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22 December 2015

भारतीय शेर को लुप्तप्राय: की सूची में रखेगा अमेरिका

गूगल

अमेरिकी मत्स्य एवं वन्यजीव सेवा के निदेशक डेन ऐशे ने कहा कि शेर हमारे ग्रह की सबसे प्रिय प्रजातियों में से एक है और हमारी वैश्विक विरासत का अपूरणीय हिस्सा है। यदि हम शेरों को अच्छी संख्या में अफ्रीका के सवाना मैदानों और भारत के जंगलों में घूमते देखना चाहते हैं तो सिर्फ अफ्रीका और भारत ही नहीं यह हम सब की जिम्मेदारी बनती है कि इसके लिए कदम उठाएं। अमेरिकी मत्स्य एवं वन्यजीव सेवा ने कहा कि नए वैज्ञानिक शोधों के आधार पर यह पता लगा है पश्चिमी और मध्य अफ्रीका में पाई जाने वाली अफ्रीकी शेरों की प्रजाति एशियाई शेरों के बहुत करीब है और अब इन्हें एक ही प्रजाति पैंथरा लियो लियो का माना जाता है।

अमेरिकी मत्स्य एवं वन्यजीव सेवा द्वारा जारी एक बयान में बताया गया है कि इस प्रजाति के अब केवल 1400 शेर ही बचे हैं जिनमें से 900 करीब 14 अफ्रीकी देशों में और 523 भारत में हैं। इसके अलावा पैंथरा लियो मिलानोचैटा प्रजाति की लगभग 17000-19000 संख्या पूरे दक्षिण और पूर्वी अफ्रीका में है। अमेरिका अभी इस प्रजाति को कम खतरे में मानता है और यह अभी विलुप्ति के कगार पर नहीं पहुंची है। इसकी अंतिम सूची संघीय रजिस्टर में 23 दिसंबर, 2015 को प्रकाशित की जाएगी और प्रकाशन के 30 दिन बाद से अर्थात 22 जनवरी, 2016 से यह लागू हो जाएगी।

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TAGS: अमेरिका, भारत, शेर, अफ्रीका, दक्षिण अफ्रीका
OUTLOOK 22 December, 2015
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