हरियाणा के डेरे में, कानून क्यों नदारद?
विराग गुप्ता
डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह को दुष्कर्म मामले में दोषी मानने के लिए सिस्टम को 15 साल लग गये। इसके बाद अब 32 लोगों की मौत और खरबों के नुकसान की भरपाई कब और कैसे होगी? अरुणाचल प्रदेश में गौ-वध के नाम पर राज्य-सरकार बर्खास्त हो गई थी पर हरियाणा में खट्टर द्वारा विफलता की स्वीकरोक्ति के बावजूद केन्द्र सरकार मौन है। मैसेंजर ऑफ़ गॉड तथा उनके गॉड फादर्स के अपराधों पर सुप्रीम कोर्ट संज्ञान लेकर अब संविधान की रक्षा क्यों नहीं करता?
डेरा में मिलिट्री ट्रेनिंग के खिलाफ हाईकोर्ट ने कारवाई क्यों नहीं की- हरियाणा तथा अन्य राज्यों में भड़की हिंसा के पीछे संगठित तथा प्रशिक्षित लोगों का हाथ स्पष्ट है। डेरा में सेना के रिटायर्ड अधिकारियों द्वारा हथियारों की ट्रेनिंग दी जाती थी, जिसके विरुद्ध भारतीय सेना ने 2010 में एडवाइजरी जारी की। इस मामले पर पंजाब-चंडीगढ़ हाईकोर्ट ने 2014 में सुनवाई की जहाँ हरियाणा सरकार ने डेरा को क्लीन चिट दे दी। क्या सरकार ने इस मामले में हाईकोर्ट के सामने झूठ बोला या हाईकोर्ट ने गम्भीर आरोपों पर सभी पक्षों से जवाब ही नहीं माँगा? क्या सुप्रीम कोर्ट इस मामले की जांच करायेगा?
आरोपियों को सरकारी खर्चे पर जेड प्लस सिक्यूरिटी क्यों- सरकारी खर्चे पर प्राइवेट लोगों को सुरक्षा के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट ने अनेक आदेश पारित किये हैं। यदि सरकारी खर्चे पर सिक्यूरिटी दी भी जाती है तो उसका खर्च प्राइवेट व्यक्ति से वसूलने का नियम है। दुष्कर्म मामले में दोषी तथा हत्यारोपी राम रहीम जैसे लोग आगे अपराध नहीं करे इसके लिए जेल का प्रावधान है। इसकी बजाए राजनीतिक लाभ के लिए राम रहीम जैसे अपराधियों को सरकारी खर्च पर सुरक्षा देना क्या संविधान के खिलाफ नहीं है?
डेरा को टैक्स छूट और सरकारी ग्रान्ट की वसूली हो- बाबा राम रहीम जैसे लोगों की सल्तनत पर नोटबन्दी, मनीलांड्रिंग कानून और जीएसटी जैसी टैक्स व्यवस्था का शायद ही कोई प्रभाव पड़ता हो? डेरा को सामाजिक-धार्मिक संस्था होने के नाते इनकम टैक्स समेत अनेक सरकारी छूट अभी भी मिल रही हैं। राज्य और केन्द्र सरकार के अलावा विधायक, सांसद और मंत्रियों ने भी डेरा को करोड़ों रुपये के फण्ड का अनुदान दिया है। हाईकोर्ट द्वारा डेरा की सम्पत्ति अटैच करके नुकसान वसूली की बात पर कितना अमल हो पायेगा, यह देखना दिलचस्प होगा ! क्या डेरा को मिली सभी टैक्स छूट रद्द करके सरकारी पैसे की वसूली नहीं होनी चाहिए?
नुकसान की भरपाई सरकारी अफसरों और मंत्रियों से हो- सुप्रीम कोर्ट ने ऐसे अनेक मामलों में नुकसान की भरपाई के लिए सरकारी अफसरों को जवाबदेह माना है। पिछले दो दिनों की हिंसा में 32 लोगों की मौत के साथ सम्पत्ति को भारी क्षति पहुँची है। इंटरनेट, बस, ट्रेन, फ्लाईट रद्द होने के साथ स्कूल और दफ्तर बन्द होने से अर्थव्यवस्था को भी भारी नुकसान हुआ है। कानपुर में एक मामले में प्रशासन ने पुलिस का खर्च आयोजकों से वसूलने का नोटिस दिया था। हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद सुस्ती तथा इंटेलीजेंस में विफलता के लिए पुलिस-आर्मी के सभी खर्चों की वसूली हरियाणा सरकार के अफसर और मंत्रियों से करके नई मिसाल बनाई जानी चाहिए।
सीबीआई जांच को प्रभावित करने वाले दण्डित हों- सीबीआई के तत्कालीन डीआईजी के अनुसार राम रहीम की जांच के दौरान मामले को रफा-दफा करने के लिए सीबीआई अफसरों पर बहुत दवाब था। पंजाब में कांग्रेस तथा हरियाणा में भाजपा की सरकार को मुठ्ठी में रखने वाले राम रहीम के खिलाफ राजनेता अभी भी बयान और कारवाई से बच रहे हैं। पुलिस तथा सीबीआई को सरकार संचालित करती है और सरकार को राम-रहीम जैसे लोग अपनी मुठ्ठी में रखते हैं तो फिर कानून कैसे काम करे? जज जगदीप सिंह अपनी कार्यकुशलता तथा ईमानदारी के लिए मशहूर हैं, जिनकी वजह से राम रहीम कानून के शिकंजे में आये। सुप्रीम कोर्ट में नये चीफ जस्टिस कार्यभार ग्रहण करेंगे, उसी दिन राम रहीम को सजा भी सुनाई जायेगी। परन्तु राम रहीम जैसे लोगों के खिलाफ सिस्टम क्यों नहीं काम करता, इसकी जांच कराकर सुप्रीम कोर्ट क्या कानून को डेरे से बाहर निकालेगा?