अमेरिकी पोप लियो 14वें ट्रंप और वेंस की नीतियों की आलोचना कर चुके हैं
कैथोलिक चर्च के पहले अमेरिकी पोप लियो 14वें अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उपराष्ट्रपति जेडी वेंस की नीतियों और बयानों की सोशल मीडिया पर आलोचना कर चुके हैं।
कैथोलिक चर्च के दो हजार साल के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ जब अमेरिका से पोप चुने गए।
पोप लियो के चुनाव पर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने उन्हें शुभकामनाएं दीं और इसे देश के लिए गर्व की बात बताया।
हालांकि, ये शुभकामनाएं ऐसे समय में आईं जब ट्रंप ने पोप फ्रांसिस के निधन के बाद आधिकारिक शोक के दौरान अपनी एक कृत्रिम मेधा (एआई) से बनाई गई तस्वीर पोस्ट की थी जिसमें वह पोप की पोशाक में दिख रहे थे।
ट्रंप के इस कृत्य से वेटिकन में हलचल मच गई और इटली के पूर्व प्रधानमंत्री रोमानो प्रोडी ने इसे आस्था के मामलों में अनुचित राजनीतिक हस्तक्षेप बताया था।
पिछले महीने ‘यूएस कॉन्फ्रेंस ऑफ कैथोलिक बिशप्स’ ने शरणार्थियों और प्रवासी बच्चों की सेवा के लिए अमेरिकी सरकार के साथ 50 वर्षों से जारी साझेदारी को समाप्त कर दिया। यह निर्णय ट्रंप प्रशासन द्वारा अचानक वित्तीय सहायता रोकने के बाद लिया गया।
पोप लियो के अधिकतर सोशल मीडिया पोस्ट कैथोलिक चर्च और उसके पहलुओं से संबंधित होते हैं। वह बहुत कम अपनी व्यक्तिगत राय देते हैं, लेकिन अपनी ‘टाइमलाइन’ पर कई बार उन्होंने उन नीतियों की आलोचना की है, जो अमेरिका में प्रवासियों और शरणार्थियों के प्रवेश को सीमित करती हैं।
हाल में पोप लियो ने अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस की आलोचना की।
फरवरी में पोप लियो ने एक कैथोलिक लेख साझा किया, जिसका शीर्षक था ‘‘जेडी वेंस गलत हैं: यीशु यह नहीं सिखाते कि हमें दूसरों के प्रति अपने प्रेम को क्रम में बांटना चाहिए।’’
पोप लियो के इस लेख से पहले वेंस ने ‘फॉक्स न्यूज’ के साथ साक्षात्कार में डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन की आव्रजन नीतियों की आलोचना होने पर एक ईसाई सिद्धांत का उल्लेख किया था कि ‘‘पहले आप अपने परिवार से प्यार करते हैं और फिर अपने पड़ोसी से प्यार करते हैं, फिर अपने समुदाय से प्यार करते हैं और फिर अपने सह नागरिकों से प्यार करते हैं, उसके बाद बाकी दुनिया को प्राथमिकता देते हैं’’।
वेंस के इस बयान की काफी आलोचना हुई थी और पोप लियो ने भी उनकी आलोचना करते हुए कहा था कि वह गलत हैं।