सुशांत सिंह राजपूत नशेबाज; यह न्याय है या अन्याय?
ये सब सुशांत सिंह राजपूत के लिए न्याय सुनिश्चित करने के लिए किया गया। लेकिन, विडंबना यह है कि जून में अभिनेता सुशांत की असामयिक मौत के बाद हफ्तों और महीनों से हो रहे उन्माद भरे समाचार कवरेज, इस तरह के मजबूत अभियान ने अब तक जो कुछ भी हासिल किया है वो अस्वाभाविक परिणाम है कि सुशांत सिंह नशेबाज थे।
सुशांत मर चुके हैं और वो अपना बचाव नहीं कर सकते। लेकिन एक बात निश्चित है कि अपनी कथित मानसिक बीमारी के बावजूद, सुशांत ने कभी भी एक नशेबाज के रूप में खुद को नहीं दर्शाया। यहां तक कि रिया के वकील ने भी ऐसा कहा, "रिया का सिर्फ यही अपराध है कि वो ऐसे व्यक्ति से प्यार करती थी, जो नशेबाज था।"
लेकिन, ये समय की त्रासदी है, जिसमें हम रहते हैं और सुशांत की प्रतिष्ठा को बदनाम करने के लिए मरणोपरांत उसे न्याय दिलाने का अभियान चलाया गया है। न्याय की बजाय, सुशांत पर एक गंभीर अन्याय किया गया है, जो दुर्भाग्य से इस कहानी में अपना पक्ष रखने के लिए मौजूद नहीं है।
उनके नाम पर अभियान चलाने वालों के लिए ये मामूली सी बात हो सकती है। जहरीले मीडिया द्वारा प्यास बुझाने के लिए हिस्टीरिया के करीब पहुंचाने से उन्हें विश्वास हो गया कि सुशांत को उसकी मौत के लिए इन्हीं कारणों ने उकसाया। आज ये भी खुश हो रहे हैं। सुशांत की मौत की जांच करने वाली कई केंद्रीय एजेंसियों में से एक ने रिया चक्रवर्ती की पूर्व सहयोगी की गिरफ्तार कर त्वरित प्रतिशोध की मांग की है। जब रिया हिरासत में चली जाती है तो उनके खून के प्यासे लोगों को यकीन होता है कि अब वो अपने घरों में आराम से सोएंगे।
थोड़ी देर के लिए रुकेंगे तो आपको एहसास होगा कि रिया की गिरफ्तारी को लेकर नार्कोटिक्स ब्यूरो (एनसीबी) ने जो कहा है वो सुशांत के लिए अच्छा नहीं है। एजेंसी के मुताबिक रिया ने ड्रग्स-मारिजुआना को अभिनेता सुशांत के लिए खरीदीं थी। इस बात का अभी तक कोई सबूत नहीं है कि रिया, जो खुद एक अभिनेत्री हैं, कभी भी ड्रग्स लेती थी। लेकिन, एजेंसी का दावा है कि वो उन लोगों के संपर्क में थी, जिन्होंने इसमें कारोबार किया और सुशांत के लिए नशीला पदार्थ खरीदने में मदद की।
कई तरह के और आरोप-प्रत्यारोप किए जा सकते हैं कि क्या रिया की गिरफ्तारी उचित है? जाहिरा तौर पर उनके खिलाफ फोन चैट थे जो जांच एजेंसियों तक पहुंच गए, जिसमें रिया और उनके दोस्त के बीच के बातचीत थे, जिसमें ये कहा गया कि भुवनेश्वर में पाया गया 'सामान' सबसे अच्छा था। चूंकि, नशीली पदार्थों को लेकर एजेंसी ने मारिजुआना के अलावा किसी भी दवा का उल्लेख नहीं किया है। इसलिए, ये मान लेना सही है कि जिस सामान की चर्चा चैट में की जा रही थी, वो कोई और नहीं, भांग या मारिजुआना था। पारंपरिक रूप पुरी के मंदिर सरीखे ओडिशा शहर के कई हिस्सों में भांग का सेवन किया जाता है। क्या अच्छा "सामान" वहां मिलता है या नहीं, ये उपभोक्ताओं को ही पता होगा।
लेकिन, देश किसी भी तरह से इस बात को जानने को इच्छुक नहीं है कि जो अभियान हैजटैग जस्टिस फॉर सुशांत (#JusticeforSushant) से चलाया गया वो अभिनेता के हत्या को लेकर था? इसके इर्द-गिर्द कई थ्योरी और शोर को उत्पन्न किया गया। लेकिन हमारे पास अभी तक इस बारे में कोई पूर्ण तथ्य नहीं है कि रिया ने सुशांत को अपनी जान लेने के लिए उकसाया था। हम उन आरोपों को लेकर भी सुनिश्चित नहीं है कि रिया ने अभिनेता सुशांत के बैंक खाते से करोड़ों रुपए का घपला किया। हालांकि, हमारे कुछ टीवी एंकर इसको लेकर सुनिश्चित करने में लगे रहे, लेकिन जांच एजेंसियों ने कोई खुलासा नहीं किया।
अंतिम विश्लेषण में, हमारे पास अब तक जो है वो ड्रग्स डीलिंग के चार्ज है और रिया इसमें शामिल थी। वो निश्चित रूप से इसे चुनौती देंगी। लेकिन, सुशांत को अपना बचाव करने और अपने ऊपर लगे दाग को धोने से वंचित होना पड़ेगा। क्या यह न्याय है जो अभियान चलाने वाले सुशांत के लिए चाहते थे?