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14 October 2024

गुजरात, मध्य प्रदेश और राजस्थान के मुख्यमंत्रियों और बिहार के उप मुख्यमंत्री की उपस्थिति में जल संचय के लिए ‘कर्मभूमि से जन्मभूमि’ कार्यक्रम आयोजित हुआ

सूरत में गुजरात, मध्य प्रदेश और राजस्थान के मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र पटेल, डॉ. मोहन यादव, श्री भजनलाल शर्मा और बिहार के उप मुख्यमंत्री श्री सम्राट चौधरी ने जल संचय को व्यापक बनाने पर किया विचार मंथन

मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र पटेलः-

  • पूरे राज्य में 80,000 से अधिक रेन वाटर हार्वेस्टिंग के कार्य और रिचार्ज स्ट्रक्चर के निर्माण के लिए सहभागी बनेंगे आम जन, व्यापारी और संस्थाएं
  • राज्य में कुल 2 लाख से अधिक रेन वाटर हार्वेस्टिंग स्ट्रक्चर बनाने का लक्ष्य
  • नागरिकों, स्थानीय संस्थाओं और उद्योगों की सामूहिक शक्ति से भावी पीढ़ी को जल संरक्षण से समृद्ध जल विरासत देनी है

गुजरात, मध्य प्रदेश और राजस्थान के मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र पटेल, डॉ. मोहन यादव और श्री भजनलाल शर्मा तथा बिहार के उप मुख्यमंत्री श्री सम्राट चौधरी ने रविवार को सूरत में ‘कर्मभूमि से जन्मभूमि’ पहल के अंतर्गत अपने-अपने राज्यों में जल संचय गतिविधि को व्यापक बनाने के लिए विचार मंथन किया।

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सूरत को अपनी कर्मभूमि बनाकर वर्षों से सूरत आकर बसे राजस्थान, मध्य प्रदेश और बिहार व्यापारी, उद्योगपति और समाज के अग्रणी अपने-अपने राज्यों में जल संचय गतिविधियों से जुड़कर न केवल बोर रिचार्ज और कुओं के रिचार्ज से रेन वाटर हार्वेस्टिंग (वर्षा जल संचयन) को बढ़ावा दें, बल्कि अपने राज्य के लोगों को भी प्रेरित करें, इस उद्देश्य से सूरत के अठवा लाइन्स स्थित इंडोर स्टेडियम में आयोजित ‘कर्मभूमि से जन्मभूमि’ कार्यक्रम में उपस्थित सभी लोग वतन का ऋण अदा करने के लिए जल संचयन की दिशा में आगे बढ़ने के लिए सामूहिक रूप से संकल्पबद्ध हुए।

मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र पटेल ने मध्य प्रदेश, राजस्थान के मुख्यमंत्रियों और बिहार के उप मुख्यमंत्री का गुजरात की धरती पर स्वागत करते हुए कहा कि जल संकट की समस्या से उबरने और आने वाली पीढ़ी को प्राकृतिक संपदा की अनमोल विरासत देने के लिए जल संचय अभियान महत्वपूर्ण सिद्ध होगा। उन्होंने कहा कि यदि सरकार के साथ समाज के सभी लोग इस अभियान में सहयोग देने के लिए संकल्पबद्ध हों, तो जल संरक्षण का उम्दा लक्ष्य अवश्य हासिल होगा।

मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र पटेल ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी चुनौतियां आने से पहले ही एक कदम आगे की सोच के साथ विशिष्ट विजन से उनके समाधान का आयोजन करते हैं। नल से जल – जल जीवन मिशन, कैच द रेन अभियान इसका उत्तम उदाहरण है। प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में ग्लोबल वार्मिंग के विरुद्ध पर्यावरण एवं प्राकृतिक संपदा के संरक्षण तथा जल संचय और जल संरक्षण जैसे अभियान सफल रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। प्रधानमंत्री का विजन है कि आने वाले दिनों में भारत को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने तथा ‘विकसित भारत’ के निर्माण के लिए पानी की पर्याप्त आपूर्ति तथा शुद्ध पेयजल आवश्यक है। राज्य सरकार ने भी भूगर्भ जल का सुरक्षित भविष्य सुनिश्चित करने के लिए नागरिकों, स्थानीय संस्थाओं और उद्योगों की सामूहिक शक्ति से भावी पीढ़ी को जल संरक्षण से समृद्ध जल विरासत सौंपने का श्रेष्ठ प्रयास किया है।

