Advertisement
28 September 2015

नाइजीरिया में महिलाओं के हक में ऐतिहासिक फैसला

 

मानवाधिकारों पर काम कर रहे तमाम लोगों ने इस फैसले का स्वागत किया है। नाइजीरिया के राष्ट्रपति गुडलक जोनाथन ने आधिकारिक तौर पर इस कुप्रथा पर पाबंदी लगाने के लिए विधेयक पर हस्ताक्षर किए। इससे पहले मई में नाइजीरियन सीनेट में ‘लोगों के खिलाफ हिंसा (निवारण) विधेयक 2015’ पारित किया गया था। नाइजीरिया में लंबे अरसे से महिला अधिकार संस्थाएं और नागरिक स्वास्थ्य समुदाय इसका विरोध कर रहे थे। वहां बहुत कम उम्र में लड़कियों के साथ यह अमानवीय कृत्य किया जाता था। जिस वजह से लड़कियों को स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें आ रहीं थीं।   .

 

Advertisement

एक खबर के अनुसार अफ्रीका और मध्य एशिया के 29 देशों की 13 करोड़ से ज्यादा लड़कियों का खतना हो चुका है। अब नए कानून के तहत नाइजीरिया में इसे कानूनी अपराध घोषित कर दिया गया है। महिला संगठनों ने उम्मीद जताई है कि नया कानून इस अमानवीय कृत्य पर रोक लगा सकने में सफल रहेगा।

 

विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से बताया गया है कि एफजीएम की वजह से लड़कियों की योनी से ज्यादा मात्रा में खून निकल आता है, उनमें बेक्टीरिया इंफेक्शन हो जाता है, खुला जख्म होने की वजह से कई तरह की अन्य बीमारियां हो जाती हैं। अंतरराष्ट्रीय सेंटर फॉर रिसर्च, महिला हिंसा और अधिकार की निदेशक स्टेला मुक्कासा ने नए कानून के लागू होने में जटिलताओं का जिक्र किया। महिला वकीलों ने राष्ट्रपति जोनाथन का धन्यवाद करते हुए इसका स्वागत किया। एमनेस्टी इंटरनेशनल यूएसए की वरिष्ठ निदेशक ताराह डीमैंट का कहना है कि अब देखना यह है कि दूसरे देश जहां आज भी यह प्रथा कायम है वहां इस पर रोक लगाने का फैसला कब लिया जाता है।

 

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: नाइजीरिया, एफजीएम, गुडलक जोनाथन, nigeria, FGM, goodluck jonathan
OUTLOOK 28 September, 2015
Advertisement