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26 August 2025

प्रधानमंत्री ने श्री नरेन्द्र मोदी ने हांसलपुर प्लांट से प्रथम बैटरी इलेक्ट्रिक व्हीकल ‘ई-विटारा’ को दिखाई हरी झंडी: लिथियम आयन बैटरी सेल और इलेक्ट्रोड के उत्पादन का उद्घाटन किया

निवेश चाहे जिस देश का हो, लेकिन यदि उसमें पसीना भारतीय का हो, तो वह वस्तु स्वदेशी ही है: प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी:-

  • भारत-जापान की मित्रता ‘मेड फॉर इच अदर’ है
  • भारत की डेमोक्रेसी, डेमोग्राफी और स्किल्ड वर्कफोर्स का लाभ किसी भी निवेशक देश के लिए ‘विन-विन सिचुएशन’ है
  • केंद्र सरकार द्वारा पिछले एक दशक में बनाई गई नीतियां देश के उद्योगों के विकास में बहुत ही कारगर साबित हुई हैं
  • यह प्रत्येक भारतीय के लिए गौरव का पल है कि दुनिया के 100 से अधिक देशों में चलने वाले ई-व्हीकल पर ‘मेड इन इंडिया’ लिखा होगा

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी उद्योगों को सामाजिक-आर्थिक विकास का एक बड़ा माध्यम मानते हैं: मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र पटेल

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मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र पटेल:-

  • मांडल, हांसलपुर और बेचराजी क्षेत्र में ऑटोमोबाइल सेक्टर का संपूर्ण इकोसिस्टम तैयार हुआ है
  • गुजरात और जापान का संबंध विश्वास, व्यापार और संस्कार का संबंध है

जापान के राजदूत श्री केइची ओनो तथा सुजुकी मोटर कॉर्पोरेशन के प्रतिनिधि निदेशक और अध्यक्ष श्री टी. सुजुकी की विशेष उपस्थिति

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को अहमदाबाद जिले के हांसलपुर में मारुति-सुजुकी के प्रथम बैटरी इलेक्ट्रिक व्हीकल (बीईवी) और लिथियम आयन बैटरी के उत्पादन के शुभारंभ अवसर पर भारत और जापान की मित्रता को ‘मेड फॉर इच अदर’ बताते हुए कहा कि अब से दुनिया के 100 से अधिक देशों में जो इलेक्ट्रिक व्हीकल चलेंगे, उन पर ‘मेड इन इंडिया’ लिखा होगा, जो हम सभी के लिए गौरव की बात है।

प्रधानमंत्री ने ‘वोकल फॉर लोकन’ को प्रोत्साहन देते हुए ‘स्वदेशी’ की अपनी व्याख्या को स्पष्ट करते हुए कहा कि निवेश चाहे किसी भी देश का हो, लेकिन उसमें पसीना किसी किसी भारतीय नागरिक का हो और वह वस्तु भारत की भूमि पर बनकर तैयार हुई है, तो हमारे लिए वह स्वदेशी ही है।

प्रधानमंत्री ने सुजुकी मोटर प्लांट में ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ के प्रति अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त करते और ग्रीन मोबिलिटी के लिए वैश्विक हब के रूप में भारत के उद्भव को रेखांकित करते हुए, बैटरी इलेक्ट्रिक वाहन ‘ई-विटारा’ को हरी झंडी दिखाई। उन्होंने टीडीएसजी लिथयम-आयन बैटरी प्लांट में हाइब्रिड बैटरी इलेक्ट्रोड्स के स्थानीय उत्पादन प्लांट का भी उद्घाटन किया। यह प्लांट स्वच्छ ऊर्जा को गति देगा और यह सुनिश्चित करेगा कि कुल उत्पादन का 80 फीसदी हिस्सा भारत में ही हो।

इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहा कि गणेश उत्सव के इस उल्लास में आज भारत की मेक इन इंडिया की यात्रा में एक नया अध्याय जुड़ रहा है। ‘मेक इन इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड’ के हमारे लक्ष्य की दिशा में यह एक बड़ी छलांग है। उन्होंने कहा कि आज से भारत में निर्मित इलेक्ट्रिक वाहनों का 100 से अधिक देशों में निर्यात होगा और आज से शुरू होने जा रहा हाइब्रिड बैटरी इलेक्ट्रोड का उत्पादन भी भारत और जापान की मित्रता को एक नया आयाम देगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज से लगभग 13 वर्ष पहले गुजरात में सुजुकी के हांसलपुर प्लांट की नींव रखी गई थी, उस दृष्टि से देखा जाए, तो मारुति-सुजुकी के इस प्लांट की स्थापना का यह 13वां वर्ष है और 13वां वर्ष एक प्रकार से टीनएज की शुरुआत का वर्ष होता है। टीनएज पंख फैलाने और सपनों की उड़ान भरने का कालखंड होता है। प्रधानमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि आगामी समय में मारुति का यह प्लांट नई उमंग और उत्साह के साथ पंख फैलाएगा और आगे बढ़ेगा।

