जिम्बाब्वेः नजरबंद राष्ट्रपति पार्टी से बर्खास्त
जिम्बाब्वे में करीब चार दशक से सत्ता पर काबिज रॉबर्ट मुगाबे की विदाई अब करीब-करीब तय है। सत्ताधारी जेडएएनयू-पीएफ पार्टी ने उन्हें बर्खास्त कर दिया है। उनकी जगह एमरसन मनांगाग्वा अध्यक्ष चुने गए हैं। मनांगाग्वा वही नेता हैं जिनकी उपराष्ट्रपति पद से बर्खास्तगी के बाद से सेना ने 93 वर्षीय राष्ट्रपति मुगाबे को नजरबंद कर रखा है।
पार्टी नेताओं ने बताया कि हरारे में हुई बैठक में मनांगाग्वा को नेतृत्व सौंपने का फैसला किया गया। मुगाबे की 52 वर्षीय पत्नी ग्रेस की भी पार्टी से छुट्टी कर दी गई है। ब्रिटेन से आजादी की लड़ाई के नायक रहे मुगाबे के इस संकट के लिए ग्रेस की महत्वाकांक्षा को ही जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। मुगाबे के बाद ग्रेस देश का नेतृत्व करना चाहती थी और इसके कारण कई बार उनका मनांगाग्वा से टकराव हुआ था। उनके ही प्रभाव में आकर मुगाबे ने मनांगाग्वा को उपराष्ट्रपति पद से बर्खास्त किया था।
मुगाबे अब भी राष्ट्रपति पद पर हैं लेकिन वह जनरलों, जिम्बाब्वे की जनता और सत्तारूढ़ पार्टी की ओर से जबरदस्त विरोध का सामना कर रहे हैं। फिलहाल ऐसी कोशिश की जा रही है कि वे खुद इस्तीफा दे दें। इसके लिए लगातार दो दिन से सेना के जनरल उनसे बात कर रहे हैं। 37 साल से जारी सत्ता का खात्मा करीब देखकर शनिवार को हजारों लोगों ने मार्च किया। 1980 में आजादी के बाद से पहली बार उत्साहित जनता बड़ी संख्या में सड़कों पर उतरी और मुगाबे की निरंकुश सत्ता का अंत करने की मांग को लेकर लोग हरारे और अन्य शहरों से गुजरे।