जन्मजात नागरिकता गुलामों के बच्चों के लिए थी, अमेरिका में ‘भीड़’ लगाने के लिए नहीं: डोनाल्ड ट्रंप
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि जन्मजात नागरिकता मुख्य रूप से गुलामों के बच्चों के लिए थी, पूरे विश्व के लोगों के अमेरिका “आने और भीड़ लगाने” के लिए नहीं।
ट्रंप ने अपने कार्यकाल के पहले ही दिन जन्मजात नागरिकता के खिलाफ एक कार्यकारी आदेश पारित किया था, जिसे अगले दिन सिएटल में एक संघीय अदालत ने रद्द कर दिया था।
ट्रंप ने कहा है कि वह इसके खिलाफ अपील करेंगे। उन्होंने बृहस्पतिवार को उम्मीद जताई कि उच्चतम न्यायालय उनके पक्ष में फैसला सुनाएगा।
ट्रंप ने व्हाइट हाउस के ओवल ऑफिस में पत्रकारों से कहा, “अगर आप पीछे मुड़कर देखें तो जन्मजात नागरिकता गुलामों के बच्चों के लिए थी। इसका मतलब यह नहीं था कि पूरी दुनिया आकर अमेरिका में भीड़ लगा दे।”
उन्होंने कहा, “हर कोई आ रहा है। पूरी तरह से अयोग्य लोग आ रहे हैं, जिनके बच्चे भी शायद अयोग्य हों। उसका (जन्मजात नागरिकता का) मतलब यह तो नहीं था।” उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि उच्चतम न्यायालय में हमारी जीत होगी। मेरे हिसाब से हम इस मामले में जीत हासिल करेंगे।”
आव्रजन अध्ययन केंद्र का अनुमान है कि 2023 में अवैध आप्रवासियों से 2,25,000 से 2,50,000 बच्चे पैदा हुए।