क्या भारत के अश्वमेधी अभियान को रोक पाएगा इंग्लैंड? डिफेंडिंग चैंपियन के लिए 'मुश्किल है डगर पनघट की'
भारतीय टीम इस विश्व कप में जहां लगातार पांच मैच जीतकर खिताब की सबसे प्रबल दावेदार साबित हुई है तो पिछले चैम्पियन इंग्लैंड के सामने अब सेमीफाइनल में दौड़ में बने रहने का प्रश्न है। ऐसे में दोनों टीमें रविवार को आमने सामने होंगी तो मेजबान का पलड़ा भारी रहने की उम्मीद है।
रोहित शर्मा की कप्तानी वाली भारतीय टीम ने लगातार पांच मैच जीते हैं जबकि सफेद गेंद के क्रिकेट की नयी परिभाषा गढने वाले इंग्लैंड के सामने टूर्नामेंट में अस्तित्व बनाये रखने की लड़ाई है। टी20 और वनडे क्रिकेट में ‘बाजबॉल’ यानी अति आक्रामक खेल से इंग्लैंड को पिछले कुछ समय में सफलता जरूर मिली है लेकिन भारतीय हालात में यह दाव उलटा पड़ा है । नतीजा यह है कि मौजूदा चैम्पियन टीम लीग चरण से ही बाहर होने की कगार पर है।
भारत को इस मैच में हरफनमौला हार्दिक पंड्या की कमी खलेगी । स्पिनरों की मददगार पिच पर आम तौर पर शार्दुल ठाकुर की जगह रविचंद्रन अश्विन को उतारा जाता लेकिन पंड्या की गैर मौजूदगी में टीम प्रबंधन को पांच गेंदबाजों के साथ ही उतरना पड़ सकता है। जसप्रीत बुमराह, कुलदीप यादव और रविंद्र जडेजा का चयन तो तय है । तीसरे स्पिनर के तौर पर अश्विन को उतारने के लिये मोहम्मद शमी या मोहम्मद सिराज में से एक को बाहर करना होगा । शमी ने धर्मशाला में न्यूजीलैंड के खिलाफ पांच विकेट लिये लिहाजा उन्हें अब बाहर रखना मुश्किल होगा।
रोहित शर्मा से अच्छी शुरूआत मिलने के बाद भारतीय बल्लेबाजों ने टूर्नामेंट में अब तक शानदार प्रदर्शन किया है । टीम लक्ष्य का पीछा करने में महारथी साबित हुई है। पंड्या की गैर मौजूदगी में छठे नंबर पर सूर्यकुमार यादव उतर सकते हैं । टूर्नामेंट में अपने पहले मैच में दुर्भाग्यपूर्ण ढंग से रन आउट होने के बाद वह एक प्रभावी पारी खेलने को बेताब होंगे।
धर्मशाला में श्रेयस अय्यर के विकेट से शॉर्टपिच गेंदों के सामने उनकी कमजोरी पर फिर चर्चा होने लगी है । वह अपने आलोचकों को बल्ले से जवाब देना चाहेंगे। डेंगू के कारण पहले दो मैचों से बाहर रहे शुभमन गिल से भी एक बड़ी पारी का इंतजार है । वहीं लखनऊ में विराट कोहली रिकॉर्ड की बराबरी करने वाला 49वां शतक भी जमा सकते हैं ।
कानपुर के कलाई के स्पिनर कुलदीप का लक्ष्य इंग्लैंड के खिलाड़ियों के बल्लों को खामोश रखने का होगा। इंग्लैंड के बल्लेबाज काफी आक्रामक हैं लेकिन उन्हें एक ईकाई के रूप में अच्छा खेलना होगा। जोस बटलर, जॉनी बेयरस्टो, बेन स्टोक्स, लियाम लिविंगस्टोन, हैरी ब्रूक ये सभी बड़े नाम हैं लेकिन इनमें से कोई नहीं चल पा रहा। टी20 क्रिकेट में आते ही लप्पेबाजी चल जाती है लेकिन वनडे क्रिकेट की अपनी जरूरतें हें। इंग्लैंड के बल्लेबाजो को हालात को बेहतर भांपते हुए अपनी शैली में बदलाव करना होगा । उन्हें लखनऊ की पिच पर संयम से काम लेना होगाम