उन्होंने कहा कि 2012 में उनके मुख्यमंत्रित्व काल में आत्मनिर्भर भारत और मेक इन इंडिया के विजन के साथ मारुति सुजुकी को भूमि आवंटित कर विकास के बीज रोपे थे। इस विजन और विश्वास को मारुति-सुजुकी कंपनी आगे बढ़ा रही है।

प्रधानमंत्री ने भारत-जापान की मित्रता में सुजुकी कंपनी के स्व. ओसामू सुजुकी सान के योगदान का भी स्मरण करते हुए कहा कि यह उनके ही विजन का परिणाम है।

श्री मोदी ने भारतीय नागरिकों की अप्रतिम शक्तियों और काबिलियत का उल्लेख करते हुए कहा कि भारत के पास डेमोक्रेसी और डेमोग्राफी, दो प्रकार के एडवांटेज हैं। इसके साथ ही, भारत की स्किल्ड वर्कफोर्स का लाभ भी भारत में उत्पादन के लिए आने वाली प्रत्येक कंपनी को मिल रहा है। इस दृष्टि से यहां निवेश और निर्माण के लिए आने वाले सभी पार्टनर-देश के लिए ‘विन-विन सिचुएशन’ है।

उन्होंने कहा कि मारुति-सुजुकी भारत में बनी गाड़ियों को जापान सहित अन्य देशों में निर्यात करती है, यह जापान और भारत के एक-दूसरे के प्रति भरोसे को दर्शाता है। मारुति-सुजुकी आज मेक इन इंडिया की ब्रांड एंबेसडर बन चुकी है। आज से ईवी एक्सपोर्ट को भी उसी स्तर पर ले जाने की शुरुआत हो रही है।

उन्होंने कहा कि आज मारुति-सुजुकी भारत की सबसे बड़ी कार निर्यातक कंपनी है। इतना ही नहीं, अब दुनिया के देशों में मारुति-सुजुकी कंपनी की जो ईवी चलेगी, उसमें ‘मेड इन इंडिया’ लिखा होगा, यह पूरे देश के लिए गौरव की बात है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि किसी भी इलेक्ट्रिक वाहन में उसकी बैटरी अत्यंत महत्वपूर्ण हिस्सा होता है। कुछ वर्षों पहले तक भारत में बैटरी पूरी तरह से आयात की जाती थी। लेकिन ईवी मैन्युफैक्चरिंग हब बनने के लिए यह आवश्यक था कि भारत बैटरी का भी निर्माण करे। इसलिए 2017 में जापान की तोशिबा, डेंजो और सुजुकी कंपनियों द्वारा गुजरात में टीडीएसजी बैटरी प्लांट की नींव रखी गई, जिसमें तीन कंपनियां साथ मिलकर बैटरी बनाएंगी और इलेक्ट्रोड भी भारत में ही बनेगा, इससे भारत की आत्मनिर्भरता को नया बल मिलेगा।

प्रधानमंत्री ने अपनी सिंगापुर यात्रा का उल्लेख करते हुए कहा कि उन्होंने पुरानी गाड़ियों और एंबुलेंस को हाइब्रिड ईवी में बदलने की बात कही थी। मारुति-सुजुकी ने इस चुनौती को स्वीकार कर केवल छह महीने में ही हाइब्रिड एंबुलेंस का वर्किंग प्रोटोटाइप तैयार कर दिखाया है। यह एंबुलेंस 'पीएम इलेक्ट्रिक ड्राइव रिवोल्यूशन इन इनोवेटिव व्हीकल एनहांसमेंट (पीएम ई-ड्राइव) योजना में एकदम फिट बैठती है। लगभग 11 हजार करोड़ रुपए की इस योजना में ई-एंबुलेंस के लिए भी प्रावधान किया गया है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि क्लीन एनर्जी और क्लीन मोबिलिटी हमारा भविष्य है। हाइब्रिड ईवी से प्रदूषण कम होगा और ऐसे प्रयासों से ही भारत काफी तेजी से एक विश्वसनीय डेस्टिनेशन बनेगा। उन्होंने कहा कि भारत ने पिछले एक दशक में जो नीतियां बनाई हैं, वह देश के उद्योगों के विकास में बहुत ही कारगर साबित हो रही हैं। उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 में जब उन्हें प्रधानमंत्री के रूप में देश की सेवा का अवसर मिला, तभी से ‘मेक इन इंडिया’ का अभियान शुरू कर लोकल और ग्लोबल उत्पादकों के लिए अनुकूल माहौल बनाया है। इसके लिए सभी क्षेत्रों में अनुकूलताएं तैयार की जा रही हैं, जिनमें इंडस्ट्रियल कॉरिडोर, लॉजिस्टिक पार्क सहित अनेक क्षेत्रों में उत्पादकों को प्रोडक्शन लिंक्ड इंटेंशिव का भी लाभ दिया जा रहा है। इसके लिए अनेक सुधार कर पुरानी कठिनाइयों को दूर किया गया है।

