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31 July 2015

लीबिया में अगवा चार भारतीयों में दो रिहा

गूगल

उन्होंने कहा, ‘मैं खुश हूं कि हम लक्ष्मीकांत और विजय कुमार को रिहा करा पाए। दो अन्य के लिए कोशिश हो रही है।’ सिर्ते विश्वविद्यालय के संकाय सदस्य गोपीकृष्ण तथा एक अन्य की रिहाई अभी बाकी है।

गौरतलब है कि शुक्रवार की सुबह लीबिया की एक यूनिवर्सिटी में पढ़ाने वाले तीन भारतीय शिक्षकों और एक कर्मचारी के अपहरण की खबर आई थी। संदेह जताया जा रहा था कि आतंकी संगठन इस्‍लामिक स्‍टेट यानी आईएस ने इन्‍हें बंधक बनाया है। इनमें से दो लोग कर्नाटक के जबकि दो हैदराबाद से थे। लीबिया का सिर्ते शहर फिलहाल इस्‍लामिक स्‍टेट के आतंकियों के कब्‍जे में हैं। अगवा हुए चारों लोग इसी शहर की एक यूनिवर्सिटी में काम करते हैं। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने भारतीयों के अगवा होने की बात मीडिया के सामने स्वीकार की थी। इससे पहले आईएस ने इराक के शहर मोसुल में भी 39 भारतीयों को अगवा कर लिया था। इन सभी भारतीयों का आज तक पता नहीं चल पाया है।

इस बीच गोपीकृष्‍ण के भाई ने बताया कि अपहरण की सूचना मिलते ही उन्होंने भारत सरकार से तुरंत हस्तक्षेप करने और उनकी रिहाई सुनिश्चित करने का अनुरोध किया है। उन्होंने बताया कि गोपीकृष्ण (39) वर्ष 2007 से सिर्ते विश्वविद्यालय में सहायक प्रोफेसर के रूप में काम कर रहे हैं। गोपीकृष्ण की पत्नी कल्याणी के अनुसार, उन्होंने (गोपीकृष्ण) 29 जुलाई को मुझसे कहा था कि वह त्रिापोली से ट्यूनिशिया जाएंगे, फिर भारत आएंगे। हालांकि ऐसा लगता है कि उन्हें वीजा संबंधी कोई समस्या हुई जिसके कारण उन्हें सड़क मार्ग से ट्यूनिशिया जाना पड़ा। गुरुवार देर रात मुझे उनके अपहरण की सूचना मिली।

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TAGS: भारत, लीबिया, भारतीय अगवा, रिहा, सुषमा स्वराज, विदेश मंत्रालय, India, Libya, Indian kidnapped, released, Sushma Swaraj, MEA
OUTLOOK 31 July, 2015
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