Advertisement
13 June 2016

घाना को भारत के सहयोग का भरोसा दिया प्रणब ने

पीटीआई

दो दिन की घाना यात्रा पर पहुंचे प्रणब मुखर्जी का स्वागत हवाई अड्डे पर मेजबान उप-राष्ट्रपति क्वेसी बेको अमीशा-ऑर्थर ने किया। प्रणब अफ्रीकी महाद्वीप में यूं तो कई देशों की यात्रा कर चुके हैं, लेकिन अपने लंबे राजनीतिक कॅरिअर में वह पहली बार इन देशों की यात्रा कर रहे हैं। विदेश मंत्रालय में सचिव (पूर्वी क्षेत्र) अमर सिन्हा ने कहा, एक ठोस राजनीतिक व्यवस्था के तौर पर हम इन्हें अच्छे देशों के तौर पर देखते हैं, जहां लोकतंत्र ने जड़ें जमा ली हैं और ये सब अपने क्षेत्रों में अच्छा कर रहे हैं।

 

राष्ट्रपति के साथ प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह और भाजपा सांसद एस.एस. आहलूवालिया एवं मनसुख एल मंडाविया भी इन देशों की यात्रा पर हैं।

Advertisement

सिन्हा ने कहा, जैसा कि आप जानते हैं, यह अफ्रीका तक पहुंच की नीति के तहत हो रहा है, जिसकी शुरुआत उप-राष्ट्रपति की मोरक्को और ट्यूनीशिया यात्रा के साथ हुई थी... इसके बाद राष्ट्रपति ने इन तीन देशों की यात्रा की जिम्मेदारी अपने कंधों पर ले ली।

14 जून की दोपहर तक बेहद व्यस्त कार्यक्रम में प्रणब आज से लेकर मंगलवार तक आठ कार्यक्रमों में शिरकत करेंगे। प्रणब के सम्मान में घाना के राष्टपति जॉन द्राहमी महामा की ओर से आयोजित भोज से इन कार्यक्रमों की शुरूआत हुई। प्रणब कल घाना के राष्ट्रपति भवन फ्लैग स्टाफ हाउस में शिष्टमंडल स्तर की वार्ता करेंगे। फ्लैग स्टाफ हाउस की खास बात यह है कि भारतीय कंपनी शपूरजी पलोनजी ने इसका निर्माण किया है।

घाना में भारतीय मूल के लोगों की आबादी करीब 10,000 है, जिसमें 7,000 के पास भारतीय पासपोर्ट हैं। इनमें से कई परिवार 1920 के दशक में यहां आ गए थे। भारतीय समुदाय ने राष्ट्रपति प्रणब के सम्मान में एक कार्यक्रम का आयोजन भी किया है।

प्रणब मुखर्जी ने घाना के राष्ट्रपति द्वारा दिए गए भोज के अवसर पर कहा कि आतंकवाद के खतरे का सामना कर रहे घाना के प्रति भारत सहयोग का संकल्प लेता है। आतंकवाद एक ऐसा दंश है जो सीमाएं नहीं जानता और सभ्य दुनिया के सामूहिक प्रयासों से इसका खात्मा किया जाना चाहिए। मुखर्जी ने कहा कि भारत तीन दशकों से आतंकवाद से पीड़ित रहा है और घाना की यह चिंता साझा करता है कि आतंकवाद वैश्विक खतरा बन गया है।

इस अवसर पर घाना के राष्ट्रपति जॉन डैमानी महामा ने महात्मा गांधी को उद्धृत करते हुए घाना के पहले राष्ट्रपति क्वामे क्रुमाह और भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के रिश्तों को याद किया। निर्गुट आंदोलन की स्थापना में क्रुमाह और नेहरू दोनों की अहम भूमिका थी। मुखर्जी ने अपने संबोधन में रवीन्द्रनाथ टैगोर की अफ्रीका शीर्षक की कविता को भी उद्धृत किया।

अमेरिका में गोलीबारी पर शोक जताया

राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने 50 लोगों को मौत की नींद सुला देने वाली अमेरिका की भीषण गोलीबारी घटना की आज निंदा की और कहा कि भारत सभी तरह के आतंकवाद की निंदा करता है। उन्होंने आतंकवाद की बुराई पर रोक लगाने के लिए सामूहिक कार्रवाई का आवान किया। अकरा से अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा को भेजे शोक संदेश में मुखर्जी ने यहां कहा कि यह हमला इस बात की एक बार फिर याद दिलाता है कि दुनिया को आतंकवाद की बुराई, उसे अंजाम देने वालों तथा उसका समर्थन करने वालों या उसे प्रश्रय देने वालों से निबटने के लिए साथ आना चाहिए।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: राष्ट्रपति, प्रणब मुखर्जी, अफ्रीका, घाना, आयवरी कोस्ट, नामीबिया, अकरा, आतंकवाद
OUTLOOK 13 June, 2016
Advertisement