श्री पटेल ने सूरत के व्यापारियों-व्यवसायियों द्वारा कर्मभूमि में रहकर जन्मभूमि की चिंता करने का उम्दा दृष्टिकोण अपनाने की सराहना की और कहा कि सरकार के स्तर पर चलाए जाने वाले जल संचय अभियानों में यदि लोगों की भागीदारी बढ़ेगी, तो भूमिगत जल का स्तर अवश्य ऊंचा उठेगा। इसीलिए जल संचय जनभागीदारी अभियान में लोगों की सहभागिता को प्राथमिकता दी गई है।

उन्होंने कहा कि पूरे राज्य में 80,000 से अधिक रेन वाटर हार्वेस्टिंग के कार्यों और रिचार्ज स्ट्रक्चर के कमिटमेंट मिले हैं। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि आगामी समय में दो लाख से अधिक रेन वाटर हार्वेस्टिंग स्ट्रक्चर के निर्माण के लक्ष्य को सरकार के साथ मिलकर गुजरात के उद्योगों और गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) द्वारा जनसहयोग से पूरा कर लिया जाएगा।

डॉ. मोहन यादव, मुख्यमंत्री, मध्य प्रदेशः जल संचय की पहल ऐतिहासिक रूप से संपूर्ण देश के लिए प्रेरणादायी बनकर विकास के नए द्वार खोलेगी

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि भारतीय संस्कृतिक में नदियों का विशेष महत्व है। नदियों का मायका कहा जाने वाला मध्य प्रदेश नदियों से समृद्ध राज्य है और नदियों के माध्यम से ही वह गुजरात सहित अनेक राज्यों के साथ जुड़ा हुआ है। उन्होंने कहा कि धरती के प्राण जल में हैं और जल ही जीवन है। प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन और केंद्रीय जल शक्ति मंत्री के नेतृत्व में सूरत से शुरू हुआ कर्मभूमि से जन्मभूमि को जोड़ने वाले जल संचय अभियान जल भंडारण को मजबूत करने वाला साबित होगा।

डॉ. यादव ने कहा कि सूरत-गुजरात से शुरू हुई जल संचय की यह पहल ऐतिहासिक रूप से समग्र देश के लिए प्रेरणादायी बनेगी और विकास के नए द्वार खोलेगी और इस अभियान में मध्य प्रदेश और स्थानीय लोगों की अधिकतम सहभागिता रहेगी। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश के 3500 गांवों के 13,500 लोग जल संचय के लिए प्रतिबद्ध हुए हैं, और वे जल भंडारण की क्षमता बढ़ाने वाले इस अभियान में सहयोग करेंगे। उन्होंने कहा कि गुजरात जल संरक्षण और जल प्रबंधन के क्षेत्र में देश के अन्य राज्यों के लिए प्रेरणादायी बन गया है।

श्री भजनलाल शर्मा, मुख्यमंत्री, राजस्थानः 2003 में राजस्थान को नर्मदा का पानी देकर गुजरात ने निभाया पड़ोसी धर्म

राजस्थान के मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि राजस्थान पानी की समस्याओं से घिरा राज्य है। गुजरात से जिस कार्य की शुरुआत होती है, वह पूरे देश में फैल जाता है। इस अवसर पर उन्होंने 2003 की घटना का स्मरण करते हुए कहा कि तत्कालीन गुजरात के मुख्यमंत्री और मौजूदा प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने तब राजस्थान के जालोर और बाडमेर जिले में पानी की समस्या के बारे में ज्ञात होने पर नर्मदा का नीर देने का भगीरथ कार्य किया था। 2003 में एक वर्ष तक राजस्थान को नर्मदा का पानी देकर गुजरात ने पड़ोसी धर्म निभाया था।

