मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र पटेल ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए वर्षा प्रभावित क्षेत्रों के राहत एवं बचाव कार्यों तथा बाढ़ की स्थिति की गहन समीक्षा की
गांधीनगर 28 अगस्त: मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र पटेल ने बुधवार को गांधीनगर स्थित स्टेट इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर (एसईओसी) से वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए वर्षा प्रभावित क्षेत्रों के राहत एवं बचाव कार्यों तथा बाढ़ की स्थिति की गहन समीक्षा की।
मुख्यमंत्री ने विशेष रूप से वडोदरा शहर एवं जिले, देवभूमि द्वारका तथा जामनगर जिले में पानी में फंसे लोगों के लिए राहत एवं बचाव कार्य को प्राथमिकता देने के निर्देश दिए।
उधर, वडोदरा में राहत और बचाव कार्यों का मार्गदर्शन कर रहे स्वास्थ्य मंत्री श्री ऋषिकेशभाई पटेल और राज्य मंत्री श्री जगदीश विश्वकर्मा ने मुख्यमंत्री को बाढ़ और लोगों के घरों में पानी भरने के कारण उत्पन्न हुई परिस्थिति से अवगत कराया।
मुख्यमंत्री ने इस संदर्भ में कहा कि बाढ़ में फंसे लोगों को पानी उतरने तक फूड पैकेट, पीने के पानी का पाउच और स्वास्थ्य रक्षक दवाइयां पहुंचाने की व्यवस्था करना राज्य सरकार की प्राथमिकता है।
इतना ही नहीं, प्रभावित जिलों में जहां कहीं भी विद्युत आपूर्ति बाधित हुई है, उसे भी शीघ्रता से बहाल किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पानी कम होने पर तुरंत ही कीचड़, मिट्टी और पानी के साथ बहकर आई झाड़ी-टहनी और पत्तियों आदि के मलबे को हटाने के लिए युद्धस्तर पर काम शुरू करेगी। कीटनाशक दवाइयों के छिड़काव के माध्यम से संक्रामक रोगों को फैलने से रोकने के उपाय भी तत्काल शुरू कर दिए जाएंगे।
मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र पटेल ने गुरुवार सुबह से ही इन सभी कार्यों को क्रमशः शुरू करने और जनजीवन को तेजी से बहाल करने के उपायों के लिए स्पष्ट दिशानिर्देश दिए।
उन्होंने वडोदरा शहर एवं जिले के लिए सूरत, आणंद, खेड़ा, भरूच, छोटा उदेपुर और अहमदाबाद से बड़ी संख्या में फूड पैकेट और पीने के पानी के पाउच पहुंचाने के लिए संबंधित जिला प्रशासन को निर्देश दिए।
वहीं, राजकोट और सौराष्ट्र के अन्य जिलों, जहां वर्षा की तीव्रता घट गई है या रुक गई है, वहां से इन वस्तुओं को जामनगर और देवभूमि द्वारका में मोबिलाइज किया जाएगा।
बैठक में इस बात के भी निर्देश दिए गए कि वडोदरा में बाढ़ का पानी उतरने की शुरुआत होते ही शहरी विकास विभाग और नगर पालिका निदेशक के साथ समन्वय कर अहमदाबाद महानगर पालिका, सूरत महानगर पालिका तथा भरूच एवं आणंद नगर पालिका की टीमें सफाई उपकरणों और कीटनाशक दवाइयों के साथ आवश्यक साफ-सफाई के काम में जुट जाएंगी।
मुख्यमंत्री ने वर्षा से अत्यधिक प्रभावित जिलों में जलजनित या वाहक जनित रोगों को फैलने से रोकने के लिए स्वास्थ्य विभाग की चिकित्सा टीमों को आवश्यक दवाइयों के साथ सूरत, भावनगर, गांधीनगर और राजकोट से भेजने के निर्देश दिए।
उन्होंने वर्षा से प्रभावित सभी जिलों में कैशडोल्स और घरेलू समान की सहायता के भुगतान का काम भी तत्काल शुरू करने के लिए मार्गदर्शन दिया।
मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र पटेल ने वडोदरा शहर में अभी भी बाढ़ के पानी की यथावत स्थिति और जनजीवन के प्रभावित होने के हालात को देखते हुए स्थानीय प्रशासन की मदद के लिए आणंद, नर्मदा, सुरेन्द्रनगर और वलसाड से राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की पांच अतिरिक्त टीमों तथा आणंद, खेड़ा और गांधीनगर से सेना की 4 कॉलम को मोबिलाइज करने को कहा। इसके अलावा, अहमदाबाद और सूरत से रेस्क्यू बोट भी वडोदरा पहुंचेगी।
जामनगर और देवभूमि द्वारका में वर्षा की स्थिति की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने जिला कलेक्टरों को निर्देश दिए कि जो लोग अभी भी पानी में फंसे हुए हैं, उनके स्थानांतरण के लिए वायुसेना और कोस्ट गार्ड की मदद लें और रेस्क्यू व्यवस्था का समन्वय करें।
उन्होंने प्रभावित लोगों के लिए फूड पैकेट तथा आवश्यक खाद्य सामग्री पहुंचाने के लिए सेवाभावी संगठनों और स्वैच्छिक संस्थाओं से फूड पैकेड और आवश्यक खाद्य सामग्री तैयार करने तथा उनके वितरण के लिए समुचित प्रबंध करने के लिए आवश्यक मार्गदर्शन दिया।
बैठक के दौरान मुख्य सचिव श्री राज कुमार ने राज्य में सौराष्ट्र और कच्छ क्षेत्र में आगामी 48 घंटों तक बारिश के भारतीय मौसम विभाग के पूर्वानुमान के संदर्भ में इन क्षेत्रों के कलेक्टरों को भी सतर्क एवं सजग रहने को कहा।
समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव श्री पंकज जोशी और श्री एम.के. दास तथा राजस्व, ऊर्जा, स्वास्थ्य, सिंचाई, सड़क एवं भवन सहित संबंधित विभागों के वरिष्ठ सचिव उपस्थित रहे।