल्ड दिलाया
21वें कॉमनवेल्थ गेम्स के 10वें दिन भारत के नीरज चोपड़ा ने इतिहास रच दिया। उन्होंने भालाफेंक (जैवलिन थ्रो) इवेंट में गोल्ड जीत लिया। इस इवेंट में स्वर्ण पदक जीतने वाले वह पहले भारतीय बन गए हैं। देश के लिए कॉमनवेल्थ में ये दिन का पांचवां गोल्ड मेडल रहा लेकिन भालाफेंक में मिले इस गोल्ड ने देश की खुशी को कई गुना कर दिया।
नीरज चोपड़ा ने 10वें दिन शनिवार को भारत की झोली में एक और स्वर्ण पदक डाल दिया। नीरज ने पुरुषों की भालाफेंक स्पर्धा में देश के लिए स्वर्ण पदक जीता। वहीं इसी स्पर्धा में एक और भारतीय विपिन कशाना पांचवें स्थान पर रहे। नीरज ने फाइनल में 86.47 मीटर की दूरी तय करते हुए सोने का तमगा हासिल किया। स्पर्धा का रजत पदक आस्ट्रेलिया के हेमिश पीकॉक के नाम रहा, जिन्होंने 82.59 की दूरी तय की।
यूट्यूब देखकर सीखा खेल
20 साल के नीरज चोपड़ा मूलत: हरियाणा के सोनीपत जिले के कांदरा गांव के हैं। उनके पिता किसान हैं। नीरज ने कभी भी किसी कोच से इस खेल की औपचारिक ट्रेनिंग नहीं ली। उन्होंने यूट्यूब पर वीडियो देखकर इस खेल को सीखा और अब 20 साल की उम्र में उन्होंने कॉमनवेल्थ में गोल्ड जीतने का रिकॉर्ड बना डाला। वह पंजाब यूनिवर्सिटी के डीएवी कॉलेज के छात्र रहे हैं।
पिछले महीने पटियाला में फेडरेशन कप राष्ट्रीय चैम्पियनशिप में 85.94 मीटर का थ्रो फेंककर उन्होंने स्वर्ण जीता था। ओलंपिक और विश्व रजत पदक विजेता कीनिया के जूलियस येगो फाइनल के लिये क्वालीफाई नहीं कर सके थे। वहीं 2012 ओलंपिक चैम्पियन और रियो खेलों के कांस्य पदक विजेता केशोर्न वालकाट ने इन खेलों में भाग नहीं लिया।
इससे पहले नीरज चोपड़ा ने भाला फेंक स्पर्धा के फाइनल में जगह बनाई थी। नीरज ने क्वालीफिकेशन में दूसरा स्थान हासिल करते हुए फाइनल में जगह बनाई। उन्होंने 80.42 मीटर की दूरी तक भाला फेंक फाइनल में अपना स्थान पक्का किया। ग्रेनेडा के एंडरसन पीटर्स ने 80.44 मीटर के साथ पहला स्थान हासिल किया। तीसरे स्थान पर सेंट लूसिया के अल्बर्ट रेनोल्ड्स रहे जिन्होंने 78.10 का स्कोर किया।
ग्रेनेडा के एंडरसन पीटर्स 82.20 की दूरी तय कर कांस्य पदक अपने नाम करने में सफल रहे। विपिन ने 77.87 की दूरी तय करते हुए पांचवां स्थान हासिल किया।