साउथ अफ्रीका के राष्ट्रपति जैकब जुमा पर सत्ता जाने का खतरा मंडरा रहा है
साउथ अफ्रीका की रूलिंग पार्टी है, अफ्रीकन नेशनल कांग्रेस (एएनसी)। 13 घंटे तक उसकी मैराथन मीटिंग चली और मंगलवार को उसने बताया कि वह राष्ट्रपति जैकब जुमा का त्यागपत्र चाहती है। साउथ अफ्रीका की राजनीति में कई महीनों से तनाव चल रहा है। भ्रष्टाचार के कई मामलों को लेकर सरकार घिरी हुई है। एएनसी चाहती है कि जुमा बुधवार यानी 14 फरवरी तक अपना जवाब दें। जुमा ने तीन महीने और सत्ता में रहने की मांग की थी, जिसे पार्टी ने ठुकरा दिया है।
अगर जुमा सत्ता से जाते हैं तो क्या होगा?
अगर जुमा इस्तीफा देते हैं तो एएनसी पार्लियामेंट की बैठक बुलाएगी और इस्तीफे को आधिकारिक रूप दिया जाएगा। इसके बाद यहां के नेता लोग उपराष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा को राष्ट्रपति चुन सकते हैं। रामाफोसा ने मंगलवार को जुमा से प्राइवेट बातचीत भी की है। बुधवार को कैबिनेट मीटिंग होनी थी लेकिन उसे कैंसिल कर दिया गया है और नई तारीख का ऐलान जल्द ही किया जाएगा।
अगर जुमा इस्तीफा देने से इनकार करते हैं तो?
ऐसी स्थिति में जुमा को पार्लियामेंट में अविश्वास प्रस्ताव का सामना करना पड़ेगा। विपक्ष समर्थित ये प्रस्ताव 22 फरवरी को लाया जाना है लेकिन कई लोग चाहते हैं कि जुमा के इनकार करने पर प्रस्ताव इसी हफ्ते लाया जाए। 400 सीटों की संसद में प्रस्ताव को पास होने के लिए 50 फीसदी वोट की जरूरत होगी। विपक्ष के पास 40 फीसदी सीटें हैं, जो जाहिर तौर पर जुमा के विपक्ष में वोट करेंगे। बाकी लोग किस करवट बैठेंगे, यह अभी स्पष्ट नहीं है। पार्टी के महासचिव एस मगाशुले ने मंगलवार को बताया कि वह नहीं जानते कि जुमा पार्टी के इस फैसले पर क्या प्रतिक्रिया देंगे।
आखिर जुमा को हटने के लिए क्यों कहा गया?
असल में जुमा के खिलाफ करप्शन के कई मामले हैं लेकिन उन्होंने इस बारे में इनकार किया है। यहां के सर्वोच्च न्यायालय ने कहा है कि उन्होंने राज्य का लाखों डॉलर पैसा अपने निजी घर में लगाया है। उन पर दो दशक पहले एक आर्म्स डील में घोटाले का भी आरोप है। इस बारे में एक न्यायिक आयोग जांच करने जा रहा है।
जुमा के सामने क्या ऑप्शन हैं?
जुमा ने इस्तीफे की कई पेशकश को इसलिए ठुकराया है क्योंकि उन्हें पता है कि इसके बाद उन पर आपराधिक मुकदमा चलेगा। संभावित राष्ट्रपति रामाफोसा के पास भी उन्हें बचाने का कोई अधिकार नहीं है। हां, रामाफोसा के पास यह अधिकार जरूर है, वह आदेश दें कि जुमा के मुकदमे का खर्चा राज्य वहन करेगा।
साउथ अफ्रीकन मीडिया ने मंगलवार को बताया कि जुमा ने परिवार के लिए सुरक्षा, मुकदमे के लिए राज्य की तरफ से आर्थिक मदद और सत्ता में कुछ और महीने रहने की मांग की है। अगर जुमा इस्तीफा न देने का फैसला करते हैं तो चीजें जटिल हो सकती हैं क्योंकि एक अहम बात उनके पक्ष में जाती है कि जुमा ने इससे पहले भी कई अविश्वास प्रस्ताव का सामना किया है और वो सत्ता पर बने रहे थे। इस बार भी अगर ऐसा हुआ तो उनकी पार्टी के लिए यह एक तरह से धक्का होगा।