क्या ट्रंप का दिमाग खराब हो गया है या ऐसा केवल हिलेरी को लेकर है
चूंकि मैंने आईएसआईएस के प्रभाव वाले देशों की यात्रा की है, अब उसकी पड़ताल की जाए।
दमिश्क के सेमिरामिस होटल की लॉबी में मुझे पत्रकारों औऱ राजनयिकों का साथ मिला। इस समूह में अनुभवी अमेरिकी और अरबी राजनयिक एडवर्ड लियोनेल पेक भी है। बहुत सारे अरब देशों की तरह वह भी सीरिया को अपने पड़ोसी के रूप में जानते हैं। शाम को, होटल का बार पत्रकारों और अनाम खुफिया एजेंटो से भरा है, अरब देशों में जैसे वे भावशून्य और यंत्रवत हो चिंता के साथ मोतियों की गणना कर रहे हो। उनकी बातचीत अमेरिकी राजदूत राबर्ट स्टीफेन फोर्ड और उनके फ्रांसीसी समकक्ष की अशांत शहरों की यात्रा के बारे में है।
जब यह देश घुसपैठ और गृहयुद्ध की चपेट में है, क्या यह कोई पेचीदा मामला नहीं है कि तत्कालीन सेक्रेट्री आफ स्टेट हिलेरी क्लिंटन के व्यक्तिगत पसंद वाले व्यक्ति रहे अमेरिकी राजदूत अशांत स्थानों- होम्स, हामा, डी’एरा की यात्रा कर रहे हैं?
उस सामरिक समुदाय के बीच, जिन्होंने ट्रंप की उम्मीदवारी पर ‘रुदन’ किया, पूर्व डेपुटी सेक्रेट्री आफ स्टेट राजदूत जॉन नेग्रोपोंटे का नाम याद आता है। राबर्ट स्टीफेन फोर्ड की कुटनीति में बारिक भिन्नता है, जिन्होंने स्पेशल आपरेशन के साथ सीमाओं को छुआ और जब वे बगदाद के ग्रीन जोन में काम कर रहे थे तब उन्होंने नेग्रोपोंटे से बेहतर ग्रेड प्राप्त किया। नेग्रोपोंटे फोर्ड के बारे में बताते हैं- वह बहुत ही ऊर्जावान व्यक्ति हैं, जो कभी नहीं थकते... वे फाक जैकेट और हेलमेट की परवाह किये बगैर ग्रीन जोन से बाहर जा कर संपर्कितों से मिलते हैं।
प्रतिभाशाली फोर्ड को अब सीरिया में उपयोग के लिए रखा जा रहा था। यह बिल्कुल सटीक समय था, जब सेक्रेट्री आफ स्टेट क्लिंटन टीवी पर आ रही थी और वे हाथ लहरा कर निरंकुश राष्ट्रपति असद को ‘इस रास्ते से बाहर’ जाने की सलाह दे रही थी कि अब सिरियाई लोग आ रहे हैं।