अमेरिका में शटडाउन के चलते अर्थव्यवस्था पर बुरा असर, घर का सामान बेच रहे लोग
अमेरिका में ठप पड़ा सरकारी काम-काज रविवार बीतने के साथ ही इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा शटडाउन बन गया है और हर गुजरते दिन के साथ विश्व की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था को नुकसान उठाना पड़ रहा है।अर्थशास्त्रियों का कहना है कि अमेरिका में 1976 के बाद से अब तक 21 बार सरकारी काम-काज ठप पड़ चुका है हालांकि आर्थिक वृद्धि पर उसका कोई खास असर देखने को नहीं मिला लेकिन इस बंद की अवधि के चलते यह कह पाना बहुत मुश्किल हो गया है कि इसका कितना बुरा प्रभाव पड़ेगा।
हर हफ्ते करीब 1.2 अरब डॉलर का नुकसान
एस एंड पी ग्लोबल रेटिंग्स के प्रमुख अमेरिकी अर्थशास्त्री बेथ एन बोविनो ने बताया कि करीब एक चौथाई संघीय कार्यबल इस बंद के चलते प्रभावित हैं और यह अर्थव्यवस्था से हर हफ्ते करीब 1.2 अरब डॉलर निकाल रहा है। साथ ही उन्होंने कहा कि इसके और लंबा खिंचने से ये आंकड़े बढ़ सकते हैं।
घर का सामान बेचने पर मजबूर लोग
अमेरिका में लगे शटडाउन ने इस शनिवार को अपने 22 दिन पूरे कर लिए हैं। ये अमेरिकी इतिहास में अब तक लगे शटडाउन में सबसे लंबा है। लोगों की बचत खत्म हो रही है। कई लोग खर्चा चलाने के लिए घर का सामान बेच रहे हैं। लोग फेसबुक पर सामान बेचने के विज्ञापन दे रहे हैं।
एक फेडेरल कर्मचारी ने वाशिंगटन में अपनी 2012 की एवेंजर गाड़ी बेचने के लिए विज्ञापन दिया है। वह चाहता है कि उसकी गाड़ी बिक जाए ताकि वह आने वाले बिलों को भर सके। ऐसे ही वर्जीनिया में एक अन्य कर्मचाकी अपना टीवी बेच रहा है। उसका कहना है कि वह सरकारी शटडाउन का हिस्सा है और जीवित रहने के लिए उसे पैसों की जरूरत है। इसी कारण अपना टीवी बेच रहा है।
डोनाल्ड ट्रंप ने बातचीत बीच में छोड़ी
करीब 8 लाख कर्मचारी या तो बिना सैलरी के घर पर बैठे हैं या फिर बिना सैलरी के काम करने को मजबूर हैं। शटडाउन खत्म करने में गतिरोध उस वक्त और बढ़ गया जब राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने डेमोक्रेट नेताओं से बातचीत बीच में ही छोड़ दी और बाय-बाय कहकर वहां से चले गए।
क्या है शटडाउन की वजह?
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप अमेरिका-मैक्सिको सीमा पर दीवार बनाने की अपनी मांग पर अड़े हैं। उन्होंने कई बार ये भी कहा है कि वह राष्ट्रीय आपातकाल घोषित कर देंगे और रक्षा विभाग के लिए आवंटित पैसे में से जो बचा है, उससे दीवार का निर्माण कराएंगे।
बता दें सीमा की सुरक्षा के लिए सरकार इस दीवार को बनाना चाहती है। इसके लिए ट्रंप प्रशासन ने 5 बिलियन अमेरिकी डॉलर (लगभग 35,000 करोड़ रुपये) का बजट दिया था, जो पास नहीं हुआ। जिसके बाद सरकार को शटडाउन का सामना करना पड़ रहा है।
इससे पहले साल 1995 में पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन के पहले कार्यकाल में 21 दिनों का शटडाउन लगा था। उस वक्त उनका रिपब्लिकन कांग्रेस के साथ टकराव था। जो मेडिकेयर और मेडिकेट की फंडिंग में कटौती करना चाहती थी। अभी तक कुछ नहीं कहा जा सकता कि ये शटडाउन कितना लंबा चलेगा।