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28 July 2025

आरईसी लिमिटेड आईएसओ 31000:2018 (उद्यम जोखिम प्रबंधन - दिशानिर्देश) अनुपालक बनने वाली पहली भारतीय सार्वजनिक क्षेत्र की एनबीएफसी बनी

आरईसी लिमिटेड, भारत सरकार के विद्युत मंत्रालय के अंतर्गत एक महारत्न सार्वजनिक क्षेत्र उद्यम और अग्रणी एनबीएफसी, को आईएसओ 31000:2018 (उद्यम जोखिम प्रबंधन - दिशानिर्देश) के अनुपालन के लिए बीएसआई (ब्रिटिश मानक संस्थान) द्वारा 'स्वतंत्र राय वक्तव्य' प्रदान किया गया है। यह महत्वपूर्ण उपलब्धि आरईसी को बीएसआई से यह मान्यता प्राप्त करने वाली पहली भारतीय सार्वजनिक क्षेत्र की गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (एनबीएफसी) बनाती है।

आईएसओ 31000:2018 एक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त मानक है जो प्रभावी जोखिम प्रबंधन के लिए सिद्धांत और दिशानिर्देश प्रदान करता है। यह जोखिम प्रबंधन के मोर्चे पर आरईसी को महत्वपूर्ण मूल्य प्रदान करने हेतु सर्वोत्तम जोखिम प्रबंधन प्रथाओं को अपनाने के हमारे प्रयासों का प्रमाण है।

आरईसी के मुख्य जोखिम अधिकारी, श्री सुब्रत ऐच ने कहा, "यह आईएसओ 31000:2018 अनुपालन उद्यम जोखिम प्रबंधन में उत्कृष्टता के प्रति आरईसी की अटूट प्रतिबद्धता का प्रमाण है।" उन्होंने आगे कहा, "यह दर्शाता है कि आरईसी का जोखिम प्रबंधन के प्रति एक संरचित, व्यापक और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर समन्वित दृष्टिकोण है, जो निवेशकों और ऋणदाताओं सहित हमारे सभी हितधारकों के विश्वास को और बढ़ाएगा।"

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इस आधिकारिक दस्तावेज को औपचारिक रूप से श्री सुब्रत आइच को विद्युत और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा राज्य मंत्री श्री श्रीपद येसो नाइक और बीएसआई के भारत प्रमुख - प्रशिक्षण (बिक्री और संचालन) श्री प्रतीक राय द्वारा यशोभूमि कन्वेंशन सेंटर, द्वारका, नई दिल्ली में आयोजित आरईसी के 56वें स्थापना दिवस के दौरान सौंपा गया।

आरईसी लिमिटेड के बारे में-

आरईसी भारत सरकार के विद्युत मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण के तहत एक 'महारत्न' कंपनी है, और आरबीआई के साथ गैर-बैंकिंग वित्त कंपनी (एनबीएफसी), सार्वजनिक वित्तीय संस्थान (पीएफआई) और इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंसिंग कंपनी (आईएफसी) के रूप में पंजीकृत है। आरईसी पूरे विद्युत-अवसंरचना क्षेत्र को वित्तपोषित कर रहा है जिसमें उत्पादन, पारेषण, वितरण, नवीकरणीय ऊर्जा और नई प्रौद्योगिकियां जैसे इलेक्ट्रिक वाहन, बैटरी भंडारण, पंप भंडारण परियोजनाएं, ग्रीन हाइड्रोजन, ग्रीन अमोनिया परियोजनाएं आदि शामिल हैं। हाल ही में आरईसी लिमिटेड ने गैर-विद्युत अवसंरचना क्षेत्र में भी विविधता लाई है जिसमें सड़क और एक्सप्रेसवे, मेट्रो रेल, हवाई अड्डे, आईटी संचार, सामाजिक और वाणिज्यिक अवसंरचना (शैक्षणिक संस्थान, अस्पताल), बंदरगाह और इस्पात, रिफाइनरी आदि जैसे विभिन्न अन्य क्षेत्रों के संबंध में इलेक्ट्रो-मैकेनिकल (ईएंडएम) कार्य शामिल हैं।

आरईसी लिमिटेड देश में अवसंरचना परिसंपत्तियों के निर्माण के लिए राज्य, केंद्र और निजी कंपनियों को विभिन्न परिपक्वताओं के ऋण प्रदान करता है। आरईसी लिमिटेड बिजली क्षेत्र के लिए सरकार की प्रमुख योजनाओं में एक महत्वपूर्ण रणनीतिक भूमिका निभा रहा है और प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना (सौभाग्य), दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना (डीडीयूजीजेवाई), राष्ट्रीय विद्युत निधि (एनईएफ) योजना के लिए नोडल एजेंसी रही है, जिसके परिणामस्वरूप देश में अंतिम मील वितरण प्रणाली, 100% गांव विद्युतीकरण और घरेलू विद्युतीकरण को मजबूत किया गया है। आरईसी को कुछ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए पुन: व्यवस्थित वितरण क्षेत्र योजना (आरडीएसएस) के लिए नोडल एजेंसी भी बनाया गया है। आरईसी को केंद्र सरकार की ओर से पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना की जिम्मेदारी भी दी गई है।

अस्वीकरण: यह एक प्रायोजित लेख है। जानकारी की सटीकता, विश्वसनीयता, समयबद्धता और प्रामाणिकता सुनिश्चित करने के लिए सभी संभव उपाय किए गए हैं; हालाँकि OutlookHindi.com इसके लिए कोई ज़िम्मेदारी नहीं लेता है। लेख में दी गई किसी भी जानकारी का उपयोग पूरी तरह से दर्शकों के विवेक पर है।

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TAGS: आर.ई.सी लिमिटेड, महारत्न कंपनी, केंद्रीय पावर मंत्रालय, ISO 31000:2018, NBFC
OUTLOOK 28 July, 2025
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