इन नीतियों के लाभ के बारे में बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार की इन सकारात्मक नीतियों के कारण इलेक्ट्रॉनिक्स का प्रोडक्शन लगभग 500 फीसदी बढ़ गया है, जबकि मोबाइल फोन का उत्पादन 2014 की तुलना में 2700 फीसदी तक बढ़ गया है। इसी प्रकार डिफेंस प्रोडक्शन में भी 200 फीसदी से अधिक की वृद्धि दर्ज की गई है।

केंद्र सरकार की ऐसी ही नीतियां राज्यों को प्रेरित करती हैं और इससे स्वस्थ प्रतिस्पर्धा शुरू हुई है जिसका लाभ पूरे देश को मिल रहा है। उन्होंने सभी राज्यों को प्रो-एक्टिव बनने, प्रो-डेवलपमेंट पॉलिसी बनाने और सिंगल विंडो क्लीयरेंस तथा कानूनों को अनुकूल बनाने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि ऐसी नीतियां होने से राज्यों के प्रति निवेशकों का विश्वास बढ़ता है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज पूरी दुनिया भारत की ओर देख रही है। ऐसे में उन्होंने हर राज्य से रिफॉर्म, गुड गवर्नेंस और प्रो-डेवलपमेंट के लिए प्रतिस्पर्धा कर ‘विकसित भारत@2047’ के निर्माण के लिए आगे आने का आह्वान किया।

उन्होंने कहा कि अनेक राज्यों ने विभिन्न क्षेत्रों में उम्दा परफॉर्म किया है, परंतु इससे ज्यादा अच्छा प्रदर्शन करना है। आगामी समय में फ्यूचरिस्टिक इंडस्ट्री पर फोकस को ध्यान में रखकर भारत ने सेमीकंडक्टर क्षेत्र में टेक ऑफ किया है, जिसके परिणामस्वरूप देश में छह सेमीकंडक्टर प्लांट तैयार हो रहे हैं, जिन्हें हमें आगे बढ़ाना है।

रेयर अर्थ एलिमेंट्स की जरूरत की चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इस क्षेत्र की चुनौतियों का सामना करने के लिए केन्द्र सरकार ने नेशनल क्रिटिकल मिनरल मिशन भी शुरू किया है, जिसके अंतर्गत देश में अलग-अलग स्थानों पर लगभग 1200 शोध अभियान चलाए जाएंगे तथा ऐसे तत्वों को खोजा जाएगा।

उन्होंने अपनी आगामी जापान यात्रा के बारे में कहा कि भारत व जापान की मित्रता केवल कूटनीतिक नहीं, बल्कि सांस्कृतिक है और दोनों देश एक-दूसरे की प्रगति में अपनी प्रगति देखकर एक-दूसरे के सहायक होते हैं। सुजुकी से शुरू हुई यह मित्रता अब बुलेट ट्रेन तक पहुंची है। भारत-जापान औद्योगिक संभावनाओं को साकार करने की यह पहल गुजरात से ही हुई थी। बीस वर्ष पहले शुरू की गई वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट के समय से ही जापान गुजरात का महत्वपूर्ण भागीदार है, जो इस मित्रता की नींव का मजबूत होना दर्शाता है।

आगामी वर्षों में सभी प्रमुख क्षेत्रों में आगे बढ़ने की आवश्यकता पर बल देते हुए प्रधानमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि आज के प्रयास विकसित भारत@2047 की नींव को मजबूत बनाने के साथ भारत-जापान की मित्रता को अटूट बनाएंगे।

मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र पटेल

मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र पटेल ने इस अवसर पर कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी उद्योगों को केवल आर्थिक निवेश एवं रोजगार का साधन मानने के स्थान पर सामाजिक-आर्थिक विकास का महत्वपूर्ण माध्यम भी मानते हैं।

