Advertisement
23 November 2019

अजीत पवार ने चाचा से जो सीखा, उन्हीं पर आजमाया

एनसीपी के वरिष्ठ नेता अजीत पवार के निर्णय ने भाजपा खेमें में उम्मीद जगाते हुए देवेंद्र फड़नवीस को दूसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने में मदद की। महाराष्ट्र में और बाहर कई लोगों को इस पर आश्चर्य हो सकता है, लेकिन जाहिर तौर पर उन्होंने जिस राजनीतिक चाल का फायदा उठाया वो उन्होंने किसी और से नहीं बल्कि मराठा दिग्गज और अपनी चतुराई भरी राजनीतिक पैंतरेबाजी के लिए जाने जाने वाले अपने चाचा शरद पवार सीखी हैं।

1978 पर लौटें, पवार सीनियर ने वसंतदादा पाटिल के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार में राज्य के सबसे युवा मुख्यमंत्री बनने के लिए सरकार गिरा दी थी। चार दशक से ज्यादा समय बाद, उनके भतीजे ने उन पर वही पैंतरा चला। रातों-रात हुए इस तख्तापलट में अजीत ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को सभी एनसीपी विधायकों द्वारा हस्ताक्षरित समर्थन पत्र सौंपा, जिसमें राष्ट्रपति शासन रद्द करने और मुख्यमंत्री के रूप में फड़नवीस के शपथ ग्रहण के साथ-साथ उनके उप मुख्यमंत्री बनने का समर्थन शामिल था।

एनसीपी और कांग्रेस के शिवसेना के नेतृत्व में सरकार बनाने को की गई मीटिंग के कुछ घंटे बाद ही यह सब हो गया। मुंबई में शरद पवार की अध्यक्षता में शुक्रवार की शाम को बैठक हुई जिसमें अजीत भी शामिल थे। शनिवार को शिवसेना के उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में नई सरकार के गठन के लिए तीन-पक्षीय गठबंधन का दावा किया गया था। लेकिन अजीत पवार ने सभी के पैरों तले जमीन खींच कर एक अप्रत्याशित गठबंधन कर लिया।  

Advertisement

सूत्रों का कहना है कि अजीत ने यह पलटी तब मारी जब उन्हें तय हो गया कि उद्धव ठाकरे ही पूरे पांच साल मुख्यमंत्री रहेंगे। अजीत ने पार्टी विधायकों के साथ एनसीपी और शिवसेना के लिए यह कहते हुए ढाई साल के मुख्यमंत्री के लिए दबाव डाला था कि उनके पास शिवसेना के मुकाबले बस दो ही विधायक कम हैं। 21 अक्टूबर के विधानसभा चुनाव में, शिवसेना और एनसीपी ने क्रमशः 56 और 54 सीटें जीती थीं। हालांकि, कहा जाता है कि अपनी पार्टी के लिए ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री पद लेने में शरद पवार कोई दिलचस्पी नहीं थी। उनके इस फैसले ने अजीत को नाराज कर दिया और यह नाराजी उन्हें भाजपा  खेमे की ओर ले गई।

इसमें सबसे दिलचस्प यह है कि शिवसेना सरकार में भी अजीत उप-मुख्यमंत्री बनने वाले थे। लेकिन उन्होंने इसी पद के लिए बीजेपी का साथ दिया। हो सकता है उन्हें यहां बेहतर संभावनाएं नजर आई हों। अब शिवसेना अजीत पर अपने खिलाफ ईडी के भ्रष्टाचार के मामले की आशंका के चलते साजिश रचने का आरोप लगा रही है। वह कह रही है कि इस नाटक में शरद पवार की कोई भूमिका नहीं है। कांग्रेस का भी मानना है कि पवार के भतीजे ने राजनीतिक जीवन के इस पड़ाव में उन्हें पछाड़ दिया है।

दूसरी ओर शरद ने अजीत के कदम से खुद को अलग कर लिया है। उन्होंने ट्विट कर कहा, कि यह उनके भतीजे का निजी कदम है। उनकी बेटी और पार्टी सांसद सुप्रिया सुले ने भी कहा कि पार्टी और परिवार  टूट गया है। पिछली रात तक महाराष्ट्र की राजनीति में किंगमेकर की भूमिका निभाने वाले पवार इस घटना के बाद खुद को कहां खड़ा पाते हैं? यदि वास्तव में अजीत ने भाजपा के साथ जुड़ कर एनसीपी में फूट डाली है, तो क्या यह महाराष्ट्र की राजनीति में अहम भूमिका निभाने वाले उनके चाचा के राजनीतिक अंत की राह है?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के समर्थन और आशीर्वाद के साथ, अजीत पवार को आने वाले विश्वास मत में फड़नवीस सरकार को दलबदल विरोधी कानून के प्रावधानों के तहत अयोग्यता से बचाते हुए दोबारा लाना कठिन नहीं होगा। 54 में से 36 विधायक साथ लाना उनके लिए मुश्किल नहीं होगा। अजीत को इस बात से मदद मिल सकती है कि विधानसभा चुनावों में उन्होंने पार्टी के उम्मीदवारों के चयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी और ज्यादातर नवनिर्वाचित विधायक उनके प्रति निष्ठावान हैं।

हालांकि, राजनीतिक टिप्पणीकार अभी भी इस बात पर बहस कर रहे हैं कि क्या शरद पवार को अपने भतीजे के इस कदम के बारे में कोई भनक नहीं थी। कुछ का मानना है कि प्रधानमंत्री से दिल्ली में मुलाकात के बाद भाजपा के साथ उनकी मौन सहमति थी। लोगों को लगता था कि हमेशा शरद पवार के उत्तराधिकारी के रूप में पेश किए गए अजीत, के उनके चाचा की इच्छा के खिलाफ जाने की संभावना नहीं है। दो महीने पहले वह ईडी द्वारा एक भ्रष्टाचार मामले में अपने चाचा के नाम आने के विरोध में राजनीति छोड़ने की हद तक चले गए थे। लेकिन जैसा कि कहा जाता है, राजनीति में खून हमेशा पानी से गाढ़ा नहीं होता।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: Ajit Pawar, devendra fadnavis, NCP, BJP, maharashtra, sharad pawar, shivsena, uddhav thackery
OUTLOOK 23 November, 2019
Advertisement