सलमान को ओलंपिक का सद्भावना दूत बनाने पर खेल जगत विभाजित
अपनी आगामी फिल्म सुल्तान में पहलवान की भूमिका निभा रहे अभिनेता सलमान को कल स्टार महिला मुक्केबाज एमसी मैरीकॉम, हॉकी कप्तान सरदार सिंह और निशानेबाज अपूर्वी चंदेला और अन्य की मौजूदगी में भारतीय ओलंपिक संघ ने सद्भावना दूत चुना था। यह पद काफी अहमियत रखता है और अब आईओए के फैसले पर खेल जगत विभाजित हो गया है। लंदन ओलंपिक के कांस्य पदकधारी योगेश्वर और महान एथलीट मिल्खा ने इसकी आलोचना की है। हालांकि आईओए ने सलमान का नाम चुनने के फैसले का समर्थन किया। आईओए के उपाध्यक्ष तरलोचन सिंह ने कहा, जब जानी मानी हस्तियां लोगों से मदद करने की अपील करती हैं तो साधारण सी बात है कि हमें और प्रचार मिलता है जो खेल के लिए अच्छा है। युवाओं में प्रवृति है कि वह इस तरह की फिल्मी हस्तियों से प्रेरणा लेते हैं। अगर हम इनका इस्तेमाल करते हैं तो इसमें कोई नुकसान नहीं है। उन्होंने यह भी कहा, हम इसके लिए सलमान खान की मदद ले रहे हैं और उसे कुछ दे नहीं रहे। आईओए सलमान को एक कौड़ी भी नहीं दे रहा।
वहीं योगेश्वर ने इस पर कहा कि इस तरह की नियुक्ति के लिए सलमान ने कुछ नहीं किया। उन्होंने हिंदी में ट्वीट किया, हर किसी को भारत में अपनी फिल्म प्रोमोट करने का अधिकार है लेकिन ओलंपिक फिल्म प्रोमोट करने की जगह नहीं। योगेश्वर को लगता है कि इस भूमिका के लिए किसी खिलाड़ी को ही चुना जाना चाहिए था। उन्होंने कहा कि उन्हें समझ नहीं आता कि एथलीटों को इस तरह की नियुक्ति से क्या फायदा होगा।उन्होंने कहा, क्या कोई मुझे बताएगा कि सद्भावना दूत की भूमिका क्या है? आप लोगों को मूर्ख क्यों बना रहे हो? 33 वर्षीय पहलवान ने लिखा, एथलीट जैसे पीटी उषा और मिल्खा सिंह ने मुश्किल समय में देश के लिए मेहनत की। लेकिन सलमान ने खेल के क्षेत्र में क्या किया है। मिल्खा सिंह को भी लगता है कि आईओए ने गलत फैसला किया है और उन्हें अपने इस कदम पर दोबारा विचार करना चाहिए। उन्होंने पूछा, भारत ने इतने सारे खिलाड़ी पैदा किए हैं, जिन्होंने देश के लिए पसीना और खून बहाया है जैसे पीटी उषा, राज्यवर्धन सिंह राठौड़, अजीत पाल और अन्य बहुत सारे। इनमें से किसी एक को सद्भावना दूत बनाना चाहिए था। बॉलीवुड से किसी को इसके लिए लाने की क्या जरूरत थी। वर्ष 1958 और 1962 एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाले मिल्खा ने कहा कि किसी भारतीय खिलाड़ी को इस पद के लिए नहीं चुने जाने की बात से उन्हें काफी दुख होता है।
पूर्व हॉकी स्टार धनराज पिल्लै ने भी उनकी भावनाओं का समर्थन किया। पिल्लै ने कहा, मैं किसी खिलाड़ी को ही ब्रांड एम्बेसडर देखना चाहूंगा। हमारे पास मिल्खा सिंह, पीटी उषा, अभिनव बिंद्रा जैसे खिलाड़ी मौजूद हैं। इसमें कोई शक नहीं सलमान लीवुड में सबसे अहम चेहरा हैं और जो भी वह कहता है, वह बिकता है। लेकिन खेलों में, मुझे लगता है कि खिलाड़ी को ही दूत बनाया जाना चाहिए। हालांकि सरदार और मैरीकॉम को लगता है कि अगस्त में रियो ओलंपिक से पहले बॉलीवुड हस्ती का आकर्षण ओलंपिक खेलों के बारे में जागरूकता बढ़ाने में मदद करेगा। सरदार ने कहा, सलमान के अपार प्रशंसक हैं। उनके विचार खेलों के बारे में काफी अच्छे हैं और भारतीय खेलों के लिए उनका सद्भावना दूत बनना अच्छी चीज है। काफी लोग उनकी वजह से ओलंपिक खेलों से जुड़ रहे हैं। लेकिन लोग अपने विचार रखने के लिए स्वतंत्र हैं। मैं उनकी राय का सम्मान करता हूं। मैरीकॉम ने कहा, ऐसा पहले कभी नहीं हुआ, यह एथलीटों के लिये अच्छी चीज है। उनके जैसा ब्रांड एम्बेसडर रखना हमारे लिए अच्छा है। राष्ट्रमंडल खेलों की स्वर्ण पदकधारी चक्का फेंक एथलीट कृष्णा पूनिया ने कहा कि हालांकि कोई एथलीट इस पद के लिए अच्छा विकल्प होता लेकिन सलमान की लोकप्रियता को नकारा नहीं जा सकता। मैं उन्हें इस भूमिका के लिये शुभकामनायें देती हूं।