श्री शर्मा ने कहा कि यह महाअभियान आने वाली पीढ़ियों तक याद रहेगा। उन्होंने सूरत को कर्मभूमि बनाकर यहां बसे राजस्थान के लोगों द्वारा शुरू किए गए जल संचय, जनभागीदारी महाअभियान के लिए उनके प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि राजस्थान के गांव-गांव में रेन वाटर हार्वेस्टिंग के कार्य से पानी का अपार संग्रहण होगा।

श्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में देश आगे बढ़ रहा है। उन्होंने आतंकवाद का खात्मा कर देश को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए प्रधानमंत्री द्वारा किए जा रहे अथक प्रयासों का उल्लेख करते हुए सभी से इसमें भागीदार बनने और विकसित भारत की संकल्पना को साकार करने का अनुरोध किया।

श्री सम्राट चौधरी, उप मुख्यमंत्री, बिहारः ‘कर्मभूमि से जन्मभूमि’ जल संचय अभियान देश में पानी की कमी को दूर करने में बड़ी भूमिका निभाएगा

बिहार के उप मुख्यमंत्री श्री सम्राट चौधरी ने कहा कि गुजरात में बसे बिहारी गुजरात को विकास की राह पर देश में स्थापित कर रहे हैं। उन्होंने सूरत के विकास में देश के अन्य राज्यों से आकर बसे लोगों द्वारा दिए गए योगदान की सराहना करते हुए कहा कि गुजरात और केंद्र सरकार के संयुक्त तत्वावधान में किए गए जल संचय के कार्यों से प्रभावित होकर उन्होंने बिहार में भी जल संचय के कार्य शुरू किए हैं। उन्होंने इस कार्य में बड़ी संख्या में आम जन, उद्योगपति और सामाजिक संस्थाओं को जोड़ने का उल्लेख करते हुए कहा कि ‘कर्मभूमि से जन्मभूमि’ जल संचय अभियान देश में पानी की कमी को दूर करने में बड़ी भूमिका निभाएगा।

उन्होंने कहा कि वर्ष 2008 से पहले नेपाल से आने वाली नदियों में 2 लाख क्यूसेक पानी छोड़ने पर बिहार में बाढ़ आ जाती थी। लेकिन केंद्र सरकार और जल शक्ति मंत्रालय के सहयोग से आज नेपाल से 6.50 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने पर भी उचित जल प्रबंधन के कारण बाढ़ का संकट टल गया है।

श्री चौधरी ने कहा कि नेपाल से आने वाली नदियों के पानी के भंडारण के लिए चार बांध बनाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि दक्षिण बिहार के 21 जिले पानी से परिपूर्ण हैं, जबकि उत्तर बिहार के जल संकट का सामना कर रहे 17 जिलों को गंगा का पानी देने की शुरुआत की है।

श्री सी.आर. पाटिल, केंद्रीय जल शक्ति मंत्रीः सूरत में रहने वाले मध्य प्रदेश, राजस्थान और बिहार के व्यापारी-उद्योगपति अपनी मातृभूमि में करेंगे वाटर रिचार्जिंग के कार्य

केंद्रीय जल शक्ति मंत्री श्री सी.आर. पाटिल ने कहा कि ‘जल संचय जनभागीदारी अभियान’ पानी की वैश्विक समस्या के समाधान के लिए एक नई राह दिखाएगा। जिस तरह से गुजरात के विकास मॉडल को देश मे स्वीकृति मिली है, उसी तरह जल संचय जनभागीदारी का मॉडल पूरे भारत में एक उदाहरण बनेगा।

केंद्रीय मंत्री ने सूरत में बसे मध्य प्रदेश, राजस्थान और बिहार के व्यापारियों, उद्योगपतियों और समाज के अग्रणियों द्वारा जल संचय का बीड़ा उठाने पर खुशी व्यक्त की और कहा कि सूरत में बसे राजस्थान के व्यापारियों और उद्योगपतियों ने राजस्थान के हर गांव में प्रति गांव चार बोर कर बरसाती पानी को भूगर्भ में उतारने की जिम्मेदारी ली है। वहीं, सूरत में बसे मध्य प्रदेश और बिहार के व्यापारी और उद्योगपति मध्य प्रदेश के 3500 गांवों में 14 हजार बोर तथा बिहार के पांच जिलों के गांवों में वाटर रिचार्जिंग के कार्य करेंगे।

