Advertisement
19 November 2024

स्मार्ट सिटी मिशन के तहत हजारों साल पुराना शहर दाहोद आधुनिक विकास की ओर अग्रसर

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन और मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व में, गुजरात के दाहोद जिले में भारत के स्मार्ट सिटी मिशन के तहत महत्वपूर्ण प्रगति देखी गई है। भारत सरकार द्वारा जून 2015 में शुरु किए गए स्मार्ट सिटी मिशन के तहत शहरी क्षेत्रों में आधारभूत संरचना, जीवन स्तर और सतत विकास को लेकर कई काम किए जा रहे हैं। इस मिशन के तहत भारत में 100 चयनित शहरों में से 6 गुजरात के हैं जिनमें अहमदाबाद, सूरत, वडोदरा, राजकोट, गांधीनगर और दाहोद शहर शामिल हैं। उल्लेखनीय है कि स्मार्ट सिटी मिशन के लिए दाहोद शहर को तीसरे फेज़ में चुना गया था।

स्मार्ट सिटी मिशन के अंतर्गत दाहोद स्मार्ट सिटी डेवलपमेंट लिमिटेड (DSCDL) द्वारा दाहोद शहर में ₹121 करोड़ की लागत से एक अत्याधुनिक इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर विकसित किया गया है और साथ ही, दाहोद के नागरिकों के दिल में विशेष स्थान रखने वाली ऐतिहासिक सिद्धराज जयसिंह छाब झील को भी ₹120.87 करोड़ की लागत से पुन:विकसित किया गया है।

क्या है दाहोद स्मार्ट सिटी डेवलपमेंट लिमिटेड (DSCDL)?

Advertisement

भारत सरकार के स्मार्ट सिटी मिशन के तहत तीसरे फेज़ में दाहोद को स्मार्ट सिटी के रूप में चुने जाने के बाद, 19 दिसम्बर 2017 को कंपनी अधिनियम, 2013 के तहत दाहोद स्मार्ट सिटी डेवलपमेंट लिमिटेड (DSCDL) की स्थापना की गई। DSCDL को दाहोद में स्मार्ट सिटी परियोजनाओं की देखरेख और प्रबंधन के लिए नोडल एजेंसी के रूप में नियुक्त किया गया है।

कैसा है दाहोद में स्थापित इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर?

स्मार्ट सिटी मिशन के तहत DSCDL द्वारा अति आधुनिक आईटी इन्फ्रास्ट्रक्चर युक्त से दाहोद के इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर को नागरिकों की सुरक्षा को बढ़ाने और शहर के विकास में सहयोग के लिए स्थापित किया गया है। राष्ट्रीय राजमार्ग 13 पर शहर से 13 किमी. दूर दाहोद कलेक्टर कार्यालय में स्थित G+3 भवन में क्लाउड बेस्ड डिजास्टर रिकवरी के साथ यह अति आधुनिक डेटा सेंटर मौजूद है। इसके ऑपरेशनल एरिया में मौजूद 7x4 वीडियो वॉल से 25 ऑपरेटर्स अलग-अलग शिफ्ट में पूरे शहर की निगरानी करते हैं।

₹121 करोड़ की लागत से बने इस कमांड एंड कंट्रोल सेंटर को शहर के IT नर्व सेंटर के रूप में कार्य करने के लिए डिजाइन किया गया है, जो पुलिस और यातायात प्रबंधन जैसे विभागों की कार्यकुशलता को बेहतर करने में मदद करता है। इस प्रोजेक्ट के तहत लगाए गए व्यापक सीसीटीवी नेटवर्क की मदद से, दाहोद पुलिस को शहर में कानून-व्यवस्था बनाए रखने, अपराधों का समाधान करने और नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में काफी मदद मिल रही है।

