अमेरिका में 23 फरवरी को पहली बार भारतवंशी को दी जाएगी सजा-ए-मौत
रघुनंदन यंदमुरी को 23 फरवरी को मौत की सजा दी जाएगी। अमेरिका में मृत्युदंड पाने वाला भारतीय मूल का वह पहला शख्स है। 32 साल के यंदमुरी ने 61 साल की एक भारतीय महिला और उनकी 10 महीने की नातिन को अगवा कर हत्या कर दी थी। इस जुर्म में उसे 2014 में मौत की सजा सुनाई गई थी।
स्थानीय अधिकारियों के मुताबिक रघुनंदन को मौत की सजा दिए जाने की तारीख 23 फरवरी निर्धारित की गई है। संघीय अधिकारियों ने उस पर फिरौती के लिए हत्याएं करने का आरोप लगाया था। हालांकि सजा स्थगित भी की जा सकती है, क्योंकि पेन्सिल्वेनिया के गवर्नर टॉम वुल्फ ने 2015 से मृत्युदंड पर रोक लगा रखी है।
पेन्सिल्वेनिया प्रशासन के एक बयान के मुताबिक, 'मौत की सजा पर कानून के मुताबिक जब गवर्नर एक निश्चित समयसीमा में मृत्युदंड के वारंट पर हस्ताक्षर नहीं करते हैं तो सेक्रटरी ऑफ करेक्शंस 30 दिनों के भीतर मृत्युदंड का नोटिस जारी कर सकते हैं।' पेन्सिल्वेनिया में पिछले 20 वर्षों से किसी को भी मृत्युदंड की सजा नहीं दी गई है।
आंध्र प्रदेश का रहने वाला रघुनंदन एच-1बी वीजा पर अमेरिका गया था। उसने इलेक्ट्रिकल और कंप्यूटर साइंस इंजिनियरिंग में डिग्री ले रखी है। दोषी ठहराए जाने के बाद उसने खुद के लिए मौत की सजा मांगी थी। लेकिन, बाद में सजा के खिलाफ अपील की जो पिछले साल अप्रैल में खारिज कर दी गई थी। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक उसे जहरीला इंजेक्शन देकर मौत की सजा दी जाएगी।