भारतीयों का मजाक उड़ाने पर हिलेरी ने की ट्रंप की आलोचना
हिलेरी की चुनाव प्रचार मुहिम टीम के अध्यक्ष जॉन पोडेस्टा ने कहा, भारतीय कर्मियों का मजाक उड़ाना उस असम्मान को दिखाता है जो डोनाल्ड ट्रंप ने विभिन्न समूहों के प्रति दिखाया है। उन्होंने मेरीलैंड के जर्मनटाउन में इंडियन अमेरिकंस फॉर हिलेरी की औपचारिक शुरूआत के बाद संवाददाताओं से कहा, उन्होंने कट्टरता और विभाजन की मुहिम चलाई है। मुझे लगता है कि यह उस समय देश के लिए बहुत खतरनाक है जब आप सोचते हैं कि आपको मित्रों, साथियों की आवश्यकता है। वह जिस प्रकार की मुहिम चला रहे हैं, ऐसी मुहिम विश्व भर में एक-दूसरे के प्रति असम्मान और यहां घरेलू स्तर पर विभाजन एवं खतरे को जन्म देती है। ट्रंप ने इस सप्ताह डेलावेर में एक चुनाव प्रचार रैली के दौरान भारत में एक कॉल सेंटर प्रतिनिधि के अंग्रेजी में बात करने के लहजे की नकल उतारते हुए उसका मजाक उड़ाया था। उन्होंने कहा था कि उन्होंने यह पता लगाने के लिए अपनी क्रेडिट कार्ड कंपनी को फोन किया था कि क्या वह अमेरिका या विदेशों में अपने ग्राहकों को सेवाएं मुहैया कराती है। हलांकि बाद में उन्होंने भारत को एक महान देश बताते हुए कहा था कि वह भारतीय नेताओं से नाराज नहीं है।
इंडियन अमेरिकंस फॉर हिलेरी डेमोक्रेटिक उम्मीदवार हिलेरी का समर्थन करने के लिए भारतीय अमेरिकी समुदाय का प्रयास है। हिलेरी के प्रचार प्रबंधक जॉन पोडेस्टा ने वाशिंगटन के मेरीलैंड उपनगर में इंडियन-अमेरिकंस फॉर हिलेरी क्लिंटन (आईएएचसी) नाम से संगठन की कल औपचारिक शुरूआत की। न्यूयार्क के प्रचार मुख्यालय से यहां आए पोडेस्टा ने भारतीय अमेरिकियों की सभा से कहा कि यदि नवंबर में होने वाले चुनाव में हिलेरी को राष्ट्रपति चुना जाता है तो भारत और अमेरिका के संबंध नए स्तर पर पहुंचेंगे। पोडेस्टा ने कहा, जिन बातों के लिए वह प्रतिबद्ध हैं, उनमें से एक है कि किसी भी अन्य प्रशासन की तुलना में एक वृहद विविध कैबिनेट का निर्माण करना। मुझे लगता है कि उन्होंने एक सीनेटर और विदेश मंत्री के तौर पर जिम्मेदारियों के पदों पर भारतीय अमेरिकियों की नियुक्ति कर यह प्रतिबद्धता दिखाई है और मेरा मानना है कि आपको उनके अमेरिका के राष्ट्रपति बनने पर भी ऐसी उम्मीद करनी चाहिए। उन्होंने एक शीर्ष अमेरिकी थिंक टैंक की प्रमुख सेंटर फॉर अमेरिकन प्रोग्रेस की प्रमुख भारतीय-अमेरिकी नीरा टंडन का जिक्र करते हुए कहा, मैं ऐसे कम से कम एक व्यक्ति के बारे में यह सोच सकता हूं, जिनसे आपने पहले भी बात की है, जिन्हें मैं भविष्य में डेमोक्रेटिक प्रशासन में देखना चाहता हूं। उन्होंने कहा, उन्होंने विदेश मंत्री के रूप में अमेरिका और भारत के बीच मजबूत संबंध विकसित करने की कोशिश की। उन्होंने पेरिस वार्ता में परिणाम प्राप्त करने की कोशिश के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ संबंध मजबूत करने की नींव रखनी शुरू करने में वास्तव में मदद की थी।