श्री पटेल ने हांसलपुर में सुजुकी मोटर्स द्वारा हाइब्रिड बैटरी इलेक्ट्रोड मैन्युफैक्चरिंग तथा 100 से अधिक देशों में बैटरी इलेक्ट्रिक व्हीकल्स का एक्सपोर्ट की घोषणा को विकसित भारत की दिशा में ठोस कदम बताते हुए कहा कि गुजरात की धरती ने हमेशा विकास एवं प्रगति का मार्ग अपनाया है। सुजुकी मोटर्स का यह कदम गुजरात की इंडस्ट्रियल जर्नी में नया स्वर्णिम अध्याय जोड़ रहा है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की विजनरी लीडरशिप में तैयार हुए साणंद तथा मांडल-बेचराजी जैसे विशेष निवेश क्षेत्र (एसआईआर) विकसित भारत के विजन का जीवंत उदाहरण हैं।

उन्होंने कहा कि इस समग्र क्षेत्र में ऑटोमोबाइल सेक्टर का पूरा इकोसिस्टम तैयार हुआ है। मुख्यमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में ये ऑटोमोबाइल क्लस्टर्स गुजरात को विश्व का ऑटोमोटिव हब बनाने की दिशा में निर्णायक भूमिका निभाएंगे।

उन्होंने कहा कि गुजरात तथा जापान का संबंध विश्वास, व्यापार एवं संस्कार का है। सुजुकी, तोशिबा, डेंसो जैसी कंपनियों ने निवेश के लिए गुजरात का चयन किया है, जो विश्वास का सबसे बड़ा उदाहरण है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री की विजनरी लीडरशिप में गुजरात ने सिद्ध किया है कि यदि सच्ची नीतियाँ, स्टेट ऑफ द आर्ट, इन्फ्रास्ट्रक्चर व ईज ऑफ डूइंग बिजनेस तथा प्रो-एक्टिव गवर्नेंस साथ मिलें, तो एक राज्य को किस प्रकार ग्लोबल इंडस्ट्रियल हब बनाया जा सकता है।

प्रधानमंत्री द्वारा शुरू कराई गई वाइब्रेंट समिट का उल्लेख करते हुए श्री पटेल ने कहा कि यह समिट एक ऐसा मंच है, जिसने गुजरात को ग्लोबल इंडस्ट्रियल मैप पर प्रस्थापित किया है। इस समिट ने राज्य में इंडस्ट्रीज तथा इन्वेस्टमेंट के लिए नए द्वार खोले हैं। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में आगामी वर्षों में गुजरात का ऑटोमोटिव सेक्टर समग्र दुनिया को नई दिशा देगा।

अपने प्रासंगिक संबोधन की गुजराती में शुरुआत कर जापान के भारत स्थित राजदूत श्री ओनो केइची ने कहा कि जापान एवं भारत के औद्योगिक संबंध दोनों देशों में शांति तथा समृद्धि के वाहक रहे हैं। आज प्रधानमंत्री के करकमलों से शुभारंभ के बाद गुजरात में बनी इलेक्ट्रिक कार विश्व के 100 से अधिक देशों में निर्यात होगी। यह दोनों देशों के लिए आनंद एवं गर्व की बात है। आज शुरू हो रही दोनों परियोजनाएं सस्टेनेबल एवं क्लीन मोबिलिटी क्षेत्र में महत्वपूर्ण सिद्ध होंगी। जापान की कई कंपनियां आज गुजरात एवं भारत में सफलतापूर्वक अपने उद्योग चला रही हैं। उन्होंने जोड़ा कि आगामी समय में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की जापान यात्रा दोनों देशों के बीच औद्योगिक संबंधों को अधिक मजबूत बनाएगी।

सुजुकी मोटर कॉर्पोरेशन के रिप्रेजेंटेटिव डाइरेक्टर तथा प्रेसिडेंट श्री टी. सुजुकी ने स्वागत संबोधन में सुजुकी प्लांट में ऐतिहासिक परियोजनाओं के शुभारंभ अवसर पर सभी का स्वागत किया।

सुजुकी मोटर प्लांट में परियोजनाओं के शुभारंभ अवसर पर मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड के मैनेजिंग डाइरेक्टर तथा सीईओ श्री एच. टाकेउची, मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड के चेयरमैन श्री आर. सी. भार्गव, राज्य के उद्योग मंत्री श्री बलवंतसिंह राजपूत, सांसद श्री मयंकभाई नायक व श्री चंदूभाई शिहोरा, विधायक श्री हार्दिक पटेल, सुजुकी के अधिकारी-कर्मचारी और जिला प्रशासन के अधिकारी-पदाधिकारी उपस्थित रहे।

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TAGS: प्रधानमंत्री मोदी, आत्मनिर्भर भारत, मारुति सुजुकी, इलेक्ट्रिक व्हीकल, गुजरात
OUTLOOK 26 August, 2025
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