ईरान को ट्रंप की धमकी- ओबामा की सरकार नहीं है, किसी भी हमले का देंगे माकूल जवाब
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान को चेतावनी दी है कि अमेरिकी हितों पर किसी भी तरह के हमले का माकूल जवाब दिया जाएगा। अमेरिका और ईरान के बीच तनाव बढ़ने के बीच ट्रंप ने कहा है कि अमेरिका के किसी भी चीज पर ईरान के हमले का बड़ा और करारा जवाब दिया जाएगा। उन्होंने कहा है कि ईरान के नेता सिर्फ ताकत और बल को समझते हैं, उन्हें पता होना चाहिए कि अमेरिका के पास दुनिया का सबसे शक्तिशाली सैन्य बल है। बता दें कि एक दिन पहले ही ट्रंप ने ईरान पर कड़े प्रतिबंध लगाने वाले आदेश पर दस्तखत किए हैं, जिस पर ईरान ने तीखी प्रतिक्रिया दी।
डोनाल्ड ट्रंप ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से एक के बाद एक कई ट्वीट किए और ईरान पर हमला बोला। ट्रंप ने ट्वीट में कहा, 'ईरान का नेतृत्व अच्छा और सहानुभूति जैसे शब्दों को नहीं समझता है। उनके पास यह नहीं है। दुख की बात है कि वे स्ट्रेंथ और शक्ति को समझते हैं और अमेरिका दुनिया की सबसे शक्तिशाली सैन्य बल है, जिसने पिछले दो सालों में ही 1.5 ट्रिलियन डॉलर का निवेश किया है।'
डोनाल्ड ट्रंप ने एक और ट्वीट में आगे लिखा, 'बेहतरीन ईरानी लोगों को बेकार में ही मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है। उनका नेतृत्व अपना पूरा पैसा आतंकवाद पर खर्च कर रही है और दूसरी चीजों पर काफी कम। अमेरिका भूला नहीं है कि ईरान ने आईईडी और ईएफपी (बम) का इस्तेमाल कर 2000 अमेरिकियों की जानें ली हैं और बड़ी संख्या में लोग जख्मी हुए।
‘अब ओबामा सरकार में नहीं है’
ट्रंप ने आगे लिखा, 'ईरान का बेहद अज्ञानतापूर्ण और अपमानजनक बयान आया है, इससे यह दिखता है कि वे सच्चाई को नहीं समझ रहे हैं। अमेरिकी हितों पर ईरान का किसी भी हमले का करारा जवाब दिया जाएगा। कुछ क्षेत्रों में यह पूरी तरह से तबाही ला देगा। अब जॉन कैरी और ओबामा सरकार में नहीं हैं।'
अमेरिका ने लगाए कड़े प्रतिबंध
इससे पहले अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा था कि ईरान के खिलाफ आक्रमण शुरू करने के लिए उन्हें कांग्रेस (संसद) की मंजूरी लेने की जरूरत नहीं है। ट्रम्प ने द हिल अखबार को दिये साक्षात्कार में कहा कि उन्हें कांग्रेस की अनुमति लिये बिना ईरान पर आक्रमण करने का अधिकार है। उन्होंने कहा, “हम कांग्रेस को हमेशा जानकारी दे रहे हैं कि हम क्या कर रहे हैं, लेकिन हमें यह कानूनी रूप से नहीं करना है।” उल्लेखनीय है कि अमेरिका के डेमोक्रेटिक नेताओं ने मांग की है कि ईरान या अन्य किसी देश के खिलाफ किसी आक्रमण से पहले ट्रम्प को कांग्रेस से अनुमति लें।
ईरान की तीखी प्रतिक्रिया
इधर, अमेरिका की नयी पाबंदी पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए ईरान ने कहा कि वार्ता की पेशकश पर अमेरिका झूठ बोल रहा है और यह ट्रंप प्रशासन के साथ कूटनीति के अंत का संकेत है। अमेरिका ने सोमवार को ईरान के शीर्ष नेता खामेनी और शीर्ष सैन्य प्रमुखों के खिलाफ नए प्रतिबंध लगाते हुए कहा कि वह विदेश मंत्री जवाद जरीफ पर भी प्रतिबंध लगाएगा।
ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने मंगलवार को कहा कि विदेश मंत्री मोहम्मद जवाद जरीफ सहित ईरान के शीर्ष अधिकारियों के खिलाफ नए अमेरिकी प्रतिबंध दिखाते हैं कि वाशिंगटन वार्ता की पेशकश पर ''झूठ बोल रहा है। टेलीविजन पर सीधे प्रसारित मंत्रियों के साथ बैठक में रूहानी ने कहा, ''आप विदेश मंत्री पर पाबंदी लगाते हैं और वार्ता का भी आह्वान करते है? साफ है कि आप झूठ बोल रहे हैं।
उनके इस बयान के पहले अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन ने कहा कि वाशिंगटन ने सच्ची वार्ता के लिए दरवाजे खोले लेकिन इसके जवाब में ईरान ने गहरी चुप्पी अख्तियार कर रखी है। रूहानी ने सर्वोच्च नेता आयतुल्ला अली खामेनी का नाम काली सूची में डालने के औचित्य पर भी सवाल उठाए और कहा कि यह दिखाता है कि वाशिंगटन 'भ्रमित है।
ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अब्बास मौसावी ने मंगलवार को कहा ''नयी पाबंदी का मतलब है कि ट्रंप की हताश सरकार के साथ कूटनीति का रास्ता स्थायी तौर पर बंद हो गया है। अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने कहा कि वाशिंगटन के साथ वार्ता की पेशकश पर ईरान खामोश है। बोल्टन ने एक बयान में कहा, ''राष्ट्रपति ने वार्ता के लिए द्वार खोले हैं। लेकिन जवाब में ईरान गहरी चुप्पी साधे है।
इनपुट एजेंसी