श्री पाटिल ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 2021 में ‘कैच द रेन’ प्रोजेक्ट की शुरुआत कर बारिश के पानी की हर बूंद के संग्रहण के लिए ‘गांव का पानी गांव में और खेतों का पानी खेत में’ की संकल्पना की थी। गुजरात में जल संचय जनभागीदारी अभियान की शुरुआत हाल ही में सूरत से की गई थी।

केंद्रीय मंत्री श्री पाटिल ने कहा कि जल है तो जीवन है, जल अनेक जीव-जंतुओं, प्राणियों और पक्षियों सहित समूची मानवजाति के जीवन का आधार है। उन्होंने कहा कि बरसाती पानी को जमीन में उतारने के लिए गुजरात में लोग अपार्टमेंट और सोसायटी में बोरवेल करवा कर उत्साहजनक प्रतिक्रिया दे रहे हैं। सूरत के पुलिस थानों, मुख्यालयों और सरकारी कार्यालयों में भी छत में इकट्ठा होने वाले बारिश के पानी को जमीन के अंदर संग्रहित करने के लिए रेन वाटर हार्वेस्टिंग के कार्य किए जा रहे हैं।

कार्यक्रम की शुरुआत में केंद्र के पेयजल एवं स्वच्छता विभाग की सचिव सुश्री विनी महाजन ने स्वागत भाषण में कहा कि पानी का महत्व समझते हुए भारत सरकार ने 2019 में जल शक्ति मंत्रालय की स्थापना की थी। नल से जल अभियान के तहत देश भर के 15.20 करोड़ घरों को पानी पहुंचाया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ‘होल ऑफ गवर्नमेंट, होल ऑफ सोसायटी’ यानी समग्र समाज और समग्र सरकार के दृष्टिकोण के साथ काम कर रही है। केच द रेन अभियान के अंतर्गत पानी की जरूरत को पूरा करने के लिए अमृत सरोवर, रेन वाटर हार्वेस्टिंग के शृंखलाबद्ध कार्य किए जा रहे हैं। सूरत शहर ने रेन वाटर हार्वेस्टिंग के क्षेत्र में प्रेरक पहल कर देश को एक नई दिशा दिखाई है।

इस अवसर पर समाज के अग्रणियों और व्यापारियों द्वारा मध्य प्रदेश, राजस्थान के मुख्यमंत्रियों और बिहार के उप मुख्यमंत्री का शॉल ओढ़ाकर एवं स्मृति चिह्न तथा पुष्प गुच्छ भेंट कर स्वागत किया गया। सभी मुख्यमंत्रियों और महानुभावों ने विशेष ताम्र पात्र में कलश से जल अर्पित किया।

कार्यक्रम में गुजरात के ऊर्जा मंत्री श्री कनुभाई देसाई, वन, जल संसाधन एवं जलापूर्ति राज्य मंत्री श्री मुकेशभाई पटेल, गृह राज्य मंत्री श्री हर्ष संघवी, शिक्षा राज्य मंत्री श्री प्रफुलभाई पानशेरिया, राजस्थान के संसदीय कार्य मंत्री श्री जोगारामजी, राजस्थान के जालोर के सांसद श्री लुंबाराम चौधरी, सूरत के महापौर श्री दक्षेशभाई मावाणी, जिला कलेक्टर डॉ. सौरभ पारघी, मनपा आयुक्त श्रीमती शालिनी अग्रवाल, पुलिस आयुक्त श्री अनुपम सिंह गहलोत, कई विधायक, सामाजिक अग्रणी, शहर के नागरिकों सहित गुजरात, मध्य प्रदेश और राजस्थान के व्यापारी, उद्योगपति एवं अग्रणी उपस्थित रहे।

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TAGS: Gujarat, Rainwater Harvesting, Water Conservation, Karmabhoomi Se Janmabhoomi Campaign, Chief Minister Bhupendra Patel
OUTLOOK 14 October, 2024
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