सीएम राइज स्कूल से गरीब का बेटा भी बनेगा आईएएस, डॉक्टर, इंजीनियर बनेगा: मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान
एक जमाना था, जब मध्य प्रदेश में स्कूल की बिल्डिंग ही नहीं हुआ करती थी। बच्चे खुले में पेड़ के नीचे पढ़ाई करते थे, बैठने के लिए घर से फट्टी लेकर जाते थे। लेकिन आज तस्वीर बदल गई है। जब मैं मुख्यमंत्री बना, तो मेरी सरकार ने तय किया कि बच्चों के पढ़ने के लिए बेहतर स्कूल होने चाहिए। पहले प्राथमिक स्कूल की बिल्डिंग बनाई, बाद में हाई स्कूल की बिल्डिंग बनाई फिर हायर सेकंडरी की स्कूल बिल्डिंग बनवाई। इसी का परिणाम आज बन रहा सीएम राइज स्कूल है।
यह बातें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कही। वे राजधानी भोपाल के भेल क्षेत्र में 81 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले महात्मा गांधी सीएम राइज स्कूल का भूमिपूजन करने पहुंचे थे। इस दौरान मुख्यमंत्री ने प्रदेश के कक्षा 6वीं एवं कक्षा 9वीं के 4.6 लाख से अधिक स्कूली विद्यार्थियों के खातों में साइकिल के लिए ₹207 करोड़ की राशि अंतरित की। मुख्यमंत्री ने कहा कि गरीब के बेटा-बेटी में भी बुद्धि, टैलेंट और प्रतिभा होती है। अगर उनको प्राइवेट स्कूलों जैसे स्कूल मिल जाएं तो वह भी चमत्कार कर सकते हैं। कोविड बीमारी के दौरान ही मध्य प्रदेश में वर्चुअल माध्यम से कई विशेषज्ञों को जोड़ा गया, आनलाइन पढ़ाई करवाई गई। अब दिल्ली, मुंबई और दुनियाभर के विशेषज्ञ किसी गांव में बने सीएम राइज स्कूल के बच्चों को पढ़ा पाएंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा बच्चों के जीवन को संवारने का काम कोई करती है, और स्कूलों को संवारने का काम मध्य प्रदेश सरकार कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि 12वीं कक्षा में 75% अंक लाने वाले बेटे-बेटियों को हम लैपटॉप तो देते ही हैं, अब 12वीं में अपने स्कूल में टॉप करने वाले बेटा-बेटी को स्कूटी दी जायेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने नई शिक्षा नीति लागू की है, हमने उस नीति को लागू करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं।
सीएम ने बताया- कैसा होगा सीएम राइज स्कूल
सीएम ने कहा कि गरीब, मध्यमवर्गीय परिवारों के बच्चों में भी प्रतिभा होती है, लेकिन वे प्राइवेट स्कूल में नहीं पढ़ सकते, अब बन रहे सीएम राइज स्कूलों में विश्वस्तरीय शिक्षा नि:शुल्क प्रदान की जाएगी। गरीबों के बच्चे फ्री में यहां पढ़ेंगे। सीएम राइज स्कूल मतलब शानदार बिल्डिंग, अच्छा क्लासरूम, स्मार्ट क्लास, दिल्ली—बंबई का शिक्षक स्मार्ट क्लास में आनलाइन बैठकर पढ़ा सकेगा, प्रयोगशाला, खेल मैदान, अच्छा पुस्तकालय होगा, स्वीमिंग पूल होगा। इन स्कूलों तक पहुंचने के लिए बस चलाई जाएगी, बच्चों को बस से घर ले जाएंगे, स्कूल छोड़ेंगे, आवागमन की सुविधा, तैरने की सीख के लिए स्वीमिंग पूल बनाएंगे।
मैं खुद गरीब परिवार में जन्मा
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मैं खुद गरीब परिवार में जन्मा हूं, मैं सरकारी स्कूल में पढ़ा हूं, अगर बच्चों में लगन हो तो वे कहीं भी पढ़कर आगे बढ़ सकते हैं।
साइकिल से बदली बेटियों की तकदीर
सीएम शिवराज सिंह ने कहा कि पहले माता-पिता बेटी को दूसरे गांव स्कूल जाने नहीं देते थे, तब मैंने तय किया कि पांचवी पास करने वाली बेटी को साइकिल दी जाएगी, नौंवी, ग्यारहवी में पास होने पर साइकिल दी गई, भांजी ही नहीं भांजों को भी साइकिल दी जा रही है। सीएम ने कहा कि मैं आज हर बच्चे के खाते में साढ़े 4 हजार रुपये डाल रहा हूं, इससे साइकिल ही खरीदना, माता—पिता को पैसा मत देना।
कांग्रेस सरकार ने साइकिल, लैपटॉप देना बंद कर दिया था
पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार और मुख्यमंत्री कमल नाथ का नाम लिये बगैर सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि 12 कक्षा में 75 प्रतिशत से अधिक नंबर पाने वाले विद्यार्थियों को हमारी भाजपा सरकार लैपटॉप देती है। एक बार मध्य प्रदेश में दूसरी सरकार आ गई थी, उसने बच्चों को लैपटॉप देना बंद कर दिया था, साइकिल देना बंद कर दिया था, लेकिन कुछ दिनों बाद मैं दोबारा मुख्यमंत्री बन गया, ये योजनाएं फिर शुरू कर दी।
पूरी पढ़ाई फ्री करवाएगा मामा शिवराज
सीएम शिवराज ने कहा कि मामा अब तुम्हें स्कूटी भी दिलाएगा, कक्षा में टॉप करने वाले बच्चों को हमारी सरकार स्कूटी देगी, मध्य प्रदेश की सरकार तुम्हें स्कॉलरशिप दे रही है, मेडिकल, नीट, इंजीनियरिंग की सभी पढ़ाई फ्री में करवाई जाएगी। गरीबी पढ़ाई के लिए आड़े नहीं आएगी, बच्चों अब चिंता मत करना, पढ़ाई के लिए मम्मी पापा को फीस के पैसे नहीं देने पड़ेंगे, आईआईएम, आईआईटी, मेडिकल, लॉ, इंजीनियरिंग सहित सभी पाठ्यक्रम की पूरी फीस तुम्हारा मामा भरेगा, पूरी पढ़ाई फ्री में होगी। क्यों गरीब का बेटा गरीब रहे, किसान का बेटा क्यों हल चलाए, अब सभी बच्चे डॉक्टर बनेंगे, आईएएस बनेंगे, इंजीनियर बनेंगे, ये बच्चे आगे बढ़ेंगे, मेरी सरकार इन सभी बच्चों को आगे बढ़ाएगी।