भारत के हेल्थकेयर को संवारने में आभा की महत्त्वपूर्ण भूमिका
मरीज़ ऐसे तो अपनी सेहत का ध्यान रखते हैं, लेकिन देखने में आता है कि वे अपने स्वास्थ्य संबंधित रिकॉर्ड को ठीक से रखने में लापरवाही बरतते हैं, जिससे मरीज़ और डॉक्टरों के बीच जानकारी की कमी रहती है। इसमें कोई दो राय नहीं कि मरीज़ के सही इलाज के लिए किसी भी डॉक्टर के पास उनकी मेडिकल हिस्ट्री का होना बहुत ही ज़रूरी है। फिर भी, कई मरीज़ अपने हेल्थ रिकॉर्ड को अलमारी या बिस्तर के नीचे रख देते हैं और जब इसकी ज़रूरत पड़ती है, तब वे बैग, फाइलों के ढेर के बीच इन्हें खोजते हैं और अक्सर उन्हें अपने मेडिकल रिकॉर्ड मिल ही नहीं पाते हैं।
यह डिजिटल ऐप किसी वरदान से कम नहीं है, खासतौर पर जब आप तनाव या किसी आपातकालीन स्थिति से गुज़र रहे हों। ऐसे में, ड्रीफकेस एक ऐसी ऐप है, जो ज़िंदगी को आसान बनाने में बेहद मददगार है और इसे एबीडीएम की स्वीकृति भी मिली है। यह एक ऐसा प्लेटफॉर्म है, जहां हेल्थ रिकॉर्ड निशुल्क और आसानी से स्टोर किए जा सकते हैं, साथ ही यह प्रयोगकर्ता के अनुकूल भी है। दरअसल, सितंबर 2021 में आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (एबीडीएम) की शुरुआत से, हेल्थ रिकॉर्ड की देखरेख करना बहुत ही आसान हो गया है। एबीडीएम डिजिटल स्वरूप में है, यह मरीज़, डॉक्टर और अन्य स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं को एक-दूसरे से जोड़ता है। इसमें मरीज़ की स्वीकृति से उनकी स्वास्थ्य संबंधित जानकारियां जैसे कि डॉक्टर की प्रिस्क्रिप्शन, मेडिकल बिल, डिस्चार्ज की जानकारी इत्यादि हेल्थ डेटा ट्रांसफर किए जाते हैं।
डिजिटल हेल्थ रिकॉर्ड के ज़रिए सारी जानकारी बाधारहित हो, इसलिए एबीडीएम ने विशेष हेल्थ अकाउंट ID तैयार की है, जिसे आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट (आभा) के नाम से भी जाना जाता है। यह ID सुनिश्चित करती है कि मेडिकल रिकॉर्ड सही व्यक्ति के लिए जारी किए गए हैं या व्यक्ति की सहमति से स्वास्थ्य देखभाल प्रदाताओं द्वारा एक्सेस किए जाते हैं। सरल शब्दों में समझें तो आभा एक ऐसा हेल्थकेयर समाधान है जो परिवारों को आसानी से किफायती और बेहतर हेल्थकेयर सुविधाएं प्रदान करता है। आभा के ज़रिए मरीज़ों को अपने स्वास्थ्य से जुड़ी सारी जानकारी पाने में सहूलियत मिलती है। इससे उन्हें न केवल अपने हेल्थ रिकॉर्ड को विभिन्न स्वास्थ्य प्रदाताओं के साथ साझा करने की सुविधा मिलती है, बल्कि वे इलाज के लिए ज़रूरी ढेर सारे कागज़-पत्र के झंझट से भी मुक्त हो जाते हैं और तो और उनके हेल्थ रिकॉर्ड गुम नहीं होते हैं और उन्हें दोबारा टेस्ट करवाने की ज़रूरत नहीं पड़ती है।
हेल्थ रिकॉर्ड के डिजिटल होने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि ये सुविधाजनक होते हैं और आसानी से एक्सेस किए जा सकते हैं। मरीज़ कहीं भी और कभी भी अपनी मेडिकल हिस्ट्री, प्रिस्क्रिप्शन, लैब की रिपोर्ट और स्वास्थ्य संबंधित अन्य जानकारियों को आसानी से एक्सेस कर सकते हैं। आपातकालीन स्थिति में यह खासतौर पर फायदेमंद है, क्योंकि मरीज़ के मेडिकल रिकॉर्ड तुरंत एक्सेस किए जा सकते हैं। हेल्थ रिकॉर्ड के डिजिटल होने के कारण जानकारी मैनुअली दर्ज नहीं करनी पड़ती है, जिससे इसमें गलतियां होने की गुंजाइश नहीं रह जाती हैं। साथ ही, डॉक्टर, स्वास्थ्य सेवा प्रदाता और मरीज़ के बीच बेहतर समन्वय स्थापित हो पाता है। आने वाले समय में, डिजिटलीकरण से मरीज़ को न केवल बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं और देखभाल मिलेंगी, बल्कि सारे लोग चिंतामुक्त भी हो जाएंगे।