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30 June 2025

धामी सरकार ग्रामीण पेयजल आपूर्ति के लिए तैयार करेगी जलसखी

लखपति दीदी के बाद महिला आर्थिक सशक्तिकरण के लिए एक और गेम चेंजर योजना

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की पहल पर 2022 में शुरु लखपति दीदी योजना के तहत अब तक, उत्तराखंड में 1.63 लाख महिलाओं की सालाना आय एक लाख के पार पहुंचाई जा चुकी है। अपने पांचवें वर्ष में सरकार अब ग्रामीण महिलाओं की आजीविका में वृद्धि के लिए एक और गेमचेंजर योजना, जलसखी लेकर आ रही है। जिसके तहत ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल आपूर्ति के साथ ही बिलिंग का काम महिला स्वयं सहायता समूहों को सौंपने की तैयारी है।

उत्तराखंड में हर घर नल योजना अब अपने लक्ष्य के करीब पहुंच गई है। इसी के साथ पेयजल विभाग अब योजना के तहत जलापूर्ति की व्यवस्था बनाने जा रहा है। इसके लिए ग्रामीण क्षेत्रों में नए कनेक्शन देने, बिल वितरण- सुधार, बिल वसूली और योजनाओं के रख रखाव का काम आउटसोर्स के आधार पर महिला स्वयं सहायता समूहों को दिए जाने की तैयारी है। साथ ही विभाग महिला समूहों को पेयजल गुणवत्ता जांचने के लिए किट्स भी उपलब्ध कराएगा। महिला स्वयं सहायता समूह पेयजल योजना में आने वाली खराबी की रिपोर्ट भी विभाग को देंगी। इसके लिए चयनित समूहों को नल जल मित्र के तौर पर प्रशिक्षित किया जाएगा। पायलट प्रोजेक्ट के तहत शुरु की जा रही इस योजना में महिला स्वयं सहायता समूहों को प्रति बिल 10 रुपए का प्रोत्साहन दिए जाने के साथ ही, उन्हें राजस्व में भी निश्चित अंश मिलेगा। इस तरह ग्रामीण महिलाओं को अपने घर में ही अतिरिक्त रोजगार मिल सकेगा।

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लखपति दीदी योजना

लखपति दीदी योजना की शुरुआत 2022 में की गई। योजना के तहत स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी 5 लाख 7 हजार महिला की सालाना आय एक लाख के पार पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए इन महिलाओं को कृषि- उद्यान, दुग्ध उत्पादन, सिलाई कढ़ाई के साथ ही रसोई गैस वितरण, प्रारंभिक पशु चिकित्सा सेवा, बीमा योजना, डिजिटल लेनदेन का प्रशिक्षण देकर आजीविका से जोड़ा जा रहा है। योजना के तीन वर्ष के भीतर ही 1.63 लाख महिलाएं लखपति बन चुकी हैं। योजना के सकारात्मक परिणाम को देखते हुए, सरकार अब मौजूदा वित्तीय वर्ष की समाप्ति तक कुल तीन लाख महिलाओं को लखपति दीदी बनाने का लक्ष्य लेकर काम कर रही है।

मुख्यमंत्री सशक्त बहना उत्सव योजना

धामी सरकार ने महिला समूहों की आजीविका को बढ़ावा देने के लिए, साल अगस्त 2023 से मुख्यमंत्री सशक्त बहना उत्सव योजना भी लागू की है। वर्तमान में प्रदेश की करीब 30 हजार से अधिक महिलाएं इस योजना का लाभ उठा रही हैं। योजना के तहत अब तक महिला समूह कुल 4 करोड़ 93 लाख 36 हजार रुपए का कारोबार कर चुके हैं। योजना का लक्ष्य महिला समूहों द्वारा निर्मित उत्पादों को व्यापक बाजार उपलब्ध कराना है।

हाउस ऑफ हिमालयाज

उत्तराखंड के पारंपरिक हस्तशिल्प, बुनकर उत्पाद, जैविक कृषि सामग्री और जड़ी-बूटियों को बाज़ार उपलब्ध कराने के लिए मौजूदा सरकार ने दिसंबर 2023 में हाउस ऑफ हिमालयाज” (House of Himalayas) नाम से एकीकृत ब्रांड लांच किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों इस ब्रांड की लॉन्चिंग के बाद से देश-विदेश तक इस ब्रांड की पहुंच संभव हुई है। इसमें कुल 36 उत्पाद शामिल हैं, जिसमें से 12 अब तक जी आई टैग (ज्योग्राफिकल इंडिकेशन टैग) में शामिल हो चुके है। इससे न केवल उनकी प्रामाणिकता और गुणवत्ता सुनिश्चित होती है, बल्कि उपभोक्ताओं को यह जानकारी भी मिलती है कि यह उत्पाद उत्तराखंड के किस जिले से संबंधित है। वर्तमान में राज्य के एयरपोर्ट, हैलीपैड, प्रमुख होटलों में हाउस ऑफ हिमायलाज के 11 स्टॉल स्थापित किए जा चुके हैं। साथ ही विभिन्न ई कॉमर्स साइट से भी इन उत्पादों की बिक्री हो रही है।

"सरकार महिलाओं को हर तरह से सशक्त बनाने का प्रयास कर रही है। इसके लिए महिला स्वयं सहायता समूहों को कई तरह की आर्थिक गतिविधियों से जोड़ा जा रहा है। इसी क्रम में पेयजल आपूर्ति में भी महिला समूहों की भागीदारी बढाने का प्रयास किया जा रहा है। यह योजना महिलाओं की आर्थिकी सुधारने के लिए गेम चेंजर साबित हो सकती है।"

- पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री उत्तराखंड

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TAGS: Uttarakhand, Uttarakhand Government, Chief Minister Pushkar Singh Dhami, Jalsakhi Scheme, Rural Water Supply
OUTLOOK 30 June, 2025
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