अमेरिका में नहीं थम रहा गोलीबारी का सिलसिला, भारतीय छात्र की मौत
अमेरिका गोलीबारी की समस्या से ग्रसित है। वहां आए दिन सार्वजनिक जगहों पर गोलीबारी की घटनाएं सामने आती रहती हैं। ताजा मामला अमेरिका के कंसास का है। यहां एक रेस्टोरेंट में गोलीबारी में एक भारतीय छात्र की मौत हो गई।
तेलंगाना के 24 वर्षीय छात्र शरत कोपु की अमेरिका के एक रेस्टोरेंट में गोलीबारी में शुक्रवार को मौत गई है। वारंगल का रहने वाला छात्र शरत कप्पू यहां की मिसूरी यूनिवर्सिटी में पढ़ता था।
हत्यारे का सुराग देने वाले को 10 हजार डॉलर का इनाम
कंसास शहर के प्रशासन ने अब हत्यारे का सुराग देने वाले के लिए 10 हजार डॉलर के इनाम की घोषणा की है। शरत तेलंगाना के वारंगल जिले के रहने वाले थे और अमेरिका में यूनिवर्सिटी ऑफ मिजोरी-कैंजस सिटी (UMKC) में पढ़ाई कर रहे थे।
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, कंसास के एक रेस्त्रां में अज्ञात हमलावरों ने गोलीबारी की। इसमें शरत को 5 गोलियां लगीं। पुलिस ने इसे लूट और हत्या का मामला बताया है। पुलिस ने संदिग्ध हमलावर का वीडियो भी जारी किया है।
पुलिस अभी इस मामले की जांच में जुटी है। हालांकि वह अब तक किसी की इस मामले में गिरफ्तारी नहीं कर पाई है। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि उन्होंने रेस्टोरेंट से गोलियां चलने की आवाज सुनी थी। शरत कंसास में रहता था और हायर स्टडीज के लिए उसने मिसूरी यूनिवर्सिटी में दाखिला लिया था।
परिवार में मातम
जवान बेटे की मौत के बाद वारंगल में शरत के परिवार में मातम पसर गया है। परिजनों ने राज्य के NRA मंत्री के. वाई. रामाराव से मामले में दखल देकर जल्द से जल्द शरत के पार्थिव शरीर को भारत लाने की गुजारिश की है।
पहलेे भी होते रहे हैं भारतीयों पर हमले
भारत के अलग-अलग हिस्सों से कई युवा नौकरी और पढ़ाई के लिए अमेरिका जाते हैं लेकिन बीते कुछ साल से लगातार भारतीयों को निशाना बनाया जा रहा है। इससे पहले पिछले साल दिसंबर में मिसिसिपी राज्य में लूटपाट के दौरान जालंधर के रहने वाले 21 वर्षीय संदीप सिंह की उसके घर के सामने ही गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी कंसास में भारतीय इंजीनियर की हत्या की निंदा की थी। व्हाइट हाउस की ओर से जारी बयान में कहा गया था कि राष्ट्रपति ट्रंप प्रवासियों को निशाना बनाकर किए गए इस हमले की निंदा करते हैं। अमेरिकी संसद में अपने संबोधन में भी राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा था कि अमेरिका इस तरह की घृणित सोच की निंदा करता है।