Advertisement
08 July 2025

टै‍रिफ पर अमेरिका की नरमी, भारत को 1 अगस्त तक दी राहत, व्‍यापार समझौते से पहले लिया ये बड़ा फैसला

अमेरिका ने 2 अप्रैल के पारस्परिक टैरिफ के निलंबन को 1 अगस्त तक बढ़ा दिया है। इस कदम से भारतीय निर्यातकों को राहत मिलेगी और नई दिल्ली तथा वाशिंगटन को अंतरिम व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने के लिए लंबित मुद्दों को सुलझाने के लिए अतिरिक्त समय मिलेगा।

अमेरिका के साथ व्यापार समझौते पर बातचीत कर रहे भारत को सोमवार को ट्रम्प प्रशासन से टैरिफ पत्र प्राप्त करने वाले देशों की सूची में शामिल नहीं किया गया।

ट्रम्प प्रशासन ने सोमवार को विभिन्न देशों को पत्रों की पहली किस्त भेजी, जिसमें उन देशों के उत्पादों पर टैरिफ लगाने का विवरण दिया गया है जो 1 अगस्त से अमेरिकी बाजारों में प्रवेश करेंगे।

Advertisement

बांग्लादेश, इंडोनेशिया, जापान, दक्षिण कोरिया, मलेशिया, थाईलैंड, दक्षिण अफ्रीका, बोस्निया और हर्जेगोविना, कंबोडिया, कजाकिस्तान, लाओस, सर्बिया और ट्यूनीशिया उन देशों में शामिल हैं जिन्हें अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा हस्ताक्षरित पत्र प्राप्त हुए हैं।

व्हाइट हाउस ने कहा है, "व्यापारिक साझेदारों के साथ चर्चा की स्थिति की जानकारी सहित विभिन्न वरिष्ठ अधिकारियों से प्राप्त अतिरिक्त जानकारी और सिफारिशों के आधार पर, कार्यकारी आदेश 14266 द्वारा लागू निलंबन को 1 अगस्त, 2025 को पूर्वी डेलाइट समयानुसार रात 12:01 बजे तक बढ़ाना आवश्यक और उचित है।"

बता दें कि यह निलंबन 9 जुलाई को समाप्त हो रहा था। 2 अप्रैल को अमेरिकी राष्ट्रपति ने भारत (26 प्रतिशत) सहित कई देशों के विरुद्ध पारस्परिक टैरिफ की घोषणा की, लेकिन इन शुल्कों के कार्यान्वयन को 90 दिनों के लिए रोक दिया, तथा सभी व्यापारिक साझेदारों को वाशिंगटन के साथ बातचीत करने और व्यापार समझौते पर पहुंचने के लिए 9 जुलाई की समय सीमा दी।

इस निर्णय पर टिप्पणी करते हुए निर्यातकों ने कहा कि पारस्परिक शुल्क लगाने को 9 जुलाई से 1 अगस्त तक स्थगित करना अमेरिका की अपने व्यापारिक साझेदारों के साथ रचनात्मक रूप से जुड़ने की इच्छा को दर्शाता है।

भारतीय निर्यात संगठन महासंघ (फियो) के महानिदेशक अजय सहाय ने कहा, "यह वार्ता के लिए एक विस्तारित अवसर प्रदान करता है, जिससे हमारे वार्ताकारों को शेष विवादास्पद मुद्दों को सुलझाने में मदद मिल सकती है।"

उन्होंने कहा कि प्रस्तावित टैरिफ, जिसमें एक दर्जन देश शामिल हैं, भारत को तुलनात्मक रूप से अधिक लाभ प्रदान कर सकते हैं, यदि वह इस महीने के अंत तक अमेरिका के साथ कम से कम वस्तुओं पर द्विपक्षीय व्यापार समझौता (बीटीए) को अंतिम रूप दे देता है।

एक अन्य निर्यातक ने कहा कि इस निर्णय से घरेलू उद्योग को राहत मिलेगी, क्योंकि भारतीय आधिकारिक टीम को अंतरिम व्यापार समझौते पर अपने अमेरिकी समकक्षों से बात करने के लिए 12-13 अतिरिक्त कार्य दिवस मिल गए हैं।

अंतरराष्ट्रीय व्यापार विशेषज्ञ विश्वजीत धर ने भी कहा कि यह भारत के लिए राहत की बात है। उन्होंने कहा, "मैं इसे अपने लिए राहत की बात मानता हूं और यह प्रतिक्रिया भारत द्वारा कुछ मुद्दों पर कड़ा रुख अपनाने के कारण आई है।" 

FIEO के अध्यक्ष और लुधियाना स्थित इंजीनियरिंग निर्यातक ने कहा कि हालांकि यह एक छोटी सी राहत है, "लेकिन हम उम्मीद लगाए बैठे हैं।"

इसी तरह के विचार साझा करते हुए, मुंबई स्थित निर्यातक और टेक्नोक्राफ्ट इंडस्ट्रीज (इंडिया) के संस्थापक शरद कुमार सराफ ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प "बहुत अप्रत्याशित" हैं।

सराफ ने कहा, "शुल्क निलंबन की अवधि बहुत छोटी है। भारतीय निर्यातकों को निर्यात बढ़ाने के लिए नए बाजार तलाशने चाहिए।"

भारत और अमेरिका द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर बातचीत कर रहे हैं। उन्होंने इस साल की शरद ऋतु (सितंबर-अक्टूबर) तक पहले चरण को पूरा करने की समयसीमा तय की है। उससे पहले, दोनों देश अंतरिम व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने की कोशिश कर रहे हैं।

अधिकारियों के अनुसार, भारत ने अंतरिम व्यापार समझौते पर अमेरिकी अधिकारियों के समक्ष अपना रुख पहले ही स्पष्ट कर दिया है और गेंद अब वाशिंगटन के पाले में है।

2021-22 से अमेरिका भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार रहा है। 2024-25 में, वस्तुओं का द्विपक्षीय व्यापार 131.84 बिलियन अमरीकी डॉलर (86.51 बिलियन अमरीकी डॉलर का निर्यात, 45.33 बिलियन अमरीकी डॉलर का आयात और 41.18 बिलियन अमरीकी डॉलर का व्यापार अधिशेष) था।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: America, tariff plan, reciprocal tariff america, india USA deal, donald trump
OUTLOOK 08 July, 2025
Advertisement