इस कमांड एंड कंट्रोल सेंटर से संबंधित महत्वपूर्ण बिंदु

  1. शहर निगरानी प्रणाली: सार्वजनिक सुरक्षा में सुधार के लिए, DSCDL ने दाहोद में रणनीतिक रूप से चयनित 79 स्थानों पर 388 हाई-डेफिनेशन सर्विलांस कैमरा लगाए हैं, जिनमें IP PTZ, बुलेट और डोम कैमरे भी शामिल हैं।_
  2. स्मार्ट पोल्स: दाहोद में स्थापित किए गए प्रत्येक स्मार्ट पोल में स्मार्ट स्ट्रीटलाइट्स, वाई-फाई, निगरानी कैमरे, पर्यावरणीय सेंसर, पब्लिक एड्रेस सिस्टम और आपातकालीन कॉल बॉक्स जैसी उन्नत प्रौद्योगिकियां मौजूद हैं_
  3. यातायात प्रबंधन: दाहोद का संपूर्ण यातायात प्रबंधन प्रणाली ट्रैफिक वायलेशन डिटेक्शन सिस्टम (TVDS), 79 ANPR (ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकॉग्नेशन), 38 रेड लाइट्स और 6 स्पीड वायलेशन कैमरे, और 13 प्रमुख चौराहों पर एडेप्टिव ट्रैफिक कंट्रोल सिस्टम (ATCS) से युक्त है। यह प्रणाली रियल-टाइम में यातायात की स्थिति को समायोजित करके सड़क सुरक्षा और यातायात प्रवाह को संचालित करती है।_
  4. इंटरएक्टिव KIOSKs: शहर भर में पांच इंटरएक्टिव KIOSKs भी स्थापित किए गए हैं, जो निवासियों को स्मार्ट सिटी पहलों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करते हैं।_
  5. टेलीमेडिसिन और EMR: दाहोद में विभिन्न स्वास्थ्य सुविधाओं पर 10 टेलीमेडिसिन केंद्र स्थापित किए गए हैं, जो दूरस्थ चिकित्सा सहायता और आपातकालीन सेवाएं प्रदान करते हैं।_
  6. स्मार्ट कचरा प्रबंधन: GPS-सक्षम वाहनों, RFID (रेडियो फ्रिक्वेन्सी आइडेन्टीफिकेशन)- -टैग किए गए डिब्बे और रियल टाइम अपडेटेड सिस्टम के साथ एक स्मार्ट कचरा प्रबंधन प्रणाली को पूरे शहर में संचालित किया गया है।_
  7. E-GIS प्रणाली: यह GIS-आधारित प्रणाली सभी स्मार्ट सिटी तत्वों का मानचित्रण करती है, जिससे स्थान-विशिष्ट डेटा के माध्यम से शहरी प्रबंधन और विश्लेषण को बेहतर बनाया जाता है।_

ऐतिहासिक छाब झील का आधुनिक सुविधाओं से युक्त पुनर्विकास

दाहोद में प्रवेश करते ही छाब झील इस शहर की प्रमुख पहचान के रूप में दिखाई देती है। यह झील सोलंकी राजा सिद्धराज जयसिंह द्वारा विक्रम संवत 1093 में बनाई गई थी। यह झील उस समय खुदाई करने के लिए 'छाब' (बास्केट) का इस्तेमाल करने वाले सैनिकों द्वारा बनाई गई थी, ताकि अभियान के दौरान पानी उपलब्ध हो सके।

हाल ही में DSCDL द्वारा पुनर्विकसित की गई यह झील अब एक जीवंत मनोरंजन स्थल बन गई है। यहां 2.5 किमी लंबी जॉगिंग और साइक्लिंग ट्रैक, एक एम्फीथियेटर, नौका विहार सुविधाएं, योग केंद्र, और हरियाली से सजे बागीचे स्थापित किए गए हैं। इसके अतिरिक्त, बच्चों के खेलने के लिए प्ले एरिया, खुले जिम, जल शोधन और एरिएशन सिस्टम्स, 360 KW का एक सौर संयंत्र, एक फूड कोर्ट और एक शिल्प बाजार की भी सुविधा मौजूद है।

अपनी समृद्ध विरासत और आधुनिक बुनियादी ढांचे के साथ, दाहोद स्मार्ट सिटी मिशन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मंत्र “विकास भी- विरासत भी” का एक बेहतरीन उदाहरण प्रस्तुत करता है, जहाँ गुजरात सरकार द्वारा इस शहर में ऐतिहासिक विरासत को संजोने के साथ-साथ आधुनिक विकास व नवाचार को आगे बढ़ाते हुए सतत भविष्य पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: Gujarat, Dahod, Smart City Mission, Ancient City, Chief Minister Bhupendra Patel
OUTLOOK 19 November, 2024
Advertisement