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01 March 2024

गुजरात के हाउसिंग बोर्ड के पुराने मकानों के रीडेवलपमेंट को तेजी देने के लिए मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के महत्वपूर्ण जनहितकारी निर्णय

गुजरात के मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र पटेल ने गुजरात हाउसिंग बोर्ड के पुराने मकानों के शीघ्र पुनर्विकास (रीडेवलपमेंट) के उद्देश्य से कई महत्वपूर्ण निर्णय किए हैं।

इन निर्णयों के चलते ऐसे मकानों के आवासीय मालिकाना हक और दस्तावेज को लेकर उत्पन्न होने वाली समस्याओं का निवारण हो पाएगा। साथ ही, मालिकाना हक स्थापित नहीं होने के कारण फ्लैट प्रकार के मकानों में रीडेवलपमेंट पॉलिसी को लागू करने में आने वाली बाधा भी दूर हो जाएगी।

गुजरात हाउसिंग बोर्ड और स्लम क्लीयरेंस सेल द्वारा राज्य में बनाए गए मकानों के लिए लिया जाने वाला हस्तांतरण शुल्क, प्रशासनिक चार्ज और अनधिकृत निर्माण के उपयोग शुल्क की राशि में राहत देने के संबंध में मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय बैठक आयोजित हुई थी। अब, इन सुधारों के परिणामस्वरूप मकान धारकों को बड़ी राहत मिलेगी।

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बैठक में गुजरात हाउसिंग बोर्ड द्वारा मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र पटेल के समक्ष एक विस्तृत प्रेजेंटेशन के माध्यम से मौजूदा स्थिति की समीक्षा की गई।

जिसके अनुसार, हाउसिंग बोर्ड के मकानों में ट्रांसफर शुल्क के मामले में मूल लाभार्थी के बाद हर बार पावर ऑफ अटॉर्नी के आधार पर प्रति हस्तांतरण लिया जाने वाला हस्तांतरण शुल्क अब वन टाइम यानी एक मुश्त वसूला जाएगा।

इस एकमुश्त शुल्क का मानदंड आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के लिए 2 हजार रुपए, निम्न आय वर्ग (एलआईजी) के लिए 14 हजार रुपए और उच्च आय वर्ग (एचआईजी) के लिए 20 हजार रुपए प्रस्तावित किया गया है।

वर्तमान में फ्लैट प्रकार के मकानों के लिए अनधिकृत निर्माण का उपयोग शुल्क जंत्री की दर से वसूल किया जाता है। इसके परिणामस्वरूप मकान धारक उस शुल्क का भुगतान नहीं कर पाते थे। मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र पटेल ने अब उदार दृष्टिकोण अपनाते हुए यह निर्धारित किया है कि जंत्री दर के बजाय उपयोग शुल्क को तय यानी फिक्स कर दिया जाएगा।

इस तरह, 25 वर्ग मीटर तक के अनधिकृत निर्माण उपयोग का शुल्क अब जंत्री दर के बजाय ईडब्ल्यूएस के मामले में 10 हजार रुपए, एलआईजी के मामले में 20 हजार रुपए, एमआईजी के मामले में 30 हजार रुपए और एचआईजी के मामले में 60 हजार रुपए के हिसाब से लिया जाएगा।

इसके अलावा, 25 वर्ग मीटर से अधिक अनधिकृत निर्माण उपयोग का शुल्क भी जंत्री दर के बजाय ईडब्ल्यूएस के मामले में 20 हजार रुपए, एलआईजी के मामले में 40 हजार रुपए, एमआईजी के मामले में 60 हजार रुपए और एचआईजी के मामले में 1 लाख 20 हजार रुपए के हिसाब से तय कर दिया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने गुजरात हाउसिंग बोर्ड की योजनाओं में किराया खरीद समय पूरा होने पर या मकान की सौ फीसदी राशि के भुगतान करने के बाद विलंब से होने वाले दस्तावेजों में विलंबित चार्ज के तहत प्रति वर्ष 1 हजार रुपए वसूलने के बजाय एकमुश्त वसूली करने का निर्णय भी किया है। इसके अंतर्गत ईडब्ल्यूएस के लिए यह एकमुश्त राशि 2 हजार रुपए, एलआईजी के लिए 4 हजार रुपए, एमआईजी के लिए 6 हजार रुपए और एचआईजी के लिए 10 हजार रुपए होगी।

मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र पटेल ने गुजरात हाउसिंग बोर्ड के आवास धारकों के विशाल हित में उन्हें आर्थिक राहत के साथ-साथ शुल्क जमा करने में आसानी देने वाले ये निर्णय किए हैं।

ऐसे जनहितकारी निर्णय के कारण पुराने और जर्जरित मकानों के पुनर्निर्माण की प्रक्रिया अब सुगम और त्वरित होने के कारण ईज ऑफ लिविंग यानी जीवन जीने की सुगमता में वृद्धि होगी।

मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव श्री पंकज जोशी, शहरी विकास विभाग के प्रधान सचिव श्री अश्विनी कुमार, हाउसिंग कमिश्नर श्री संदीप वसावा तथा सचिव श्री आर.जी. गोहिल मौजूद रहे।

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TAGS: Important public welfare decisions, Chief Minister Bhupendra Patel, redevelopment of old houses, Housing Board of the Gujarat.
OUTLOOK 01 March, 2024
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