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26 February 2019

भारत की एयर स्ट्राइक में था चौंकाने वाला तत्व, फुलप्रूफ इंटेलीजेंस ने दिया सहयोग

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सबसे पहले यह स्पष्ट किया जाना चाहिए कि ये प्रतिक्रियाएं प्रारंभिक हैं। जैसे-जैसे धूल नीचे बैठेगी और सरकार सभी औपचारिकताओं को पूरा करेगी, बालाकोट में भारतीय वायुसेना की जैश-ए-मोहम्मद (जेएम) के आतंकी प्रशिक्षण शिविर पर निर्णायक कार्रवाई को लेकर अधिक तथ्यात्मक बातें सामने आएंगी। लेकिन जो तस्वीरें आ रही हैं उनके आधार पर इसमें कोई संदेह नहीं है कि दुश्मन के शिविरों को अधिकतम नुकसान पहुंचा दिया गया है। यह एक तरह से 14 फरवरी को सीआरपीएफ सैनिकों की दुर्भाग्यपूर्ण शहादत का बदला लेने के लिए ‌किया गया है। इसलिए यह भारत के लिए एक विजय दिवस है।

भारतीय वायुसेना की कार्रवाई की सबसे महत्वपूर्ण विशेषता न केवल भारतीय वायुसेना बल्कि मिराज लड़ाकू विमान के बहादुर पायलटों की भी है, जो लेजर सुविधाओं के साथ दुश्मन का सामना करने में सक्षम हैं। मिराज फ्लीट और पायलट रिकॉर्ड समय में अपने मिशन को पूरा करने के बाद बिना किसी नुकसान के बेस पर वापस आ गए।

बालाकोट में ऑपरेशन का एक महत्वपूर्ण पहलू था पूरे दम के साथ ‘चौंकाने वाला तत्व’। पाकिस्तानियों ने बहावलपुर के जैश मुख्यालय में भारत की ओर से कार्रवाई का अनुमान लगाया होगा, लेकिन भारत ने पीओके और खानपख्तूनवा के पास एक और जैश-ए-मोहम्मद फैसिलिटी को लक्षित करके पाकिस्तानियों को चकमा दे दिया।

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इसलिए भारतीय सत्ता के निर्देश में वायुसेना की इस चौंकाने वाली कार्रवाई ने भारतीय सैन्य बलों की इज्जत और बढ़ा दी है। यह कार्रवाई पूर्व वायु सेना प्रमुख फली मेजर के दावों को भी इंगित करती है कि भारतीय वायुसेना वास्तव में पाकिस्तानी लक्ष्यों को बेअसर करने में सक्षम है बशर्ते उनके पास ठीक जगह पर कार्रवाई करने लायक इंटेलीजेंस मुहैया कराया जाए। सभी दावे संदेह से परे साबित होते हैं।

इंटेलीजेंस के बारे में बात करें तो भारतीय वायुसेना के नेतृत्व में हुआ सफल हमला एक फुलप्रूफ इंटेलीजेंस की वजह से सफल हुआ। इंटेलीजेंस ब्यूरो (IB), रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (RAW) और अन्य पेशेवर सहयोगी सहित भारतीय खुफिया एजेंसियां इस अवसर पर साथ आईं और बालाकोट में एक परिणामपरक एक्शन से अपना प्रोफेशनलिज्म साबित किया। इसमें मसूद अजहर का साला भी मारा गया। यह कोई साधारण उपलब्धि नहीं है।

पाकिस्तान में उनके मंत्री विशेष रूप से विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी यह कहकर इनकार वाले मोड में जा रहे हैं कि भारतीय मिराज विमानों ने हवाई क्षेत्र का उल्लंघन किया, लेकिन उन्होंने जल्दबाजी में वापसी भी कर ली। इस तरह की टिप्पणी आधारहीन है और पाकिस्तान में भी इस तरह की बातों पर विश्वास करने वाले लोग नहीं हैं।

इसी बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजस्थान के चुरू में अपने भाषण में 26 फरवरी की IAF सफलताओं को समेटा। जो कहा गया वो किया गया, भारतीय लोग आज खुश हैं कि सभी अवरोधों को हटाकर भारत आज दुश्मन से लोहा लेने में सक्षम है। वह दुश्मन के इलाके में गहराई तक जा सकता है।

वैश्विक समुदाय भी भारतीय कार्रवाई से खुश है। अभी जो अनुमान लगाया जा रहा है, वह यह है कि पाकिस्तान से आने वाले खतरों से कैसे निपटा जा सकता है, क्योंकि यह व्यर्थ जाने की संभावना नहीं है और एक सैन्य प्रतिरोध की संभावना दिखाई दे रही है। इसलिए, आने वाले सप्ताह उत्साह और सुरक्षा की ताजा चुनौतियों से भरे हो सकते हैं।

 

(लेखक सेवानिवृत्त आईपीएस अ‌धिकारी और सुरक्षा विश्लेषक हैं। लेख में व्यक्त विचार निजी हैं)

 

 

 

 

 

 

 

 

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TAGS: balakot air strike, intelligence, indian air force
OUTLOOK 26 February, 2019
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