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09 September 2024

गुजरात वर्ष 2024-25 में विभिन्न सरकारी इमारतों पर 48 मेगावाट क्षमता के सोलर रूफटॉप सिस्टम स्थापित करेगा

गांधीनगर, 8 सितंबर: प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता को कम कर वर्ष 2030 तक भारत की 50 फीसदी विद्युत आपूर्ति गैर-जीवाश्म ईंधन-आधारित ऊर्जा स्रोतों से सुनिश्चित करने के उद्देश्य से विविध पहलें की हैं। पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर वर्ष 2015 में पेरिस में आयोजित कॉन्फ्रेंस ऑफ पार्टीज (सीओपी-21) सम्मेलन में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति ने संयुक्त रूप से अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए) लॉन्च किया था। यह अंतरराष्ट्रीय सहयोग 121 देशों में सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए किया गया है।

भारत में उजाला योजना, राष्ट्रीय सौर मिशन, स्वच्छ भारत अभियान और ग्रीन ग्रोथ से संबंधित विभिन्न निर्णय पर्यावरण अनुकूल विकास की दिशा में भारत की प्रतिबद्धता को दिखाते हैं। भारत के इस साझा उद्देश्य को हासिल करने के लिए मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व में गुजरात एक अग्रणी भूमिका निभा रहा है। इस दिशा में आगे बढ़ते हुए राज्य की विभिन्न सरकारी इमारतों पर वर्ष 2024-25 में 48 मेगावाट क्षमता के सोलर रूफटॉप सिस्टम स्थापित किए जाएंगे। जलवायु परिवर्तन विभाग द्वारा इसके लिए 177.4 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।

56.8 मेगावाट क्षमता के 3 हजार से अधिक सोलर रूफटॉप सिस्टम सक्रिय

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गुजरात में 36 गीगावाट से अधिक सौर ऊर्जा की संभावित क्षमता है। जिसका अधिकतम उपयोग सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार का जलवायु परिवर्तन विभाग विभिन्न सरकारी इमारतों की छत पर सोलर रूफटॉप सिस्टम स्थापित कर रहा है। इस योजना के अंतर्गत मार्च, 2024 तक राज्य के विभिन्न सरकारी विभागों की इमारतों पर 56.8 मेगावाट क्षमता के 3032 सोलर रूफटॉप सिस्टम स्थापित किए गए हैं।

वर्ष 2024-25 में 48 मेगावाट क्षमता के सिस्टम स्थापित होंगे

इस योजना को आगे बढ़ाने के लिए इस वर्ष राज्य की विभिन्न सरकारी इमारतों पर 48 मेगावाट क्षमता के सोलर रूफटॉप सिस्टम स्थापित किए जाएंगे। राज्य सरकार ने इसके लिए 177.4 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है।

गुजरात में 2023-24 में 24765.3 मिलियन यूनिट नवीकरणीय ऊर्जा का उत्पादन

नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में, विशेषकर सौर और पवन ऊर्जा क्षेत्र में गुजरात एक अग्रणी राज्य के रूप में उभरा है। सोलर पार्क के निर्माण और सोलर रूफटॉप प्रणाली को घरों तक पहुंचाकर राज्य की असीम सौर क्षमता का बेहतरीन उपयोग किया गया है। चारणका सोलर पार्क जैसे प्रोजेक्ट की सफलता ने गुजरात को भारत में सौर ऊर्जा उत्पादन के मामले में शीर्ष पर पहुंचा दिया है। इसके अलावा, तटीय क्षेत्रों में विंड फॉर्म ने राज्य की नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता में उल्लेखनीय योगदान दिया है।

वर्ष 2023-24 के अंतिम आंकड़ों के अनुसार गुजरात में कुल 24,765.3 मिलियन यूनिट (एमयू) नवीकरणीय ऊर्जा का उत्पादन हुआ है, जिसमें 9637 एमयू सोलर, 14,201 एमयू पवन, 885.325 हाइड्रो, 69 एमयू स्माल हाइड्रो और 42 एमयू बायोमास एवं बगास शामिल है।

जीवाश्म ईंधन दुनिया भर में ऊर्जा की खपत का मुख्य स्रोत है, लेकिन यह ईंधन सीमित समय के लिए ही उपलब्ध है और इसका पर्यावरण पर भी गंभीर प्रभाव देखने को मिल रहा है। भावी पीढ़ी के लिए एक बेहतर भविष्य के लिए स्वच्छ पर्यावरण का निर्माण करना बहुत आवश्यक है। गुजरात ने इस जरूरत को समझते हुए सोलर परियोजनाओं के इंफ्रास्ट्रक्चर को दमदार तरीके से कार्यान्वित किया है।

एक प्रमुख ऊर्जा स्रोत के रूप में सौर ऊर्जा का उपयोग कर गुजरात ने, नागरिकों की ऊर्जा जरूरतों, पर्यावरणीय संतुलन और आर्थिक विकास, तीनों पहलुओं को एक साथ संबोधित कर विकास की एक नई दिशा दिखाई है।

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TAGS: Gujarat, Solar Energy, Electricity, Gujarat Government, Renewable Energy
OUTLOOK 09 September, 2024
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