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05 March 2019

जूनियर एशियाई चैंपियनशिप की मेजबानी बचाने के लिए डब्ल्यूएफआई पहुंची सरकार के पास

रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (डब्ल्यूएफआई) ने मंगलवार को कहा कि वह 9 जुलाई से शुरू होने वाले जूनियर एशियाई चैंपियनशिप की मेजबानी को सुनिश्चित करने के लिए सरकार से गारंटी लेगी क्योंकि पाकिस्तान के साथ चल रहे राजनीतिक तनाव के कारण देश में माहौल बडा गर्म है और बाकी सभी खेलो पर भी इसका खासा प्रभाव पड़ा है।

डब्ल्यूएफआई के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय महासंघों को यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग (यूडब्ल्यूडब्ल्यू) ने भारत के साथ बातचीत करने के लिए कहा है, जिससे जुलाई में होने वाली जूनियर एशियाई चैंपियनशिप की मेजबानी खतरे में पड़ सकती है।

सरकार को लिखेंगे पत्र

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“यह पक्का करने के लिए आज हम केंद्र सरकार को लिखेंगे की कुश्ती और पहलवानों को नुकसान न हो। हम सरकार को यह सुनिश्चित करने के लिए एक पत्र का मसौदा तैयार कर रहे हैं ताकि यह तय हो सके कि खेल को नुकसान न हो।” हाल ही में चुने गये तीसरे कार्यकाल के लिए डब्ल्यूएफआई के अध्यक्ष के रूप में सिंह ने पीटीआई को बताया।

उन्होंने कहा, “हम यह सुनिश्चित करने के लिए अपनी पूरी कोशिश करेंगे कि भारत में जूनियर चैंपियनशिप बनी रहे इसके लिए एक समाधान भी ढूंढना होगा। मैंने अभी तक यूडब्ल्यूडब्ल्यू के निर्देश को नहीं पढ़ा है लेकिन जो भी है, कोई भी खेल किसी गलती से प्रभावित नही होना चाहिए।” पुलवामा हमले के बाद दिल्ली में पिछले महीने हुए विश्व कप के लिए पाकिस्तानी निशानेबाजों को वीजा देने से इनकार करने के कारण भविष्य की घटनाओं की मेजबानी पर भारत के साथ सभी बातचीत को निलंबित करने के बाद अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) ने यूडब्ल्यूडब्ल्यू के निर्देश को रद्द कर दिया।

पुलवामा का हमला

 हमले में 40 से अधिक सीआरपीएफ के जवान शहीद हुए थे, जिसकी जिम्मेदारी पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली थी। पाकिस्तान के शूटरों को वीजा देने से इनकार करते हुए, आईओसी ने प्रतिष्ठित इवेंट से 25 मीटर रैपिड पिस्टल इवेंट के ओलंपिक कोटा का दर्जा वापस ले लिया था।

लेबनान ने किया मना तब मिली भारत को मेजबानी

लेबनान के चैम्पियनशिप आयोजित करने में असमर्थता व्यक्त करने के बाद भारत को अपने होस्टिंग अधिकार मिले। भारत ने पिछले साल जूनियर एशियाई चैम्पियनशिप की मेजबानी की थी और डब्ल्यूएफआई को पाकिस्तान के पहलवानों के लिए वीजा की मंजूरी के लिए काफी इंतजार भी करना पड़ा था। डब्ल्यूएफआई के सहायक सचिव विनोद तोमर ने कहा कि यूडब्ल्यूडब्ल्यू भारत सरकार से एक आश्वासन चाहता है कि सभी भाग लेने वाले देशों के पहलवानों का वीजा स्वीकृत किया जाएगा।

सहायक सचिव विनोद तोमर सरकार से चाहते हैं आश्वासन

तोमर ने कहा, "हां, उन्होंने हमारे साथ सभी तरह की बातचीत को अस्थायी रूप से रोक दिया है। वे सरकार से आश्वासन चाहते हैं कि खेल के मामलों में कोई राजनीतिक हस्तक्षेप नहीं होगा। अब देखना यह होगा की सरकार क्या फैसला करती है। हम आज सरकार से संपर्क करेंगे।"

"हमारे पास सब तैयारियां करने के लिए मुश्किल से चार महीने हैं। हमने इसके लिए बोली नहीं लगाई थी, लेकिन लेबनान के हटने के बाद, यह हमें यूडब्ल्यूडब्ल्यू- एशिया द्वारा यह ऑफर किया गया था। हम इसे होस्ट करने के लिए सहमत हो गए थे, लेकिन अब हम इसे केवल तभी कर सकते हैं, जब सरकार आश्वासन दे कि सभी भागीदार देशों को वीजा दिया जाएगा।"

तोमर ने कहा कि अगर सरकार गारंटी नहीं देती है तो आने वाले दिनों में अन्य संघ भी ऐसी ही स्थिति का सामना कर सकते हैं। उन्होंने कहा, "यह निर्देश सबसे पहले हमारे पास आया है क्योंकि हम इस चैम्पियनशिप की मेजबानी कर रहे हैं। आईओसी कोई राजनीतिक हस्तक्षेप नहीं चाहता है, इसलिए मुझे आश्चर्य नहीं होगा यदि अन्य राष्ट्रीय महासंघों को भी उनके संबंधित विश्व शासी निकायों से समान स्थितियों का सामना करना पड़े।

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TAGS: WFI, arrives, government, save, host, Junior Asian Championships
OUTLOOK 05 March, 2019
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