श्री जितेन्द्र श्रीवास्तव ने आरईसी लिमिटेड के सीएमडी का पदभार ग्रहण किया
श्री जितेंद्र श्रीवास्तव, आईएएस, ने 22 अप्रैल 2025 को आरईसी लिमिटेड के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक (सीएमडी) के रूप में पदभार ग्रहण किया है।
18 अप्रैल 2025 को कैबिनेट की नियुक्ति समिति (एसीसी) ने बिहार कैडर (2000 बैच) के आईएएस अधिकारी श्री श्रीवास्तव को आरईसी का सीएमडी नियुक्त किया। यह नियुक्ति विद्युत मंत्रालय के तहत भारत सरकार के अपर सचिव के पद और वेतन पर की गई है।
श्री श्रीवास्तव एक अनुभवी सिविल सेवक हैं, जिन्होंने दो दशकों से अधिक समय तक विशिष्ट सेवा की है। पिछले कुछ वर्षों में, उन्होंने भारत सरकार और बिहार सरकार में कई प्रमुख प्रशासनिक और नेतृत्वकारी भूमिकाएँ निभाई हैं।
श्री श्रीवास्तव जनवरी 2023 से जल शक्ति मंत्रालय के पेयजल एवं स्वच्छता विभाग में संयुक्त सचिव के पद पर कार्यरत हैं। इससे पहले वे बिहार सरकार के गृह विभाग और लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग (पीएचईडी) में सचिव के पद पर कार्यरत थे।
उनकी नियुक्तियों में वित्त, बिजली क्षेत्र, शिक्षा, सार्वजनिक स्वास्थ्य और बुनियादी ढांचे जैसे क्षेत्रों में महत्वपूर्ण कार्य शामिल हैं। जमीनी स्तर पर शासन की उनकी गहरी समझ, केंद्रीय स्तर पर उनके अनुभव के साथ मिलकर, उन्हें आरईसी के रणनीतिक उद्देश्यों को आगे बढ़ाने और भारत की बढ़ती बिजली और ऊर्जा जरूरतों का समर्थन करने के लिए अच्छी तरह से सुसज्जित बनाती है।
उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के हंसराज कॉलेज से अर्थशास्त्र में बी.ए. (ऑनर्स) और कोचीन विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय से एम.बी.ए. (वित्त) की डिग्री प्राप्त की है।
आरईसी लिमिटेड के बारे में-
आरईसी भारत सरकार के विद्युत मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण के तहत एक 'महारत्न' कंपनी है, और आरबीआई के साथ गैर-बैंकिंग वित्त कंपनी (एनबीएफसी), सार्वजनिक वित्तीय संस्थान (पीएफआई) और इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंसिंग कंपनी (आईएफसी) के रूप में पंजीकृत है। आरईसी पूरे विद्युत-अवसंरचना क्षेत्र को वित्तपोषित कर रहा है जिसमें उत्पादन, पारेषण, वितरण, नवीकरणीय ऊर्जा और नई प्रौद्योगिकियां जैसे इलेक्ट्रिक वाहन, बैटरी भंडारण, पंप भंडारण परियोजनाएं, ग्रीन हाइड्रोजन, ग्रीन अमोनिया परियोजनाएं आदि शामिल हैं। हाल ही में आरईसी लिमिटेड ने गैर-विद्युत अवसंरचना क्षेत्र में भी विविधता लाई है जिसमें सड़क और एक्सप्रेसवे, मेट्रो रेल, हवाई अड्डे, आईटी संचार, सामाजिक और वाणिज्यिक अवसंरचना (शैक्षणिक संस्थान, अस्पताल), बंदरगाह और इस्पात, रिफाइनरी आदि जैसे विभिन्न अन्य क्षेत्रों के संबंध में इलेक्ट्रो-मैकेनिकल (ईएंडएम) कार्य शामिल हैं।
आरईसी लिमिटेड देश में अवसंरचना परिसंपत्तियों के निर्माण के लिए राज्य, केंद्र और निजी कंपनियों को विभिन्न परिपक्वताओं के ऋण प्रदान करता है। आरईसी लिमिटेड बिजली क्षेत्र के लिए सरकार की प्रमुख योजनाओं में एक महत्वपूर्ण रणनीतिक भूमिका निभा रहा है और प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना (सौभाग्य), दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना (डीडीयूजीजेवाई), राष्ट्रीय विद्युत निधि (एनईएफ) योजना के लिए नोडल एजेंसी रही है, जिसके परिणामस्वरूप देश में अंतिम मील वितरण प्रणाली, 100% गांव विद्युतीकरण और घरेलू विद्युतीकरण को मजबूत किया गया है। आरईसी को कुछ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए पुन: व्यवस्थित वितरण क्षेत्र योजना (आरडीएसएस) के लिए नोडल एजेंसी भी बनाया गया है। आरईसी को केंद्र सरकार की ओर से पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना की जिम्मेदारी भी दी गई है। 31 दिसंबर 2024 तक आरईसी की ऋण पुस्तिका ₹5.65 लाख करोड़, बाजार पूंजीकरण ₹1,31,844 करोड़ और नेटवर्थ ₹76,502 करोड़ है।