मुखर्जी के बाद मोदी की नजर अफ्रीका पर
अफ्रीका के साथ भारतीयों की पुरानी मित्रता को याद करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि समय के साथ यह रिश्ता प्रगाढ़ होता चला गया। पिछले साल नई दिल्ली में प्रधानमंत्री मोदी की ओर से आयोजित भारत अफ्रीका फोरम शिखर बैठक के बाद हुए अपने इस दौरे का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा, राष्ट्रपति के तौर पर अफ्रीका के तीन देशों का मेरा दौरा आकस्मिक नहीं है। मुखर्जी ने कहा, बहुत हाल में, कुछ दिनों पहले उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी ने ट्यूनीशिया और मोरक्को का दौरा किया। मैं इन देशों का दौरा कर रहा हूं और इसके ठीक बाद प्रधानमंत्री भी चार-पांच अफ्रीकी देशों का दौरा यह संदेश देने के लिए करने जा रहे हैं कि अफ्रीका, हम आपके साथ खड़े हैं।
भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि वे डिजिटल इंडिया, स्टार्टअप इंडिया, स्टैंड अप इंडिया, स्वच्छ भारत मिशन और स्मार्ट सिटी जैसे कार्यक्रमों से जुड़ें। राष्ट्रपति ने कहा कि अफ्रीका के साथ भारत का व्यापार 70 अरब डॉलर से अधिक है और निवेश भी करीब 35 अरब डॉलर है।
घाना और दूसरे अफ्रीकी देशों के साथ भारत की मित्रता का जिक्र करते हुए मुखर्जी ने कहा कि भारत ने पिछले कुछ वर्षों में घाना को कई परियोजनाओं के लिए 40 करोड़ डॉलर का रियायती कर्ज प्रदान किया है। उन्होंने कहा, एक्जिम बैंक रेल परियोजना के लिए धन मुहैया करा रहा है। भारत-घाना द्विपक्षीय व्यापार तीन अरब डॉलर तक पहुंच गया है और यहां भारतीय निवेश भी करीब एक अरब डॉलर का है।
मुखर्जी ने घाना के राष्टपति जॉन डमानी महामा के साथ बातचीत के दौरान कहा कि दोनों देशों ने द्विपक्षीय व्यापार को 2020 तक पांच अरब डॉलर तक ले जाने पर सहमति जताई है। उन्होंने भारत की अर्थव्यवस्था में भारतीय मूल के लोगों की भूमिका की जमकर सराहना की।
मुखर्जी ने कहा, प्रवासियों की सक्रिय भूमिका के बगैर इतने बड़े प्रयास संभव नहीं होते। आप भारत की बढ़ती आर्थिक ताकत में चौतरफा इजाफा करने वाले हो गए हैं। मैं आपकी प्रतिबद्धता के लिए आपका धन्यवाद करता हूं।