टेक्नोलॉजी के युग में सेमीकंडक्टर की मांग को पूरा करने के लिए देश में सेमीकंडक्टर पॉलिसी लागू करने वाला गुजरात पहला राज्य
आज के डिजिटल युग में सेमीकंडक्टर व डिसप्ले आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरणों की बुनियादी जरूरत हैं। स्मार्टफोन, कम्प्यूटर, उपग्रह, क्लाउड सर्विसेज, इलेक्ट्रिक व्हीकल (ईवी), औद्योगिक ऑटोमेशन, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) एवं जटिल इन्फ्रास्ट्रक्चर से लेकर डिफेंस सिस्टम जैसे प्रत्येक इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र में सेमीकंडक्टर टेक्नोलॉजी की जरूरत होती है। इस जरूरत को पूरा करने के लिए सेमीकंडक्टर तथा डिसप्ले फैब्रिकेशन इकोसिस्टम का निर्माण कर भारत को सेमीकंडक्टर क्षेत्र में अधिक आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केन्द्र सरकार ने वर्ष 2021 में ‘इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन’ को मंजूरी दी थी। इस मिशन अंतर्गत भारत सरकार द्वारा 76,000 करोड़ रुपए का भारी बजट आवंटित किया गया है।
गुजरात सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग की विज्ञप्ति में बताया गया कि भारत का सेमीकंडक्टर मार्केट वर्ष 2020 में 15 अरब डॉलर का था, जिसके वर्ष 2026 तक 400 प्रतिशत के उछाल के साथ 63 अरब डॉलर तक पहुँचने की संभावना है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के ‘विकसित भारत@2047’ के विजन को साकार करने की प्रतिबद्धता दर्शाते हुए मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व में गुजरात सरकार ने देश में सर्वप्रथम ‘गुजरात सेमीकंडक्टर पॉलिसी 2022-27’ लॉन्च की है। इस पॉलिसी के सरल व श्रेष्ठ क्रियान्वयन के लिए एक समर्पित ‘गुजरात स्टेट इलेक्ट्रॉनिक्स मिशन’ की स्थापना कर गुजरात ने सेमीकंडक्टर क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को अधिक प्रोत्साहन देने की ओर लंबी छलांग लगाई है।
मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र पटेल के करकमलों से पूर्व में साणंद में 22,500 करोड़ रुपए से अधिक लागत वाले माइक्रोन कंपनी के सेमीकंडक्टर एटीएमपी प्लांट का शिलान्यास किया गया था। इसी प्रकार; धोलेरा सेमीकोन सिटी में 91,000 करोड़ रुपए से अधिक की लागत से भारत के प्रथम कॉमर्शियल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस-एनेबल्ड सेमीकंडक्टर फैब का निर्माण टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स प्राइवेट लिमिटेड (टीईपीएल) तथा ताईवान की कंपनी पीएसएमसी द्वारा किया जाएगा। साणंद जीआईडीसी में कुल 7,500 करोड़ रुपए से अधिक के प्रोजेक्ट खर्च के साथ सीजी पावर तथा रेनेसास कंपनी द्वारा सेमीकंडक्टर ओएसएटी फैसिलिटी की स्थापना की जाएगी। इसके अलावा; राज्य सरकार द्वारा साणंद में केयन्स सेमीकोन का प्लांट स्थापित करने की मंजूरी दी गई है। इस प्लांट द्वारा 3,300 करोड़ रुपए के निवेश के साथ दैनिक अनुमानित 60 लाख चिप का उत्पादन किया जाएगा।
गुजरात में सेमीकंडक्टर इकाइयों द्वारा किए गए निवेश के फलस्वरूप उच्च कौशल्य आधारित रोजगार सृजित होंगे। इन इकाइयों का निर्माण सेमीकंडक्टर चिप के आयात पर भारत की निर्भरता को उल्लेखनीय रूप से कम करने में सहायक बनेगा और ऑटो इलेक्ट्रॉनिक्स, मेडिकल इक्विपमेंट तथा टेलीकॉम जैसे सम्बद्ध डाउनस्ट्रीम उद्योगों में रोजगार सृजन को प्रोत्साहन देगा। सेमीकंडक्टर पॉलिसी लॉन्च कर गुजरात भारतीय सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम को प्रोत्साहन देने के विषय में अग्रसर राज्य बना है।
सेमीकंडक्टर उद्योगों के लिए पूंजीगत खर्च तथा स्थानीय स्तर पर मैन्युफैक्चरिंग बेस स्थापित करने में गुजरात सरकार लगातार सहायक बन रही है। भारत सरकार द्वारा ऐसी सेमीकंडक्टर व डिसप्ले फैब्रिकेशन इकाइयों को प्रदान की जाने वाली पूंजी खर्च सहायता पर राज्य सरकार इस सहायता का 40 प्रतिशत वित्तीय सहायता देती है। गुजरात सेमीकंडक्टर पॉलिसी अंतर्गत स्टाम्प ड्यूटी एवं रजिस्ट्रेशन फीस पर एक बार 100 प्रतिशत मुआवजा दिया जाएगा। साथ ही; वैश्विक प्रतिस्पर्धा दर पर उच्च गुणवत्तायुक्त विद्युत आपूर्ति में भी 2 रुपए प्रति यूनिट की सब्सिडी, 12 रुपए प्रति घन मीटर की दर पर अच्छी गुणवत्ता वाले पानी की सुविधा और बिजली ड्यूटी से मुक्ति जैसे विभिन्न प्रोत्साहन दिए जाते हैं।
इसके अलावा; गुजरात के धोलेरा को सेमीकोन सिटी के रूप में विकसित करने हेतु राज्य सरकार धोलेरा में स्थापित होने वाली सेमीकंडक्टर इकाई को कुछ अतिरिक्त प्रोत्साहन भी देती है, जिसमें फैब प्रोजेक्ट के लिए भूमि खरीद पर 75 प्रतिशत तक की सब्सिडी शामिल है। धोलेरा को भारत की प्रथम ग्रीनफील्ड स्मार्ट सिटी के रूप में भी विकसित किया जा रहा है, जिसका लाभ उद्योगों व नागरिकों को अधिक अच्छी तरह से मिल सकेगा।
सेमीकंडक्टर पॉलिसी अंतर्गत गुजरात सरकार ने सेमीकंडक्टर कंपनियों के लिए अनुकूल इकोसिस्मट का निर्माण किया है, जिसके फलस्वरूप आज गुजरात सेमीकंडक्टर कंपनियों के लिए पहला पसंदीदा राज्य बना है। इसकी फलश्रुति के रूप में गुजरात में लगभग 4 सेमीकंडक्टर कंपनियों द्वारा कुल 1.24 लाख करोड़ रुपए के निवेश के साथ नए प्रोजेक्ट बनने जा रहे हैं। इन प्रोजेक्टों से राज्य में नए संभावित 53,000 के करीब रोजगार का सृजन होगा।